ETV Bharat / bharat

विश्व में लगभग साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोग HIV से प्रभावित

ग्लोबल एचआईवी और एड्स सांख्यिकी 2019 के मुताबिक, दुनियाभर में जून 2019 के अंत तक 24.5 मिलियन (2.45 करोड़)  लोगों ने एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी कराई. इसके अलावा 2018 तक 37.9 मिलियन (3.79 करोड़) लोग एचआईवी इंफेक्शन के साथ जिंदगी गुजार रहे थे, जबकि 2018 में 17 लाख नए मामले सामने आए. इसके अलावा HIV से होनी वाली बीमारियों के कारण 7.70 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. 2018 तक एचआईवी से संक्रमित हो चुके 74.9 मिलियन (7.49 करोड़) लोगों में से अब तक करीब 3.2 करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है.

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो
author img

By

Published : Dec 1, 2019, 12:12 AM IST

Updated : Dec 1, 2019, 4:24 PM IST

नई दिल्ली: दुनियाभर में एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. एचआईवी एक ऐसी बीमारी है, जो सिर्फ बच्चों और युवाओं में ही नहीं बल्कि किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है.

विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. सरकार, गैर सरकारी संगठन और अन्य सभी जागरूक पसंद लोग एड्स की रोकथाम के लिए अभियान में लगे रहते हैं.

1996 में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर एचआईवी/एड्स की रोकथाम के लिए प्रचार और प्रसार का काम संभाला और साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत इसके रोकथाम को लेकर काफी काम किया गया.

दरअसस, एचआईवी एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है. जिसे मेडिकल की भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम कहते हैं.

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो

ग्लोबल एचआईवी और एड्स सांख्यिकी 2019 के मुताबिक, दुनियाभर में जून 2019 के अंत तक 24.5 मिलियन (2.45 करोड़) लोगों ने एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी कराई.

इसके अलावा 2018 तक 37.9 मिलियन (3.79 करोड़) लोग एचआईवी इंफेक्शन के साथ जिंदगी गुजार रहे थे, जबकि 2018 में 17 लाख नए मामले सामने आए. इसके अलावा HIV से होनी वाली बीमारियों के कारण 7.70 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. 2018 तक एचआईवी से संक्रमित हो चुके 74.9 मिलियन (7.49 करोड़) लोगों में से अब तक करीब 3.2 करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है.

HIV से पीड़ित लोग
2018 में, 37.9 मिलियन लोग एचआईवी पीड़ित थे. इनमें से 36.2 मिलियन लोग वयस्क थे, जबकि इस संक्रमण से पीड़ित बच्चों की तादाद 1.7 मिलियन थी.
हैरान करने वाली बात यह है कि एचआईवी से प्रभावित 79 प्रतिशत लोगों को पता था कि उन्हें एचआईवी इंफेक्शन है. वहीं दूसरी ओर 8.1 मिलियन लोग ऐसे थे, जिनको इस बात का इल्म नहीं था कि वह एचआईवी संक्रमित हैं.

एचआईवी संक्रमित लोग एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी कराते हैं

जून, 2019 तक 24.5 मिलियन लोग ही ऐसे हैं, जो एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी करवा चुके हैं. 2018 में यह तादाद 23.3 मिलियन थी और 2010 में केवल 7.7 मिलियन लोग ही एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी करा सके थे.
2018 में एचआईवी प्रभावित लोगों में से 62% लोगों ने उपचार कराया. इलाज कराने वालों में 15 वर्ष से अधिक आयु के लोग 62 प्रतिशत, जबकि 0–14 वर्ष से कम के 54 प्रतिशत पीड़ित ही इलाज कराने पहुंचे.

15 साल और उससे अधिक उम्र की 68 फीसदी महिला वयस्क इलाज कराने गईं जबकि 15 साल और उससे अधिक उम्र के 55 प्रतिशत पुरुष वयस्क इलाज कराने पहुंचे.

