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जियोमीट में नहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की टाइम लिमिट, जूम पर सिर्फ 40 मिनट फ्री सुविधा - no time limit on JioMeet

रिलायंस जियो ने जियोमीट नाम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए नया ऐप बाजार में उतारा है. जियोमीट में 100 लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ सकते हैं, वो भी बिलकुल मुफ्त. जूम ऐप में जहां इसके बेसिक या मुफ्त प्लान में महज 40 मिनट तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जा सकती है, वहीं जियोमीट में 24 घंटे तक ग्रुप में मुफ्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जा सकती है.

जियोमीट जूम
जियोमीट जूम
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Published : Jul 7, 2020, 2:41 AM IST

नई दिल्ली : रिलायंस जियो ने जियोमीट नाम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए नया ऐप बाजार में उतारा है. जियोमीट में 100 लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ सकते हैं, वो भी बिलकुल मुफ्त. जूम ऐप में जहां इसके बेसिक या मुफ्त प्लान में महज 40 मिनट तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जा सकती है, वहीं जियोमीट में 24 घंटे तक ग्रुप में मुफ्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जा सकती है.

कंपनी के सूत्रों ने कहा कि जूम पर 40 मिनट से अधिक की बैठक के लिए मासिक शुल्क 15 डॉलर है. सालाना आधार पर यह 180 डॉलर बैठेगा. वहीं जियोमीट इससे अधिक सुविधा मुफ्त में उपलब्ध करा रही है. इससे जूम बैठक आयोजित करने वाले को जियोमीट का इस्तेमाल करने पर सालाना 13,500 रुपये की बचत होगी.

जियोमीट पर ग्राहक 24 घंटे तक मुफ्त में बातचीत कर सकते हैं. समयसीमा के कारण जूम पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने वालो को हर 40 मिनट में दोबारा लॉगइन करना पड़ता है. यह ग्राहकों का समय बर्बाद करने के साथ ही उनके लिए एक खराब अनुभव भी है.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक कूटलेखन और पासवर्ड से संरक्षित रहेगी.

  • घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) के कारण दफ्तर की महत्वपूर्ण बैठक या तो 40 मिनट से पहले समाप्त करनी पड़ती है या फिर दोबारा लॉगइन करना होगा, अन्यथा लंबी कॉन्फ्रेंसिंग के लिए सालाना लगभग 180 डॉलर चुकाने पड़ते हैं.
  • शिक्षा क्षेत्र में भी जहां संसाधन सीमित हैं, वहां जूम ऐप समय का प्रतिबंध ऑनलाइन कक्षाओं में बाधा उत्पन्न कर रहा है.
  • समयसीमा के अलावा भी जियोमीट सुविधाओं के मामले में जूम पर कहीं भारी पड़ेगा. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रतिभागी डबल क्लिक करके किसी भी अन्य प्रतिभागी की वीडियो विंडो को बड़ा कर सकते हैं, जबकि जूम में यह सुविधा नहीं है.

इसके अलावा जियोमीट में अगर होस्ट चाहे कि किसी एक संस्था के लोग ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हिस्सा लें तो वह संस्थान की मेल आईडी से लॉगइन कर सकता है. इससे संस्थान के अलावा अन्य कोई भी बैठक का हिस्सा नहीं बन पाएगा. जूम में यह सुविधा भी उपलब्ध नहीं है.

  • जूम ऐप में अगर आप को अचानक बाहर जाना पड़ जाए और आप चाहते हैं कि आप बिना संपर्क टूटे (डिस्कनेक्ट हुए) लैपटॉप के बजाए मोबाइल पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े रहें, तो यह संभव नहीं है.
  • जियोमीट पर आप यह आसानी से कर सकते हैं. आप जब चाहें जिस भी डिवाइस से चाहें बिना डिस्कनेक्ट हुए विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े रह सकते हैं. जि
  • योमीट को किसी भी प्लेटफॉर्म से व किसी भी डिवाइस से एक्सेस किया जा सकता है.

अगर आप मोबाइल से कनेक्टेड है तो जूम ऐप में आप मात्र चार प्रतिभागियों को एक बार में देख सकते हैं और बाकियों को देखने के लिए आपको स्क्रॉल करना पड़ता है, जबकि जियोमीट में एक बार में आठ प्रतिभागियों को देखा जा सकता है.

