नई दिल्ली : किसान नेताओं और सरकार के बीच सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. इसके बाद स्वराज इंडिया के नेता और संयुक्त किसान मोर्चा के वर्किंग कमेटी सदस्य योगेंद्र यादव ने सरकार पर तंज कसा है. बैठक के बाद प्रतिक्रिया देते हुए यादव ने कहा कि एक बार फिर सरकार और किसानों के बीच केवल मुलाकात और बात हुई, लेकिन कुछ नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के आए हुए सात महीने हो चुके हैं और इसके बाद से ही इनके खिलाफ किसानों का विरोध भी हो रहा है, लेकिन सातवें दौर के वार्ता के बाद भी सरकार को ये सात शब्द सुनाई नहीं दिए - 'तीनों किसान विरोधी कानून पूर्णतः रद्द करो.'
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि आज की वार्ता में भी सरकार एक ही सवाल और एक ही प्रस्ताव किसान संगठनों के समक्ष रखती रही. घंटों की बैठक के बाद मंत्रियों ने कहा कि एक बार फिर आठ जनवरी को वार्ता करेंगे. यादव ने कहा है कि सरकार किसानों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है.
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उन्होंने कहा कि एक तरफ किसान सर्दी और अब बारिश के बीच सड़कों पर हैं, लेकिन सरकार को इसकी तनिक भी चिंता नहीं है. यह वार्ता नहीं महज वार्ता का स्वांग किया जा रहा है और ऐसे में किसानों के पास एक ही रास्ता है कि वह अपने आंदोलन को और व्यापक करें.
किसान और सरकार के बीच अब एक बार फिर आठ जनवरी को बैठक होनी तय हुई है, लेकिन योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार से बहरहाल कोई उम्मीद नजर नहीं आती और किसानों को ही अपना आंदोलन और तेज करना होगा.