हालांकि अच्छी बात यह है कि 2018 में एचआईवी पीड़ित गर्भवती महिलाओं में 82% ने अपने बच्चे को एचआईवी के संचरण को रोकने के लिए एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं का उपयोग किया.

नए एचआईवी संक्रमण
1997 के बाद से नए एचआईवी संक्रमणों में 40% की कमी आई है.
1997 में 2.9 मिलियन की तुलना में 2018 में, लगभग 1.7 मिलियन एचआईवी से संक्रमित मामले सामने आए हैं.
2010 के बाद से, नए एचआईवी संक्रमणों में अनुमानित 16% की गिरावट आई है, जबकि ये मामले 2018 में 2.1 मिलियन से घटकर 1.7 मिलियन आ गए.2010 के बाद से, बच्चों के बीच नए एचआईवी संक्रमणों के मामलों में भी 41% की गिरावट आई है. 2010 में जहां 2.80 लाख मामले सामने आए थे वहीं 2018 में यह संख्या घटकर 1.60 लाख ही रह गई.

एड्स से होने वाली मौतें
2004 के बाद से एड्स से होने वाली मौतों में 56 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली है जबकि 2010 के मुकाबले मृत्यु दर में 33 प्रतिशत की कमी आई है.
जहां 2018 में दुनियाभर में HIV/ एड्स से संबंधित बीमारियों के लगभग 7.7 लाख मामले सामने आए जबकि 2004 में यह तादाद 12 लाख और 2010 में 16 लाख थी.

महिलाओं में तेजी से फैल रहा एचआईवी संक्रमण
एड्स के कारण हर सप्ताह 15-24 वर्ष की लगभग 6000 महिलाएं एचआईवी से संक्रमित हो जाती हैं.
उप-सहारा अफ्रीका में, 15-19 वर्ष की आयु की हर पांच में से चार महिलाओं को यह संक्रमण हो रहा है.
हैरान करने वाली बात यह है कि 15–24 वर्ष की आयु की महिलाएं पुरुषों की तुलना में एचआईवी से दोगुनी पीड़ित हैं.
दुनियाभर में एक तिहाई (35%) से अधिक महिलाओं ने अपने जीवन में कभी न कभी शारीरिक और/ या यौन हिंसा का अनुभव किया है.
कुछ क्षेत्रों में, जिन महिलाओं ने शारीरिक या यौन अंतरंग साथी हिंसा का अनुभव किया है, उन महिलाओं की तुलना में एचआईवी का अधिग्रहण करने की संभावना 1.5 गुना अधिक है,

प्रमुख आबादी
वैश्विक स्तर पर नए एचआईवी संक्रमणों के 54% प्रतिशत मामले सामने आए हैं जबकि मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में 95% नए एचआईवी संक्रमण हुए है.
पश्चिमी और मध्य यूरोप और उत्तरी अमेरिका में नए एचआईवी संक्रमणों के 88% नए मामले दर्ज किए गए हैं.
एशिया और प्रशांत में 78% नए एचआईवी संक्रमण पाए गए हैं.
लैटिन अमेरिका में 65% , मध्य अफ्रीका में 64%, कैरेबियन महाद्वीप में 47% , पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में 25% मामले नए हैं.

एचआईवी का जोखिम
गौरतलब है कि पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों में 22 गुना अधिक जोखिम है. ड्रग्स इंजेक्ट करने वाले लोगों में भी 22 गुना अधिक जोखिम है कि उन्हें यह संक्रमण हो सकता है.
यौनकर्मियों के लिए 21 गुना और ट्रांसजेंडर लोगों के लिए 12 गुना ज्यादा चांस है कि उनको यह संक्रमण हो.

