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गलवान में चीनी सैनिकों पर गोली चलाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई : अमरिंदर

पंजाब के मुख्यमंत्री ने पूछा, 'देश जानना चाहता है कि हमारे सैनिकों ने उस तरीके से जवाब क्यों नहीं दिया जैसा कि उन्हें प्रशिक्षित किया गया है. अगर उनके पास हथियार थे तो उन्होंने गोली क्यों नहीं चलाई.' इस हमले को 'भयावह और बर्बर' करार देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि मोर्चे पर तैनात सैनिकों को स्पष्ट रूप से यह कहा जाना चाहिए कि अगर वह हमारे एक जवान को मारते हैं तो तुम उनके तीन जवानों को मारो .

कैप्टन अमरिंदर सिंह
कैप्टन अमरिंदर सिंह
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Published : Jun 18, 2020, 10:45 PM IST

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को पूछा कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने जब भारतीय सेना के जवानों पर हमला किया तो चीनियों पर गोली चलाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई अपना काम करने में नाकाम रहा.

मुख्यमंत्री ने यहां एक आधिकारिक बयान में कहा, 'वह वहां बैठ कर क्या कर रहे थे जबकि उनके साथी मारे जा रहे थे.'

कैप्टन ने कहा कि अगर यूनिट के पास हथियार थे, जैसा कि अब दावा किया जा रहा है, तो यूनिट के उप कमांडर को उस वक्त गोली चलाने का आदेश देना चाहिए था. जब कमांडिंग अधिकारी चीनियों के विश्वासघात के शिकार हुए.

पंजाब के मुख्यमंत्री ने पूछा, 'देश जानना चाहता है कि हमारे सैनिकों ने उस तरीके से जवाब क्यों नहीं दिया जैसा कि उन्हें प्रशिक्षित किया गया है. अगर उनके पास हथियार थे तो उन्होंने गोली क्यों नहीं चलाई.'

इस हमले को 'भयावह और बर्बर' करार देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि मोर्चे पर तैनात सैनिकों को स्पष्ट रूप से यह कहा जाना चाहिए कि अगर वह हमारे एक जवान को मारते हैं तो तुम उनके तीन जवानों को मारो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एक राजनेता के तौर पर नहीं बोल रहे हैं बल्कि वह ऐसे व्यक्ति के रूप में यह सब कह रहे हैं जो सेना का हिस्सा रह चुका है.

कैप्टन ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद भी उन्होंने कहा था कि ‘अगर वह हमारे एक सैनिक मारते हैं तो हमें उनके दो सैनिकों को मारना चाहिए.' यह पूछे जाने पर कि चीनी सैनिकों के साथ गतिरोध के दौरान लद्दाख में भारतीय सैनिकों पर हुए इस बर्बर हमले में, भारतीय सैनिकों को गोली चलाने की अनुमति क्यों नहीं दी गयी, मुख्यमंत्री ने कहा, 'कोई अपना काम करने में नाकाम रहा, और हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि वह कौन था.'

मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं जानना चाहता हूं, प्रत्येक सैनिक जानना चाहता है और प्रत्येक भारतीय जानना चाहता है कि क्या हुआ.'

उन्होंने कहा कि वह इस घटना को बहुत गहराई से महसूस करते हैं, इस घटना ने हमारे खुफिया विभाग की विफलता को भी उजागर किया है.' उन्होंने इस घटना को हर भारतीय का अपमान बताया. कैप्टन ने कहा कि वहां जो कुछ भी हुआ वह मजाक नहीं था.'

पढ़ें -गलवान घाटी पर चीन का दावा अस्थिर और निराधार : भारत

हिंदी चीनी भाई भाई के नारे को समाप्त करने की वकालत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को इस मसले पर पीछे नहीं हटना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'अगर चीन विश्व शक्ति है, तो हम भी हैं.' उन्होंने जोर देकर कहा, '60 साल की कूटनीति ने काम नहीं किया है और अब यह बताने का समय आ गया है कि बस, अब बहुत हो गया.' उन्होंने कहा कि चीन इस बात से अवगत है कि हम उससे निपटने में सक्षम हैं. उन्होंने रेखांकित किया कि भारतीय सेना एक उच्च पेशेवर सेना है और किसी भी दुश्मन से निपटने में सक्षम है.

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को पूछा कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने जब भारतीय सेना के जवानों पर हमला किया तो चीनियों पर गोली चलाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई अपना काम करने में नाकाम रहा.

मुख्यमंत्री ने यहां एक आधिकारिक बयान में कहा, 'वह वहां बैठ कर क्या कर रहे थे जबकि उनके साथी मारे जा रहे थे.'

कैप्टन ने कहा कि अगर यूनिट के पास हथियार थे, जैसा कि अब दावा किया जा रहा है, तो यूनिट के उप कमांडर को उस वक्त गोली चलाने का आदेश देना चाहिए था. जब कमांडिंग अधिकारी चीनियों के विश्वासघात के शिकार हुए.

पंजाब के मुख्यमंत्री ने पूछा, 'देश जानना चाहता है कि हमारे सैनिकों ने उस तरीके से जवाब क्यों नहीं दिया जैसा कि उन्हें प्रशिक्षित किया गया है. अगर उनके पास हथियार थे तो उन्होंने गोली क्यों नहीं चलाई.'

इस हमले को 'भयावह और बर्बर' करार देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि मोर्चे पर तैनात सैनिकों को स्पष्ट रूप से यह कहा जाना चाहिए कि अगर वह हमारे एक जवान को मारते हैं तो तुम उनके तीन जवानों को मारो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एक राजनेता के तौर पर नहीं बोल रहे हैं बल्कि वह ऐसे व्यक्ति के रूप में यह सब कह रहे हैं जो सेना का हिस्सा रह चुका है.

कैप्टन ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद भी उन्होंने कहा था कि ‘अगर वह हमारे एक सैनिक मारते हैं तो हमें उनके दो सैनिकों को मारना चाहिए.' यह पूछे जाने पर कि चीनी सैनिकों के साथ गतिरोध के दौरान लद्दाख में भारतीय सैनिकों पर हुए इस बर्बर हमले में, भारतीय सैनिकों को गोली चलाने की अनुमति क्यों नहीं दी गयी, मुख्यमंत्री ने कहा, 'कोई अपना काम करने में नाकाम रहा, और हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि वह कौन था.'

मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं जानना चाहता हूं, प्रत्येक सैनिक जानना चाहता है और प्रत्येक भारतीय जानना चाहता है कि क्या हुआ.'

उन्होंने कहा कि वह इस घटना को बहुत गहराई से महसूस करते हैं, इस घटना ने हमारे खुफिया विभाग की विफलता को भी उजागर किया है.' उन्होंने इस घटना को हर भारतीय का अपमान बताया. कैप्टन ने कहा कि वहां जो कुछ भी हुआ वह मजाक नहीं था.'

पढ़ें -गलवान घाटी पर चीन का दावा अस्थिर और निराधार : भारत

हिंदी चीनी भाई भाई के नारे को समाप्त करने की वकालत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को इस मसले पर पीछे नहीं हटना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'अगर चीन विश्व शक्ति है, तो हम भी हैं.' उन्होंने जोर देकर कहा, '60 साल की कूटनीति ने काम नहीं किया है और अब यह बताने का समय आ गया है कि बस, अब बहुत हो गया.' उन्होंने कहा कि चीन इस बात से अवगत है कि हम उससे निपटने में सक्षम हैं. उन्होंने रेखांकित किया कि भारतीय सेना एक उच्च पेशेवर सेना है और किसी भी दुश्मन से निपटने में सक्षम है.

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