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जायडस कैडिला को कोविड टीके के तीसरे चरण के परीक्षण की मिली मंजूरी - Zydus Cadila

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने जायडस कैडिला द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड-19 के टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए मंजूरी दे दी है. यह देश का पहला संभावित डीएनए टीका है. पहले और दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़े बताते हैं कि यह टीका सुरक्षित है.

जायडस कैडिला कोविड टीका
जायडस कैडिला कोविड टीका
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Published : Jan 3, 2021, 9:10 PM IST

नई दिल्ली : जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने रविवार को कहा कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने जायडस कैडिला द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड-19 के देश के पहले संभावित डीएनए टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए मंजूरी दे दी है.

जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के तत्वावधान में राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन (एनबीएम) ने संभावित टीके के लिए सहयोग प्रदान किया है.

डीबीटी ने कहा, 'कोविड-19 के खिलाफ देश के पहले संभावित स्वदेश विकसित डीएनए टीके को तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के लिए डीसीजीआई की मंजूरी मिल गई है.'

जायडस कैडिला ने एक हजार से अधिक प्रतिभागियों में इस संभावित डीएनए टीके के पहले और दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण पूरा कर लिया है और अंतरिम आंकड़े बताते हैं कि टीका सुरक्षित है.

डीबीटी ने कहा, 'अंतरिम आंकड़ों का अध्ययन करने वाली विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर डीसीजीआई ने 26,000 भारतीय प्रतिभागियों में तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने के लिए स्वीकृति दे दी है.'

पढ़ें- गुजरात: मोदी ने जाइडस कैडिला के संयंत्र में टीका विकास की समीक्षा की

डीबीटी सचिव और बीआईआरएसी अध्यक्ष रेणु स्वरूप ने उम्मीद जताई कि संभावित टीका सकारात्मक परिणाम देता रहेगा.

नई दिल्ली : जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने रविवार को कहा कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने जायडस कैडिला द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड-19 के देश के पहले संभावित डीएनए टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए मंजूरी दे दी है.

जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के तत्वावधान में राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन (एनबीएम) ने संभावित टीके के लिए सहयोग प्रदान किया है.

डीबीटी ने कहा, 'कोविड-19 के खिलाफ देश के पहले संभावित स्वदेश विकसित डीएनए टीके को तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के लिए डीसीजीआई की मंजूरी मिल गई है.'

जायडस कैडिला ने एक हजार से अधिक प्रतिभागियों में इस संभावित डीएनए टीके के पहले और दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण पूरा कर लिया है और अंतरिम आंकड़े बताते हैं कि टीका सुरक्षित है.

डीबीटी ने कहा, 'अंतरिम आंकड़ों का अध्ययन करने वाली विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर डीसीजीआई ने 26,000 भारतीय प्रतिभागियों में तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने के लिए स्वीकृति दे दी है.'

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डीबीटी सचिव और बीआईआरएसी अध्यक्ष रेणु स्वरूप ने उम्मीद जताई कि संभावित टीका सकारात्मक परिणाम देता रहेगा.

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