  • सुरक्षा के मामले में भी जियोमीट, जूम से बेहतर स्थिति में है. फरवरी और मार्च माह में सरकार की तरफ से जूम को असुरक्षित प्लेटफॉर्म माना गया था.
  • जियोमीट के जरिये एक दिन में कितनी भी बैठकें आयोजित की जा सकती हैं और कोई भी बैठक बिना किसी बाधा के 24 घंटे चल सकती है. प्रत्येक बैठक पासवर्ड से संरक्षित है. बैठक आयोजित करने वाला व्यक्ति वेटिंग रूम की सुविधा का इस्तेमाल कर सकता है.
  • इससे कोई भी भागीदार बैठक में बिना अनुमति शामिल नहीं हो सकता. इसमें ग्रुप बनाने की अनुमति है. सिर्फ एक क्लिक पर कॉलिंग या चैटिंग की जा सकती है.

कंपनी सूत्रों ने कहा कि जियोमीट में समय की कोई सीमा नहीं होने की वजह से शिक्षकों को अपनी ऑनलाइन कक्षाओं को छोटा करने की जरूरत नहीं होगी. इस ऐप के जरिये राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनार तथा सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- रिलायंस ने पेश की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जियोमीट, जूम को देगी टक्कर

  • गूगल प्ले स्टोर पर इस ऐप के कई फीचर्स की जानकारी दी गई है. इसके अनुसार जियोमीट के लिए मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी के जरिये आसानी से ‘साइन अप’ किया जा सकता है.
  • इसमें तुरंत बैठक आयोजित की जा सकती है. एचडी ऑडियो और वीडियो गुणवत्ता वाली बैठक का समय पहले से तय किया जा सकता और बैठक में भाग लेने वाले लोगों को इसकी जानकारी दी जा सकती है. जियोमीट पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए अब किसी इनवाइट कोड की जरूरत नहीं पड़ेगी.
  • इसकी खास बात यह है कि 100 से अधिक यूजर्स एक बार में जियोमीट पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ सकते हैं. जियोमीट लगभग सभी तरह के डिवाइस पर बखूबी काम करता है.

जियोमीट को गूगल प्लेस्टोर या एप्पल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. यह एंड्रॉएड और एप्पल पर समान रूप से काम करता है. जियोमीट माइक्रोसॉफ्ट विंडोस को भी सपोर्ट करता है, इसलिए यूजर्स इसे डेस्कटॉप या लेपटॉप पर भी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं.

ऐसे समय में जब साइबर सुरक्षा एक प्रमुख मुद्दा बन चुका है और चीनी ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, यह जियोमीट के लिए बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने का एक बेहतरीन मौका है.

यह भी पढ़ें- 'चीनी ऐप पर प्रतिबंध ने भारतीय, अमेरिकी स्टार्टअप को दिया मौका'

नई दिल्ली : रिलायंस जियो ने जियोमीट नाम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए नया ऐप बाजार में उतारा है. जियोमीट में 100 लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ सकते हैं, वो भी बिलकुल मुफ्त. जूम ऐप में जहां इसके बेसिक या मुफ्त प्लान में महज 40 मिनट तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जा सकती है, वहीं जियोमीट में 24 घंटे तक ग्रुप में मुफ्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जा सकती है.

कंपनी के सूत्रों ने कहा कि जूम पर 40 मिनट से अधिक की बैठक के लिए मासिक शुल्क 15 डॉलर है. सालाना आधार पर यह 180 डॉलर बैठेगा. वहीं जियोमीट इससे अधिक सुविधा मुफ्त में उपलब्ध करा रही है. इससे जूम बैठक आयोजित करने वाले को जियोमीट का इस्तेमाल करने पर सालाना 13,500 रुपये की बचत होगी.

जियोमीट पर ग्राहक 24 घंटे तक मुफ्त में बातचीत कर सकते हैं. समयसीमा के कारण जूम पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने वालो को हर 40 मिनट में दोबारा लॉगइन करना पड़ता है. यह ग्राहकों का समय बर्बाद करने के साथ ही उनके लिए एक खराब अनुभव भी है.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक कूटलेखन और पासवर्ड से संरक्षित रहेगी.

  • घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) के कारण दफ्तर की महत्वपूर्ण बैठक या तो 40 मिनट से पहले समाप्त करनी पड़ती है या फिर दोबारा लॉगइन करना होगा, अन्यथा लंबी कॉन्फ्रेंसिंग के लिए सालाना लगभग 180 डॉलर चुकाने पड़ते हैं.
  • शिक्षा क्षेत्र में भी जहां संसाधन सीमित हैं, वहां जूम ऐप समय का प्रतिबंध ऑनलाइन कक्षाओं में बाधा उत्पन्न कर रहा है.
  • समयसीमा के अलावा भी जियोमीट सुविधाओं के मामले में जूम पर कहीं भारी पड़ेगा. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रतिभागी डबल क्लिक करके किसी भी अन्य प्रतिभागी की वीडियो विंडो को बड़ा कर सकते हैं, जबकि जूम में यह सुविधा नहीं है.

इसके अलावा जियोमीट में अगर होस्ट चाहे कि किसी एक संस्था के लोग ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हिस्सा लें तो वह संस्थान की मेल आईडी से लॉगइन कर सकता है. इससे संस्थान के अलावा अन्य कोई भी बैठक का हिस्सा नहीं बन पाएगा. जूम में यह सुविधा भी उपलब्ध नहीं है.

  • जूम ऐप में अगर आप को अचानक बाहर जाना पड़ जाए और आप चाहते हैं कि आप बिना संपर्क टूटे (डिस्कनेक्ट हुए) लैपटॉप के बजाए मोबाइल पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े रहें, तो यह संभव नहीं है.
  • जियोमीट पर आप यह आसानी से कर सकते हैं. आप जब चाहें जिस भी डिवाइस से चाहें बिना डिस्कनेक्ट हुए विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े रह सकते हैं. जि
  • योमीट को किसी भी प्लेटफॉर्म से व किसी भी डिवाइस से एक्सेस किया जा सकता है.

अगर आप मोबाइल से कनेक्टेड है तो जूम ऐप में आप मात्र चार प्रतिभागियों को एक बार में देख सकते हैं और बाकियों को देखने के लिए आपको स्क्रॉल करना पड़ता है, जबकि जियोमीट में एक बार में आठ प्रतिभागियों को देखा जा सकता है.

  • सुरक्षा के मामले में भी जियोमीट, जूम से बेहतर स्थिति में है. फरवरी और मार्च माह में सरकार की तरफ से जूम को असुरक्षित प्लेटफॉर्म माना गया था.
  • जियोमीट के जरिये एक दिन में कितनी भी बैठकें आयोजित की जा सकती हैं और कोई भी बैठक बिना किसी बाधा के 24 घंटे चल सकती है. प्रत्येक बैठक पासवर्ड से संरक्षित है. बैठक आयोजित करने वाला व्यक्ति वेटिंग रूम की सुविधा का इस्तेमाल कर सकता है.
  • इससे कोई भी भागीदार बैठक में बिना अनुमति शामिल नहीं हो सकता. इसमें ग्रुप बनाने की अनुमति है. सिर्फ एक क्लिक पर कॉलिंग या चैटिंग की जा सकती है.

कंपनी सूत्रों ने कहा कि जियोमीट में समय की कोई सीमा नहीं होने की वजह से शिक्षकों को अपनी ऑनलाइन कक्षाओं को छोटा करने की जरूरत नहीं होगी. इस ऐप के जरिये राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनार तथा सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- रिलायंस ने पेश की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जियोमीट, जूम को देगी टक्कर

  • गूगल प्ले स्टोर पर इस ऐप के कई फीचर्स की जानकारी दी गई है. इसके अनुसार जियोमीट के लिए मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी के जरिये आसानी से ‘साइन अप’ किया जा सकता है.
  • इसमें तुरंत बैठक आयोजित की जा सकती है. एचडी ऑडियो और वीडियो गुणवत्ता वाली बैठक का समय पहले से तय किया जा सकता और बैठक में भाग लेने वाले लोगों को इसकी जानकारी दी जा सकती है. जियोमीट पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए अब किसी इनवाइट कोड की जरूरत नहीं पड़ेगी.
  • इसकी खास बात यह है कि 100 से अधिक यूजर्स एक बार में जियोमीट पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ सकते हैं. जियोमीट लगभग सभी तरह के डिवाइस पर बखूबी काम करता है.

जियोमीट को गूगल प्लेस्टोर या एप्पल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. यह एंड्रॉएड और एप्पल पर समान रूप से काम करता है. जियोमीट माइक्रोसॉफ्ट विंडोस को भी सपोर्ट करता है, इसलिए यूजर्स इसे डेस्कटॉप या लेपटॉप पर भी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं.

ऐसे समय में जब साइबर सुरक्षा एक प्रमुख मुद्दा बन चुका है और चीनी ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, यह जियोमीट के लिए बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने का एक बेहतरीन मौका है.

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