एचआईवी / तपेदिक (टीबी)
एचआईवी के साथ रहने वाले लोगों में टीबी मौत का प्रमुख कारण बना हुआ है.
2017 में, अनुमानित एक करोड़ लोगों को टीबी रोग हुआ. इनमें से लगभग 9% लोग एचआईवी के साथ जी रहे थे.
बिना टीबी के लक्षणों वाले एचआईवी पीड़ितों को टीबी निवारक चिकित्सा की आवश्यकता होती है, जो टीबी के विकास के जोखिम को कम करता है और 40% से टीबी / एचआईवी की मृत्यु दर को कम करता है.
एक अनुमान के अनुसार 49 % एचआईवी ग्रस्त लोगों की संक्रमण से अनजान होने के कारण देखभाल नहीं हो पाती.

नई दिल्ली: दुनियाभर में एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. एचआईवी एक ऐसी बीमारी है, जो सिर्फ बच्चों और युवाओं में ही नहीं बल्कि किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है.

विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. सरकार, गैर सरकारी संगठन और अन्य सभी जागरूक पसंद लोग एड्स की रोकथाम के लिए अभियान में लगे रहते हैं.

1996 में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर एचआईवी/एड्स की रोकथाम के लिए प्रचार और प्रसार का काम संभाला और साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत इसके रोकथाम को लेकर काफी काम किया गया.

दरअसस, एचआईवी एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है. जिसे मेडिकल की भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम कहते हैं.

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो

ग्लोबल एचआईवी और एड्स सांख्यिकी 2019 के मुताबिक, दुनियाभर में जून 2019 के अंत तक 24.5 मिलियन (2.45 करोड़) लोगों ने एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी कराई.

इसके अलावा 2018 तक 37.9 मिलियन (3.79 करोड़) लोग एचआईवी इंफेक्शन के साथ जिंदगी गुजार रहे थे, जबकि 2018 में 17 लाख नए मामले सामने आए. इसके अलावा HIV से होनी वाली बीमारियों के कारण 7.70 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. 2018 तक एचआईवी से संक्रमित हो चुके 74.9 मिलियन (7.49 करोड़) लोगों में से अब तक करीब 3.2 करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है.

HIV से पीड़ित लोग
2018 में, 37.9 मिलियन लोग एचआईवी पीड़ित थे. इनमें से 36.2 मिलियन लोग वयस्क थे, जबकि इस संक्रमण से पीड़ित बच्चों की तादाद 1.7 मिलियन थी.
हैरान करने वाली बात यह है कि एचआईवी से प्रभावित 79 प्रतिशत लोगों को पता था कि उन्हें एचआईवी इंफेक्शन है. वहीं दूसरी ओर 8.1 मिलियन लोग ऐसे थे, जिनको इस बात का इल्म नहीं था कि वह एचआईवी संक्रमित हैं.

एचआईवी संक्रमित लोग एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी कराते हैं

जून, 2019 तक 24.5 मिलियन लोग ही ऐसे हैं, जो एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी करवा चुके हैं. 2018 में यह तादाद 23.3 मिलियन थी और 2010 में केवल 7.7 मिलियन लोग ही एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी करा सके थे.
2018 में एचआईवी प्रभावित लोगों में से 62% लोगों ने उपचार कराया. इलाज कराने वालों में 15 वर्ष से अधिक आयु के लोग 62 प्रतिशत, जबकि 0–14 वर्ष से कम के 54 प्रतिशत पीड़ित ही इलाज कराने पहुंचे.

15 साल और उससे अधिक उम्र की 68 फीसदी महिला वयस्क इलाज कराने गईं जबकि 15 साल और उससे अधिक उम्र के 55 प्रतिशत पुरुष वयस्क इलाज कराने पहुंचे.

हालांकि अच्छी बात यह है कि 2018 में एचआईवी पीड़ित गर्भवती महिलाओं में 82% ने अपने बच्चे को एचआईवी के संचरण को रोकने के लिए एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं का उपयोग किया.

