नई दिल्ली : मार्क्सवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और कश्मीर से विधायक रहे यूसुफ तारिगामी ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जैसी परिस्थितियां सरकार ने कश्मीर में बना रखी हैं, उसमें अच्छा होगा कि वह कश्मीर को जेल घोषित कर दें. इसके बाद वहां के नेताओं और नागरिकों पर किसी भी तरह के कानून लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
यूसुफ तारिगामी का यह तंज कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों व अन्य नेताओं पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट लगाए जाने पर था.
दिल्ली में मीडिया से बातचीत करने के दौरान यूसुफ तारिगामी ने आगाह किया कि कश्मीर में हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं. जबकि सरकार बार-बार यह कहती है कि वहां हालात सामान्य हैं.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता ने कहा कि अगर सरकार के मुताबिक हालात सामान्य हैं, तो वहां चुनाव क्यों नहीं करा दिए जाते?
उन्होंने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पैदा हुए हालात को ध्यान में रखकर युवाओं, किसानों और आम नागरिकों से जुड़े मुद्दे उठाएं. तारिगामी ने कहा कि इस तरह की परिस्थितियां न केवल कश्मीर के लिए खतरनाक हैं, बल्कि यह पूरे देश को प्रभावित करेंगी.
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कश्मीरी नेता का कहना है कि वहां के लोग भारत के लोकतंत्र का हिस्सा बनना चाहते हैं, लेकिन यहां इस तरह से बताया जाता है की सभी कश्मीरी आतंकी हैं या पाकिस्तानी होना चाहते हैं जो कि गलत है.
लेह और कारगिल के लोगों का जिक्र करते हुए यूसुफ तारिगामी ने कहा कि आज वहां की जनता भी रो रही है और वह लोग भी यही चाहते हैं कि उनकी अपनी पहचान बरकरार रहे और जो अधिकार उन्हें महाराजा हरि सिंह के समय में दिए गए थे वही अधिकार उन्हें आज भी मिले.
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने विदेशी राजनयिकों के प्रतिनिधिमंडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि उस तरह की कवायद का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि जम्मू कश्मीर में पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 हटने के बाद आज भी हालात नहीं सुधरे हैं.