स्विट्जरलैंड का खूबसूरत स्की रिसॉर्ट शहर दावोस विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की 50वीं सालाना बैठक के लिए सजधज कर तैयार है. दुनियाभर के ताकतवर नेताओं और अमीरों के हो रहे जमावड़े के मद्देनजर शहर को किले की तरह सुरक्षित बनाया गया है. रेडारों, ड्रोनों, लड़ाकू विमानों आदि से लगातार स्थिति पर निगरानी जा रही है.
स्विट्जरलैंड की सरकार ने शहर की सुरक्षा में सेना के पांच हजार जवान, हजारों पुलिस जवान तथा निजी सुरक्षाकर्मी तैनात की है. स्विट्जरलैंड की वायुसेना ने आसमान की सुरक्षा के लिए रेडारों और ड्रोनों के साथ ही युद्ध के लिए तैयार लड़ाकू विमानों को तैनात किया है.
विश्व आर्थिक मंच की 50वीं सालाना बैठक दावोस में 20 जनवरी से शुरू हो चुकी है. इसमें वैश्विक कारोबारियों, उद्यमियों और राजनेताओं के साथ ही भारत से भी 100 से अधिक कारोबारी व राजनेता आर्थिक महत्व तथा भू-राजनीतिक मामलों पर चर्चा में शामिल होंगे.
इस समारोह में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ ही अफगानिस्तान, आयरलैंड, फिनलैंड, ब्राजील, इराक, सिंगापुर समेत अन्य देशों के राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री शामिल हो सकते हैं.
भारत से केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और मनसुख मंडाविया तथा तीन मुख्यमंत्रियों अमरिंदर सिंह, कमलनाथ और बी.एस.येदियुरप्पा समेत भारतीय कंपनियों के 100 से अधिक मुख्य कार्यकारी अधिकारी इसमें हिस्सा लेंगे.
इस दौरान चर्चा के लिये चुने गये विषयों में मानसिक स्वास्थ्य भी प्रमुख रहेगा और बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण इस विषय पर बोलेंगी. वहीं, ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरू जग्गी वासुदेव इस समारोह में प्रात:कालीन ध्यान सत्रों का संचालन करेंगे.
समारोह के दौरान भारत के साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र पर विशेष सत्र का आयोजन होगा. इसके अलावा भारतीय नेता कई अन्य द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों में भाग लेंगे.
इस कार्यक्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन समेत कई अन्य वैश्विक नेताओं के भी भाग लेने की संभावना है. हालांकि, ट्रंप और पुतिन के शामिल होने के बारे में अभी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है.
इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भी भाग लेने की भी उम्मीद है. हालांकि, कहा जा रहा है कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इसमें अनुपस्थित रह सकते हैं.
जिन वैश्विक नेताओं ने भागीदारी पर सहमति प्रदान की है, उनमें अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, फिनलैंड की प्रधानमंत्री सन्ना मरिन, हांगकांग स्वायत्त क्षेत्र की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लैम, इराक के राष्ट्रपति बरहम सालिह, नॉर्वे की प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सेइन लूंग और स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति उएली मौरेर शामिल हैं.
इसका आयोजन 20 से 24 जनवरी 2020 के दौरान होने वाला है. शामिल होने वाले वैश्विक नेताओं तथा कारोबारियों की आधिकारिक सूची कार्यक्रम से कुछ दिन पहले जारी होगी.
इसमें भाग लेने वाले भारतीय कारोबारियों तथा प्रमुख हस्तियों में गौतम अडाणी, मुकेश अंबानी, राहुल व संजीव बजाज, कुमार मंगलम बिड़ला, टाटा समूह के एन. चंद्रशेखरन, सज्जन जिंदल, उदय कोटक, भारतीय स्टेट बैंक के रजनीश कुमार, आनंद महिंद्रा, सुनील व राजन मित्तल, रवि रुइया, पवन मुंजाल, नंदन निलेकणि, सलिल पारेख, एचसीएल टेक के सी. विजयकुमार, अजय पीरामल, रिशद प्रेमजी, अजय सिंह और फिरोजशाह गोदरेज शामिल हैं.