नई दिल्ली: माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि श्रीनगर की जमीनी स्थिति सरकारी दावों के ठीक विपरीत है. येचुरी ने उच्चतम न्यायालय की अनुमति से श्रीनगर की यात्रा की थी.
वह अपनी पार्टी के बीमार सहयोगी मुहम्मद युसूफ तारिगामी से मिलने श्रीनगर गए थे. हालांकि उन्होंने विस्तृत ब्यौरा देने से इंकार कर दिया और कहा कि वह उच्चतम न्यायालय को विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे.
माकपा नेता ने उच्चतम न्यायालय में बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर तारिगामी को यहां पेश किए जाने का अनुरोध किया था. न्यायालय ने उन्हें श्रीनगर में पूर्व विधायक से मिलने की अनुमति दी थी. शीर्ष अदालत ने हालांकि येचुरी से कहा था कि वह अपनी श्रीनगर यात्रा के दौरान किसी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेंगे.
बता दें कि तारिगामी पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद से ही नजरबंद हैं.
येचुरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मैं तारिगामी से मिला और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. मैं उनके स्वास्थ्य के बारे में अदालत में एक हलफनामा दाखिल करूंगा और मैंने जो वहां देखा, उस पर रिपोर्ट भी दायर करूंगा.'
उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा से तारिगामी के घर जाने के क्रम में उन्होंने जो जमीनी स्थिति देखी वह ठीक उसके विपरीत है जो भाजपा नीत सरकार कह रही है.
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वाम नेता ने कहा कि श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद अधिकारियों ने उनसे कहा कि उन्हें उसी दिन लौटना होगा. लेकिन उन्होंने अधिकारियों को समझाया कि वह अपने सहयोगी के स्वास्थ्य के बारे में स्थिति रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद ही अगले दिन लौट छोड़ सकते हैं क्योंकि उन्हें इसके बारे में शीर्ष अदालत को रिपोर्ट करना है.
येचुरी ने कहा, 'मैं उनसे (तारिगामी से) गुरुवार सुबह और फिर शुक्रवार सुबह मिला और मै कह सकता हूं कि इस स्थिति में उन्हें समय-समय पर जांच की जरूरत है. वह एम्स में इलाज करा रहे थे और उन्हें इलाज के लिए वहां जाने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा कि उन्हें श्रीनगर में तारिगामी के अलावा किसी से भी मिलने की अनुमति नहीं दी गयी और हर समय सुरक्षाकर्मी उनके साथ थे.
माकपा महासचिव ने कहा कि उन्होंने एक सरकारी गेस्टहाउस में रात बिताई और उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं थी.
उन्होंने कहा कि उनके शनिवार को उच्चतम न्यायालय में अपना हलफनामा दाखिल करने की उम्मीद है.