नई दिल्ली : डॉ. कफील खान की पत्नी शाबिस्ता खान भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का हिस्सा हैं. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि उनके पति कफील ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोई भी भड़काऊ बयान नहीं दिया था. साथ ही उन्होंने कफील को रिहा करने की मांग की है.
आपको बता दें, डॉ. कफील को उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा सीएए के विरोध में एमयू में भड़काऊ बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
ईटीवी भारत से बातचीत में शाबिस्ता ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई बच्चों की मौतों पर सवाल उठाने की वजह से उनके पति को लगातार परेशान किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि डॉ. कफील को इलाहाबाद हाइकोर्ट से भी 70 बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट मिल गई है.
शाबिस्ता ने कहा कि कफील अपनी हर बैठक में सरकार से अगस्त 2017 में हुई मौतों के पीछे जिम्मेदार लोगों का पता लगाने की बात करते हैं, जिसकी वजह से सरकार किसी न किसी बहाने उनको परेशान करती रहती है.
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आपको बता दें अगस्त 2017 में बीआरडी अस्पाताल में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण 70 बच्चों और 18 वयस्कों की मौत हो गई थी.
हालांकि, पिछले साल अक्टूबर में, यूपी के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने कहा था कि डॉ. कफील खान को राज्य सरकार द्वारा क्लीन चिट नहीं दी गई है और उनके खिलाफ जांच जारी है.
इस बीच सोमवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता अधिनियम, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ नई दिल्ली के मंडी हाउस से जंतर मंतर तक मार्च निकाला.
एक एनजीओ यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के संस्थापक नदीम खान ने कहा कि यह विरोध काले कानून के खिलाफ है.
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नदीम ने कहा, 'इस विरोध के माध्यम से हम जेएनयू छात्र शरजील इमाम और डॉ. कफील खान जैसे लोगों की रिहाई की भी मांग करते हैं, जिन्हें कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया है.'