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कर्नाटक में महिला एवं बाल विकास विभाग ने करीब सात बाल विवाह को रोका - महिला एवं बाल विकास विभाग

कर्नाटक के चामराजनगर जिले के गांव में महिला एवं बाल विकास विभाग ने इलाके में हो रहे सात बाल विवाह को रोका है. विभाग के अधिकारियों ने बच्चियों के मां-बाप को बाल-विवाह कानून के बारे में जागरूक किया और बताया कि बच्चों का विवाह गैर कानूनी है.

महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका
महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका
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Published : Jun 15, 2020, 10:34 PM IST

चामराजनगर : कर्नाटक के चामराजनगर जिले में एक सूचना पर तेजी से कार्रवाई करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को होने से रोक दिया है. जानकारी के मुताबिक इन लोगों ने सात बाल विवाह होने से रोका है. बाल विभाग को इंडिगनट्टा गांव में एक 15 साल की बच्ची के विवाह होने की जानकारी मिली थी. जानकारी मिलते ही अधिकारी गांव के लिए निकल पड़े. वहां पहुंचने के बाद उन्होंने लड़की के माता-पिता को समझाया कि भारत में बाल विवाह गैर कानूनी है. अगर वे नाबालिग बच्ची की शादी करते हैं तो उन्हें सजा भी हो सकती है.

महिला एवं बाल विकास विभाग ने अराकलवाड़ी और वाइके मोल गांव में एक 16 साल की लड़की और एक 14 साल की लड़की की शादी रुकवाई. विभाग के अधिकारियों ने इसके बाद अमचवाड़ी और शेट्टिहल्ली में भी बाल विवाह को रोका.

महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका
महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका

इस महीने महिला एवं बाल विकास विभाग ने चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद से 20 और मई के महीने में 18 बाल विवाह होने से रोका. हालांकि तीन बाल विवाह मई के महीने में संपन्न हुए जिन पर कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की गई.

महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका
महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका

हालांकि विभाग ने इस बार इंडिगनट्टा गांव सहित जिन अन्य गांवों में बाल विवाहों को होने से रोका अधिकारियों ने उन बच्चों के माता-पिता के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की. कार्रवाई की बजाय अधिकारियों ने माता-पिता को बाल विवाह कानून के बारे में बताकर उन्हें जागरूक किया.

यूनिसेफ के अनुसार भारत में हर साल 18 साल से कम उम्र की 1.5 मिलियन लड़कियों की शादी होती है. इन आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा बाल विवाह भारत में होते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में बाल विवाह में कमी जरूर आई है लेकिन अभी भी भारत में बाल विवाह बहुत होते हैं.

चामराजनगर : कर्नाटक के चामराजनगर जिले में एक सूचना पर तेजी से कार्रवाई करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को होने से रोक दिया है. जानकारी के मुताबिक इन लोगों ने सात बाल विवाह होने से रोका है. बाल विभाग को इंडिगनट्टा गांव में एक 15 साल की बच्ची के विवाह होने की जानकारी मिली थी. जानकारी मिलते ही अधिकारी गांव के लिए निकल पड़े. वहां पहुंचने के बाद उन्होंने लड़की के माता-पिता को समझाया कि भारत में बाल विवाह गैर कानूनी है. अगर वे नाबालिग बच्ची की शादी करते हैं तो उन्हें सजा भी हो सकती है.

महिला एवं बाल विकास विभाग ने अराकलवाड़ी और वाइके मोल गांव में एक 16 साल की लड़की और एक 14 साल की लड़की की शादी रुकवाई. विभाग के अधिकारियों ने इसके बाद अमचवाड़ी और शेट्टिहल्ली में भी बाल विवाह को रोका.

महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका
महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका

इस महीने महिला एवं बाल विकास विभाग ने चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद से 20 और मई के महीने में 18 बाल विवाह होने से रोका. हालांकि तीन बाल विवाह मई के महीने में संपन्न हुए जिन पर कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की गई.

महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका
महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका

हालांकि विभाग ने इस बार इंडिगनट्टा गांव सहित जिन अन्य गांवों में बाल विवाहों को होने से रोका अधिकारियों ने उन बच्चों के माता-पिता के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की. कार्रवाई की बजाय अधिकारियों ने माता-पिता को बाल विवाह कानून के बारे में बताकर उन्हें जागरूक किया.

यूनिसेफ के अनुसार भारत में हर साल 18 साल से कम उम्र की 1.5 मिलियन लड़कियों की शादी होती है. इन आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा बाल विवाह भारत में होते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में बाल विवाह में कमी जरूर आई है लेकिन अभी भी भारत में बाल विवाह बहुत होते हैं.

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