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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : लकड़ी की कंघी बनाने के लिए मशहूर हैं उज्जैन के छगनलाल

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश में अभियान चल रहा है. ईटीवी भारत भी इस मुहिम का एक अहम हिस्सा बना है. इसकी थीम नो प्लास्टिक लाइफ फैंटास्टिक रखी गई है. देखें इस मुहिम की 30वीं कड़ी पर विशेष रिपोर्ट...

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Published : Jan 10, 2020, 7:00 AM IST

Updated : Jan 10, 2020, 7:41 AM IST

उज्जैन : मध्य प्रदेश के उज्जैन में बसे 'कांगी मोहल्ले' की सकरी और अंधेरी गलियों में छगनलाल का घर है, जो इन गलियों में पर्यावरण संरक्षण के संदेशों का साक्षी है.

उज्जैन नगरी में बसा छगनलाल का घर, उन लोगों की मंजिल हो सकता है, जो इस क्षेत्र में लकड़ी की कंघी बनाने वालों की तलाश कर रहे हों. हालांकि, यह क्षेत्र कभी ऐसे कारीगरों का गढ़ हुआ करता था.

लेकिन इस क्षेत्र में 80 वर्षीय छगनलाल ही इस अनूठी कलाकारी को जानने वाले कुछ चुनिंदा लोगों में एक हैं, जिन्होंने देश के कोने में यह कलाकृति बनाने का सिलसिला जारी रखा है.

लकड़ी की कंघी बनाने वाले छगनलाल पर विशेष रिपोर्ट

छगनलाल की झुर्रियां पड़ी अंगुलियां इस बात की गवाह हैं कि किस तरह से वह लकड़ी की कंघी बनाकर अपनी कारीगरी का नमूना पेश कर रहे हैं. छगनलाल उत्तर भारत की रोजवुड से, जिसे शीशम भी कहा जाता है, लकड़ी की कंघी बनाते हैं.

छगनलाल का दावा है कि लकड़ी की कंघी प्लास्टिक कंघी से बेहतर होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे बालों के झड़ने जैसी समस्या खत्म हो जाती है और साथ ही सिर की अच्छी तरह से मालिश भी होती है.

अपने हाथों से बनी लकड़ी की कंघी से अपने बालों को संवारते हुए छगनलाल कहते हैं कि इस कंघी से बालों को सुलझाना आसान होता है.

छगनलाल अपनी दस्तकारी से लकड़ी की कंघियों को कई तरह से बनाते हैं, जो आपको पक्षियों से लेकर मछलियों तक के आकार में देखने को मिल सकती हैं. इनका मूल्य 50 से लेकर 150 रुपये तक होता है.

पर्यावरण संरक्षण की ओर बढ़ाए गए छगनलाल के इस कदम की कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी सराहना कर चुकीं हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जैसी कई बड़ी हस्तियों ने भी छगनलाल की सराहना की है.

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Last Updated : Jan 10, 2020, 7:41 AM IST
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