देहरादून : भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के जीवन में सबसे अहम पड़ाव के दौरान अहम किरदार निभाने वाली 'रानी' इन दिनों परेशान है. रानी ही नहीं, माधुरी, बॉबी और काजल का भी यही हाल है. लॉकडाउन के हर बीतते दिन के साथ धोनी की 'रानी' के 'राजकुमारों' का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है. इसके कारण 'रानी' को आराम फरमाना पड़ रहा है.
दरअसल, महेंद्र सिंह धोनी की यह रानी कोई और नहीं बल्कि एक घोड़ी है, जिस पर चढ़कर धोनी साक्षी को ब्याहने चल दिए थे.
रानी उसी घोड़ी का नाम है जिस पर बैठकर धोनी बैंड, बाजा और बारात के साथ धूमधाम से अपनी सजनी के घर पहुंचे थे. लेकिन अब उसी रानी का जीवन थम सा गया है.
लॉकडाउन के कारण रानी को काम नहीं मिल रहा है. यह हाल काजल, बॉबी, मालती और माधुरी का भी है, जो शादी के सीजन में भी अस्तबल में सोए हैं.
लॉकडाउन के कारण घोड़ा-बग्गी का काम पूरी तरह बंद हो गया है, जिससे इन्हें चारदीवारी तक ही सिमटकर रहना पड़ रहा है. हालात यह हैं कि घोड़ा-बग्गी संचालकों को ब्याज पर उधार लेकर रानी, माधुरी, बॉबी और काजल को पालना पड़ रहा है.
लॉकडाउन के कारण घोड़ा-बग्गी का काम पूरी तरह बंद हो गया है, जिससे इन्हें चार दीवारी के अंदर ही रहना पड़ रहा है. लॉकडाउन की मार से न केवल रानी बल्कि घोड़ा-बग्गी संचालकों को भी खासा नुकसान हुआ है.
रानी के साथ ही इन संचालकों को भी लॉकडाउन खुलने का इंतजार है, जिससे बैंड बाजा बारात के साथ वह भी किसी रानी के राजकुमार को उसकी मंजिल तक पहुंचा सके.
बता दें, भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने चार जुलाई 2010 को देहरादून की रहने वाली साक्षी रावत से शादी की थी. इस समय धोनी की सवारी के लिए कई घोड़ियों को देखा गया था, जिसमें आखिर में रानी पर ही धोनी का दिल आया.
धोनी और साक्षी एक-दूसरे को बचपन से ही जानते थे. धोनी और साक्षी के पिता रांची में एक ही कंपनी में काम करते थे. दोनों परिवार को बीच आना-जाना लगा रहता था.
यह दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते भी थे. कुछ समय बाद में साक्षी का परिवार देहरादून शिफ्ट हो गया, जहां उनके दादा पहले से रहते थे.
इसके बाद कई सालों तक दोनों की मुलाकात नहीं हुई और न ही उनके बीच किसी तरह का कोई कॉन्टेक्ट था. मार्च 2008 में दोनों ने एक-दूसरे को डेट करना शुरू किया. इसके बाद तीन जुलाई 2010 को देहरादून के एक होटल में दोनों ने सगाई की.