रायपुर : देशभर में कोरोना संक्रमण फैला हुआ है और इससे बचाव के लिए तमाम तरह के उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन बढ़ती टेक्नॉलॉजी और विज्ञान के दौर में अंधविश्वास भी चरम पर है. छत्तीसगढ़ के भिलाई में कुछ महिलाएं कोरोना को वायरस नहीं, बल्कि माई मानकर पूज रही हैं. यहां रहने वाली उत्तर प्रदेश और बिहार की कुछ महिलाओं का मानना है कि कोरोना वायरस नहीं देवी हैं, जो रूठी हुई हैं. इनकी विधिवत पूजा की जाए तो यह हमारा देश छोड़ कर चली जाएंगी. इसलिए वह कोरोना माई की पूजा कर रही हैं.
कोविड-19 बीमारी को हराने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं इसकी दवा बनाने के लिए पूरा विश्व एकजुट है. इस बीच कोरोना को लेकर एक अंधविश्वास भी फैल गया है. भिलाई में शुक्रवार की सुबह कैम्प दो बैकुंठ धाम मंदिर के पास कुछ महिलाएं कोरोना माई की पूजा-अर्चना कर रही थीं. पूजा में बैठी ज्यादातर महिलाएं यूपी, बिहार की हैं. इनका कहना है कि वास्तव में कोरोना वायरस नहीं, बल्कि माई है, जो नाराज हैं. इनकी पूजा इसलिए की जा रही है, ताकि पूरा देश इस संक्रमण से मुक्त हो सके. महिलाओं का मानना है कि उनकी पूजा से परिवार सहित देश से यह संक्रमण दूर हो जाएगा.
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महिलाओं ने कोरोना माई की पूजा किस तरह से की है, यह भी बताया. वह कहती हैं कि नौ की संख्या को शुभ मानते हुए नौ मिठाई, नौ फूल, नौ खड़ी सुपारी (कसेली), नौ लौंग, गुड़ और पानी से पूजा करनी चाहिए. यह पूजा उस जगह पर की जाती है, जहां पहले कभी हल नहीं चला हो. पूजा के बाद उस जमीन में गड्ढा कर सारी सामग्री उसके अंदर दबा दी जाती है.
(नोट- ETV भारत किसी तरह के अंधविश्वास का समर्थन नहीं करता है.)