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कोरोना मरीजों के लिए भारत सेवाश्रम संघ ने तोड़ी 104 साल पुरानी परंपरा, जानिए क्या है मामला

कोरोना मरीजों को प्रोटीन का भोजन मुहैया कराने के उद्देश्य से स्वामी प्रणबानंद द्वारा स्थापित भारत सेवाश्रम संघ ने अपनी 104 साल पुरानी परंपरा से हटने का फैसला किया है. फलस्वरूप अब यहां की रसोई में मांसाहारी खाद्य पदार्थ बनाए जा सकेंगे.

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Published : May 23, 2021, 9:22 AM IST

Updated : May 23, 2021, 12:26 PM IST

भारत सेवाश्रम संघ
भारत सेवाश्रम संघ

कोलकाता : स्वामी प्रणबानंद द्वारा स्थापित भारत सेवाश्रम संघ ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए एक अस्पताल की स्थापना की है. वहीं कोविड के मरीजों को उचित प्रोटीन आहार दिया जा सके इसलिए संघ ने अपनी 104 पुरानी परंपरा से हटकर अपनी रसोई में मांसाहारी खाद्य पदार्थ बनाने का फैसला किया है.

संघ की स्थापना स्वामी प्रणबानंद ने 1971 में की थी. शुरुआत से ही उनके द्वारा संचालित रसोई में मांसाहारी खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, मांस या मछली बनाने की अनुमति नहीं थी. लेकिन इस बार संघ के अधिकारियों ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों को उचित आहार प्रदान करने के लिए इस परंपरा से हटने का निर्णय लिया है.

इसीक्रम में शुक्रवार को संघ के अधिकारियों ने कोलकाता के दक्षिणी बाहरी इलाके गरिया में एक कोविड-19 अस्पताल का उद्घाटन किया. इसमें कोरोना मरीजों के लिए दो फ्लोर रखे गए हैं. इस अस्पताल की स्थापना में संघ के पूर्व छात्र राजीव दत्ता ने अहम भूमिका अदा की.उन्होंने एथेना एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के सहयोग से इस अस्पताल की स्थापना की.

पढ़ें - गुजरात: लॉकडाउन में छूट, 15 हजार महिलाओं ने कराई पार्लर में एडवांस बुकिंग, बिना मास्क घूम रहे लोग

कोरोना मरीजों के लिए प्रोटीन एक महत्वपूर्ण आहार है, इसलिए संघ के स्वामीजी द्वारा रसोई में मांसाहारी भोजन बनाने की अनुमति दी गई है. उन्हें लगता है कि धार्मिक विश्वास और परंपरा से ज्यादा समय की जरूरत मरीजों को ठीक होने में मदद करना है.

बताया गया है कि शुरु में उक्त अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए 25 बेड आवंटित किए गए थे. इसके बाद पांच अतिरिक्त बेड उपलब्ध कराए गए. अस्पताल के 20 बेड में ऑक्सीजन की सुविधा है. इसमें ऑक्सीजन का स्तर 85 से अधिक होने वाले मरीजों को रखा जाता है. हालांकि उनके पास होम क्वारंटाइन की सुविधा नहीं है.

इस अस्पताल में अब तक कुल तीन मरीजों को भर्ती किया गया है. इनकी देखभाल के लिए दो डॉक्टर और चार नर्सिंग स्टाफ चौबीस घंटे मौजूद रहते हैं. इनके अलावा उनकी सहायता के लिए 12 स्वयंसेवक भी हैं.

कोलकाता : स्वामी प्रणबानंद द्वारा स्थापित भारत सेवाश्रम संघ ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए एक अस्पताल की स्थापना की है. वहीं कोविड के मरीजों को उचित प्रोटीन आहार दिया जा सके इसलिए संघ ने अपनी 104 पुरानी परंपरा से हटकर अपनी रसोई में मांसाहारी खाद्य पदार्थ बनाने का फैसला किया है.

संघ की स्थापना स्वामी प्रणबानंद ने 1971 में की थी. शुरुआत से ही उनके द्वारा संचालित रसोई में मांसाहारी खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, मांस या मछली बनाने की अनुमति नहीं थी. लेकिन इस बार संघ के अधिकारियों ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों को उचित आहार प्रदान करने के लिए इस परंपरा से हटने का निर्णय लिया है.

इसीक्रम में शुक्रवार को संघ के अधिकारियों ने कोलकाता के दक्षिणी बाहरी इलाके गरिया में एक कोविड-19 अस्पताल का उद्घाटन किया. इसमें कोरोना मरीजों के लिए दो फ्लोर रखे गए हैं. इस अस्पताल की स्थापना में संघ के पूर्व छात्र राजीव दत्ता ने अहम भूमिका अदा की.उन्होंने एथेना एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के सहयोग से इस अस्पताल की स्थापना की.

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कोरोना मरीजों के लिए प्रोटीन एक महत्वपूर्ण आहार है, इसलिए संघ के स्वामीजी द्वारा रसोई में मांसाहारी भोजन बनाने की अनुमति दी गई है. उन्हें लगता है कि धार्मिक विश्वास और परंपरा से ज्यादा समय की जरूरत मरीजों को ठीक होने में मदद करना है.

बताया गया है कि शुरु में उक्त अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए 25 बेड आवंटित किए गए थे. इसके बाद पांच अतिरिक्त बेड उपलब्ध कराए गए. अस्पताल के 20 बेड में ऑक्सीजन की सुविधा है. इसमें ऑक्सीजन का स्तर 85 से अधिक होने वाले मरीजों को रखा जाता है. हालांकि उनके पास होम क्वारंटाइन की सुविधा नहीं है.

इस अस्पताल में अब तक कुल तीन मरीजों को भर्ती किया गया है. इनकी देखभाल के लिए दो डॉक्टर और चार नर्सिंग स्टाफ चौबीस घंटे मौजूद रहते हैं. इनके अलावा उनकी सहायता के लिए 12 स्वयंसेवक भी हैं.

Last Updated : May 23, 2021, 12:26 PM IST
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