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यूपी : दो से ज्यादा बच्चे, तो पंचायत चुनाव लड़ने पर लग सकती है रोक

उत्तर प्रदेश में दिसंबर के महीने में संभावित त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव हो सकते हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार इस चुनाव में दो से अधिक बच्चे वाले उम्मीदवारों पर रोक लगा सकती है. इसके लिए सरकार जल्द ही विधेयक भी ला सकती है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : Aug 30, 2020, 5:01 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए सरकार दो से अधिक बच्चे होने वाले लोगों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने की तैयारी कर रही है. जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से योगी आदित्यनाथ सरकार इन चुनावों में उम्मीदवारी को लेकर कुछ बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव कर सकती है.

सूत्रों के अनुसार जिन महिला या पुरुष उम्मीदवारों के दो से अधिक बच्चे होंगे, उन्हें चुनाव लड़ने में अयोग्य घोषित करने की तैयारी है. इसके लिए योगी सरकार जल्द ही पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चे वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोकने व शैक्षिक योग्यता को भी निर्धारित करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव ला सकती है.

उत्तर प्रदेश में दिसंबर महीने में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के कोरोना वायरस के चलते छह महीने आगे बढ़ाए जाने के बीच अब योगी सरकार दो से अधिक बच्चे होने पर पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगाने पर विचार कर रही है. पंचायत चुनाव के अंतर्गत ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव में शैक्षिक योग्यता और दो से अधिक बच्चे वाले महिला व पुरुष उम्मीदवारों के चुनाव में भाग लेने पर रोक लगाने की पूरी तैयारी पंचायती विभाग की तरफ से कर ली गई है. अभी मुख्यमंत्री के स्तर पर सहमति मिलने के बाद कैबिनेट स्तर से प्रस्ताव पारित कराए जाने की चर्चा है.

शैक्षिक योग्यता का भी होगा निर्धारण
जानकारी के अनुसार, पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का भी निर्धारण सरकार करेगी. इसमें ग्राम पंचायत चुनाव में महिला और आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम आठवीं पास शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए. इसी प्रकार जिला पंचायत सदस्य के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं पास निर्धारित करने की बात हो रही है. जिला पंचायत के महिला व आरक्षित वर्ग और क्षेत्र पंचायत के लिए न्यूनतम 10वीं पास होने पर चुनाव में प्रतिभाग करने की सहमति सरकार में बनी है.

इसे भी पढ़ें- कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की कोई जल्दी नहीं, आसमान नहीं टूट रहा

संशोधन के लिए पेश किया जा सकता है विधेयक
इसके लिए योगी सरकार पंचायती राज एक्ट में संशोधन के लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव ला सकती है. विधानसभा के अगले सत्र में पंचायती राज संशोधन कानून से संबंधित विधेयक पेश किया जा सकता है. अप्रैल 2021 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी करने से पहले सरकार शैक्षिक योग्यता दो से अधिक बच्चे होने पर चुनाव लड़ने में रोक लगाए जाने के फैसले को लेकर कानून बनाने पर सरकार विचार कर रही है.

उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस संबंध में सुझाव दे चुके हैं. इससे पहले केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर दो से ज्यादा बच्चे वाले लोगों को पंचायती राज चुनाव में प्रतिभाग न करने पर रोक लगाए जाने की मांग कर चुके हैं. भाजपा नेतृत्व भी इस दिशा में अपनी सहमति दे चुका है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए सरकार दो से अधिक बच्चे होने वाले लोगों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने की तैयारी कर रही है. जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से योगी आदित्यनाथ सरकार इन चुनावों में उम्मीदवारी को लेकर कुछ बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव कर सकती है.

सूत्रों के अनुसार जिन महिला या पुरुष उम्मीदवारों के दो से अधिक बच्चे होंगे, उन्हें चुनाव लड़ने में अयोग्य घोषित करने की तैयारी है. इसके लिए योगी सरकार जल्द ही पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चे वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोकने व शैक्षिक योग्यता को भी निर्धारित करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव ला सकती है.

उत्तर प्रदेश में दिसंबर महीने में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के कोरोना वायरस के चलते छह महीने आगे बढ़ाए जाने के बीच अब योगी सरकार दो से अधिक बच्चे होने पर पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगाने पर विचार कर रही है. पंचायत चुनाव के अंतर्गत ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव में शैक्षिक योग्यता और दो से अधिक बच्चे वाले महिला व पुरुष उम्मीदवारों के चुनाव में भाग लेने पर रोक लगाने की पूरी तैयारी पंचायती विभाग की तरफ से कर ली गई है. अभी मुख्यमंत्री के स्तर पर सहमति मिलने के बाद कैबिनेट स्तर से प्रस्ताव पारित कराए जाने की चर्चा है.

शैक्षिक योग्यता का भी होगा निर्धारण
जानकारी के अनुसार, पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का भी निर्धारण सरकार करेगी. इसमें ग्राम पंचायत चुनाव में महिला और आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम आठवीं पास शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए. इसी प्रकार जिला पंचायत सदस्य के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं पास निर्धारित करने की बात हो रही है. जिला पंचायत के महिला व आरक्षित वर्ग और क्षेत्र पंचायत के लिए न्यूनतम 10वीं पास होने पर चुनाव में प्रतिभाग करने की सहमति सरकार में बनी है.

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संशोधन के लिए पेश किया जा सकता है विधेयक
इसके लिए योगी सरकार पंचायती राज एक्ट में संशोधन के लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव ला सकती है. विधानसभा के अगले सत्र में पंचायती राज संशोधन कानून से संबंधित विधेयक पेश किया जा सकता है. अप्रैल 2021 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी करने से पहले सरकार शैक्षिक योग्यता दो से अधिक बच्चे होने पर चुनाव लड़ने में रोक लगाए जाने के फैसले को लेकर कानून बनाने पर सरकार विचार कर रही है.

उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस संबंध में सुझाव दे चुके हैं. इससे पहले केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर दो से ज्यादा बच्चे वाले लोगों को पंचायती राज चुनाव में प्रतिभाग न करने पर रोक लगाए जाने की मांग कर चुके हैं. भाजपा नेतृत्व भी इस दिशा में अपनी सहमति दे चुका है.

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