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डॉ. कफील की पत्नी बोलीं- मेरे पति ने नहीं दिया भड़काऊ भाषण, सरकार कर रही टॉर्चर

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Published : Feb 10, 2020, 6:25 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 9:37 PM IST

डॉ. कफील खान की पत्नी शाबिस्ता खान ने सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने अपने पति की गिरफ्तारी पर कहा कि सरकार उन्हें बीआरडी हॉस्पिटल में हुई घटना पर सवाल उठाने के लिए लगातार परेशान कर रही है. पढ़ें विस्तार से...

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शाबिस्ता खान

नई दिल्ली : डॉ. कफील खान की पत्नी शाबिस्ता खान भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का हिस्सा हैं. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि उनके पति कफील ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोई भी भड़काऊ बयान नहीं दिया था. साथ ही उन्होंने कफील को रिहा करने की मांग की है.

आपको बता दें, डॉ. कफील को उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा सीएए के विरोध में एमयू में भड़काऊ बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

डॉ. कफील खान की पत्नी शाबिस्ता से खास बातचीत

ईटीवी भारत से बातचीत में शाबिस्ता ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई बच्चों की मौतों पर सवाल उठाने की वजह से उनके पति को लगातार परेशान किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि डॉ. कफील को इलाहाबाद हाइकोर्ट से भी 70 बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट मिल गई है.

शाबिस्ता ने कहा कि कफील अपनी हर बैठक में सरकार से अगस्त 2017 में हुई मौतों के पीछे जिम्मेदार लोगों का पता लगाने की बात करते हैं, जिसकी वजह से सरकार किसी न किसी बहाने उनको परेशान करती रहती है.

पढ़ें: सीएए विरोध : डॉ. कफील खान को न्यायिक हिरासत में भेजा गया मथुरा जेल

आपको बता दें अगस्त 2017 में बीआरडी अस्पाताल में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण 70 बच्चों और 18 वयस्कों की मौत हो गई थी.

हालांकि, पिछले साल अक्टूबर में, यूपी के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने कहा था कि डॉ. कफील खान को राज्य सरकार द्वारा क्लीन चिट नहीं दी गई है और उनके खिलाफ जांच जारी है.

इस बीच सोमवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता अधिनियम, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ नई दिल्ली के मंडी हाउस से जंतर मंतर तक मार्च निकाला.

एक एनजीओ यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के संस्थापक नदीम खान ने कहा कि यह विरोध काले कानून के खिलाफ है.

पढ़ें- गोरखपुर ऑक्सीजन कांड : डॉ कफील ने दी सफाई, कहा- सरकारी नौकरी के दौरान नहीं की प्राइवेट प्रैक्टिस

नदीम ने कहा, 'इस विरोध के माध्यम से हम जेएनयू छात्र शरजील इमाम और डॉ. कफील खान जैसे लोगों की रिहाई की भी मांग करते हैं, जिन्हें कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया है.'

नई दिल्ली : डॉ. कफील खान की पत्नी शाबिस्ता खान भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का हिस्सा हैं. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि उनके पति कफील ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोई भी भड़काऊ बयान नहीं दिया था. साथ ही उन्होंने कफील को रिहा करने की मांग की है.

आपको बता दें, डॉ. कफील को उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा सीएए के विरोध में एमयू में भड़काऊ बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

डॉ. कफील खान की पत्नी शाबिस्ता से खास बातचीत

ईटीवी भारत से बातचीत में शाबिस्ता ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई बच्चों की मौतों पर सवाल उठाने की वजह से उनके पति को लगातार परेशान किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि डॉ. कफील को इलाहाबाद हाइकोर्ट से भी 70 बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट मिल गई है.

शाबिस्ता ने कहा कि कफील अपनी हर बैठक में सरकार से अगस्त 2017 में हुई मौतों के पीछे जिम्मेदार लोगों का पता लगाने की बात करते हैं, जिसकी वजह से सरकार किसी न किसी बहाने उनको परेशान करती रहती है.

पढ़ें: सीएए विरोध : डॉ. कफील खान को न्यायिक हिरासत में भेजा गया मथुरा जेल

आपको बता दें अगस्त 2017 में बीआरडी अस्पाताल में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण 70 बच्चों और 18 वयस्कों की मौत हो गई थी.

हालांकि, पिछले साल अक्टूबर में, यूपी के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने कहा था कि डॉ. कफील खान को राज्य सरकार द्वारा क्लीन चिट नहीं दी गई है और उनके खिलाफ जांच जारी है.

इस बीच सोमवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता अधिनियम, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ नई दिल्ली के मंडी हाउस से जंतर मंतर तक मार्च निकाला.

एक एनजीओ यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के संस्थापक नदीम खान ने कहा कि यह विरोध काले कानून के खिलाफ है.

पढ़ें- गोरखपुर ऑक्सीजन कांड : डॉ कफील ने दी सफाई, कहा- सरकारी नौकरी के दौरान नहीं की प्राइवेट प्रैक्टिस

नदीम ने कहा, 'इस विरोध के माध्यम से हम जेएनयू छात्र शरजील इमाम और डॉ. कफील खान जैसे लोगों की रिहाई की भी मांग करते हैं, जिन्हें कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया है.'

Intro:New Delhi: Shabishta Khan, wife of Dr Kafeel Khan, who was arrested by Uttar Pradesh Special Task Force (STF) for allegedly making inflammatory statements at the Aligarh Muslim University during the anti-CAA protests in December last year, has demanded to release Kafeel Khan claiming that his speeches were not inflammatory.


Body:While speaking to ETV Bharat, Shabishta Khan said, "Dr Kafeel Khan was given clean chit by the Allahabad High Court and Uttar Pradesh government in the Gorakhpur's BRD Medical College children death case."

Kafeel Khan's wife said that my husband is being tortured by the UP government since the oxygen tragedy in August 2017 as in his public meetings Kafeel Khan always questions the government for not finding the people behind the death of 70 infants and 18 adults due to oxygen shortage.

However, In October last year, Rajnish Dubey, UP Principal Secretary Medical Education had said that Dr Kafeel Khan has not been given a clean chit by the state government and a probe is still underway against him.




Conclusion:Today, hundreds of protesters marched from New Delhi's Mandi House to Jantar Mantar against the amended Citizenship Act, National Register of Citizens and National Population Register. Nadeem Khan, founder of an NGO United Against Hate said this protest is against the black law. Through this protest we also demand the release of people like JNU student Sharjeel Imam and Dr Kafeel Khan who were allegedly arrested for inflammatory remarks.
Last Updated : Feb 29, 2020, 9:37 PM IST
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