नई दिल्ली: रेलवे ने दावा किया है कि 2019 का साल उसके लिए ऐतिहासिक रहा है, और इस दौरान उसने पिछले 20 सालों से लटके पड़े कार्यो को पूरा कर लिया गया.
रेलवे रॉलिग स्टॉक के सदस्य सचिव राजेश अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि पैंसेजर अनुभव, मोबिलिटी बढ़ाने, फ्रंट कॉरीडोर बढ़ाने, कोच के उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण के मामले में रेलवे ने उल्लेखनीय काम किए हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे ने 2019 में एक अरब डॉलर का अतिरिक्त उत्पादन किया है.
अग्रवाल के मुताबिक, इस साल पैंसेंजर की सुविधा के हिसाब से ट्रेनों की सर्विस बेहद उम्दा रही. स्मार्ट कोच बनाने की दिशा में रेल आगे बढ़ रही है. 2019 में आईसीएई कोच की संख्या तीनगुनी बढा दी गई. जबकि रेलवे 10 फीसदी एलएचबी पर परिवर्तित हो चुकी है.
रेलवे ने दावा किया है कि स्मार्ट कोच बनाने की दिशा में सभी कोच में अत्याधूनिक बायो टायलट, एलईडी लाईट की व्यवस्था की जा चुकी है. इसके साथ ही कई देशों को अत्याधुनिक कोच निर्यात भी किया जा रहा है.
अग्रवाल के मुताबिक, 'भारतीय रेलवे के लिए मोबिलिटी एक समस्या रही है. इसके लिए सरकार की ओर से सभी जोन में रेलवे हब बनाए जा रहे हैं, ताकि इंनटर सिटी ट्रेन, रिजनल ट्रेन, सब अर्बन ट्रेन और मेट्रो ट्रेनों को जोड़ा जा सके. इससे रेलवे के भार और समय दोनों की बचत होगी.'
उन्होंने कहा, 'फ्रेट कॉरीडोर बनाने की दिशा में रेलवे का काम तेजी से बढ़ रहा है, जिससे रेलवे का लॉजिस्टिक खर्च कम हो पाएगा. उद्योग जगत की मांग के अनुसार रेलवे ऐसे वैगन का निर्माण कर रही है, जिससे ट्रक, बड़े वाहन, ट्रैक्टर जैसे बड़े उत्पाद को ग्राहकों तक भेजा जा सके. रेलवे के इस प्रयोग का लाभ उठाने के लिए मारुति और ह्युंडई जैसी कंपनियां आगे आ रही हैं.'
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रेलवे ने यह भी दावा किया है कि स्वच्छता मिशन को लागू करने में 100 फीसदी सफलता पाई गई है. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सभी ट्रेनों में 100 फीसदी बायो टायलेट की व्यवस्था कर दी गई है. इससे देश के सभी आठ हजार स्टेशन पूरी तरह से मैलामुक्त हो गए हैं.