लखनऊ : सीएम योगी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों में दोषियों को जल्द सजा दिलाने के लिए 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट शुरू करने का निर्णय किया गया. इसके लिए बजटीय प्रावधान से लेकर पीठासीन अधिकारियों की तैनाती तक के प्रावधान किए गए हैं.
सरकर कैबिनेट की सूचना हाईकोर्ट को आज ही दे देगी. प्रदेश में खुलने वाले फास्ट ट्रैक कोर्ट जल्द ही अपना काम शुरू कर देंगे.
महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध के लिए 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले जाएंगे
विधि मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा महिलाओं के प्रति अपराध से मुख्यमंत्री चिंतित हैं. सरकार सभी अपराधियों के खिलाफ कानून पालन कराने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने यह भी कहा है कि ऐसी बातों को देखते हुए उनके शीघ्र निस्तारण के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट केवल उन्हीं मामलों की सुनवाई के लिए, जिसमें महिलाओं के प्रति अपराध और बच्चों के अपराध के लिए अलग से कोर्ट बनाए जाएं. 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले जा रहे हैं. 144 कोर्ट रेगुलर कोर्ट होंगे जो केवल दुष्कर्म के मामले देखेंगे. इसके अलावा बच्चों के प्रति अपराध के लिए 74 पॉक्सो कोर्ट बनाए जाएंगे.
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63 लाख रुपये प्रति कोर्ट हर साल आएगा खर्च
पीठासीन अधिकारियों के 218 पद भरे जाएंगे. उनका स्टाफ भी भरा जाएगा. कोर्ट संचालन के लिए 63 लाख रुपये प्रति कोर्ट हर साल खर्च आएगा. अगर किराए के भवन में कोर्ट संचालित होगा तो तीन लाख 90 हजार किराया प्रतिवर्ष दिया जाएगा. कोर्ट को संचालित करने में आने वाला खर्च केंद्र और राज्य सरकार का 60: 40 अनुपात में होगा. यूपी के विभिन्न न्यायालयों में 42379 बच्चों के प्रति अपराध के मुकदमे और 25749 बलात्कार के मामले दर्ज हैं. कानून मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि इसको लेकर आज ही उच्च न्यायालय को पत्र लिखेंगे. कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देंगे.