नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के लिए दिल्ली के आंबेडकर भवन में बुलाई गई बैठक में पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों ने हिस्सा लिया. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने की. बैठक में केंद्रीय नित्यानंद राय ने सभी राज्यों से भारत की जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर सामूहिक रूप से प्रयास करने को कहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई बैठक में भारत की जनगणना और एनपीआर के प्रारूप पर विस्तृत चर्चा की गई. गौरतलब है कि शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही एलान कर दिया था कि बंगाल इसमें शामिल नहीं होगा. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से लिखित में भी इसकी जानकारी गृह मंत्रालय को दी गई है. बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, सभी राज्यों के मुख्य सचिव और जनगणना निदेशक उपस्थित रहे.
एनपीआर का उद्देश्य देश में हर सामान्य निवासी का एक व्यापक पहचान डाटाबेस तैयार करना है. डाटाबेस में जनसांख्यिकीय के साथ-साथ बॉयोमीट्रिक विवरण होंगे. हालांकि, कई राजनीतिक दलों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है.
बैठक के बाद नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ ट्विप्रा (INPT) के महासचिव जगदीश प्रसाद से ईटीवी भारत ने बातचीत की. जगदीश प्रसाद ने कहा कि एनपीआर देश में लागू होना चाहिए. इससे वास्तविक भारतीयों की पहचान होगी.
गौरतलब है कि यह नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है.
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यह नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता नियम, 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय उप-जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है. एनपीआर के लिए आंकड़े पिछली बार 2010 में 2011 की जनगणना के तहत घरों की गिनती के चरण के साथ एकत्र किया गया था. उन आंकड़ों को 2015 में घर- घर सर्वेक्षण के बाद अपडेट किया गया था.