नए एचआईवी संक्रमण
1997 के बाद से नए एचआईवी संक्रमणों में 40% की कमी आई है.
1997 में 2.9 मिलियन की तुलना में 2018 में, लगभग 1.7 मिलियन एचआईवी से संक्रमित मामले सामने आए हैं.
2010 के बाद से, नए एचआईवी संक्रमणों में अनुमानित 16% की गिरावट आई है, जबकि ये मामले 2018 में 2.1 मिलियन से घटकर 1.7 मिलियन आ गए.2010 के बाद से, बच्चों के बीच नए एचआईवी संक्रमणों के मामलों में भी 41% की गिरावट आई है. 2010 में जहां 2.80 लाख मामले सामने आए थे वहीं 2018 में यह संख्या घटकर 1.60 लाख ही रह गई.

एड्स से होने वाली मौतें
2004 के बाद से एड्स से होने वाली मौतों में 56 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली है जबकि 2010 के मुकाबले मृत्यु दर में 33 प्रतिशत की कमी आई है.
जहां 2018 में दुनियाभर में HIV/ एड्स से संबंधित बीमारियों के लगभग 7.7 लाख मामले सामने आए जबकि 2004 में यह तादाद 12 लाख और 2010 में 16 लाख थी.

महिलाओं में तेजी से फैल रहा एचआईवी संक्रमण
एड्स के कारण हर सप्ताह 15-24 वर्ष की लगभग 6000 महिलाएं एचआईवी से संक्रमित हो जाती हैं.
उप-सहारा अफ्रीका में, 15-19 वर्ष की आयु की हर पांच में से चार महिलाओं को यह संक्रमण हो रहा है.
हैरान करने वाली बात यह है कि 15–24 वर्ष की आयु की महिलाएं पुरुषों की तुलना में एचआईवी से दोगुनी पीड़ित हैं.
दुनियाभर में एक तिहाई (35%) से अधिक महिलाओं ने अपने जीवन में कभी न कभी शारीरिक और/ या यौन हिंसा का अनुभव किया है.
कुछ क्षेत्रों में, जिन महिलाओं ने शारीरिक या यौन अंतरंग साथी हिंसा का अनुभव किया है, उन महिलाओं की तुलना में एचआईवी का अधिग्रहण करने की संभावना 1.5 गुना अधिक है,

प्रमुख आबादी
वैश्विक स्तर पर नए एचआईवी संक्रमणों के 54% प्रतिशत मामले सामने आए हैं जबकि मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में 95% नए एचआईवी संक्रमण हुए है.
पश्चिमी और मध्य यूरोप और उत्तरी अमेरिका में नए एचआईवी संक्रमणों के 88% नए मामले दर्ज किए गए हैं.
एशिया और प्रशांत में 78% नए एचआईवी संक्रमण पाए गए हैं.
लैटिन अमेरिका में 65% , मध्य अफ्रीका में 64%, कैरेबियन महाद्वीप में 47% , पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में 25% मामले नए हैं.

एचआईवी का जोखिम
गौरतलब है कि पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों में 22 गुना अधिक जोखिम है. ड्रग्स इंजेक्ट करने वाले लोगों में भी 22 गुना अधिक जोखिम है कि उन्हें यह संक्रमण हो सकता है.
यौनकर्मियों के लिए 21 गुना और ट्रांसजेंडर लोगों के लिए 12 गुना ज्यादा चांस है कि उनको यह संक्रमण हो.

एचआईवी / तपेदिक (टीबी)
एचआईवी के साथ रहने वाले लोगों में टीबी मौत का प्रमुख कारण बना हुआ है.
2017 में, अनुमानित एक करोड़ लोगों को टीबी रोग हुआ. इनमें से लगभग 9% लोग एचआईवी के साथ जी रहे थे.
बिना टीबी के लक्षणों वाले एचआईवी पीड़ितों को टीबी निवारक चिकित्सा की आवश्यकता होती है, जो टीबी के विकास के जोखिम को कम करता है और 40% से टीबी / एचआईवी की मृत्यु दर को कम करता है.
एक अनुमान के अनुसार 49 % एचआईवी ग्रस्त लोगों की संक्रमण से अनजान होने के कारण देखभाल नहीं हो पाती.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Dec 1, 2019, 4:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.