नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी के घोषणापत्र में किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि जनता की आवाज की झलक होगी और उसमें रोजगार सृजन, कृषि संकट को दूर करने तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ साथ अर्थव्यवस्था को मबजूत बनाने पर जोर होगा.
गांधी ने कहा कि पार्टी का घोषणापत्र राष्ट्रव्यापी स्तर पर गहन विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है तथा यह बहुत ही प्रभावी दस्तावेज होगा.
सूत्रों के मुताबिक, अप्रैल के पहले सप्ताह में कांग्रेस का घोषणापत्र जारी हो सकता है.
कारोबारियों को टैक्स टेररिज्म से करेंगे मुक्त
गांधी ने यह भी कहा कि सरकार बनने पर कारोबारियों को ‘कर के आतंक’ (टैक्स टेररिज्म) से मुक्त करेंगे तथा छोटे एवं मझोले कारोबारियों के लिए निष्पक्षता सुनिश्चित की जाएगी.
किसी एक की आवाज में विश्वास नहीं करते
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि भारत की आवाज और आकांक्षाएं फले-फूलें. हम किसी एक व्यक्ति की आवाज में विश्वास नहीं करते. हम हर किसी की आवाज और पसंद पर विश्वास करते हैं. ऐसा करने के लिए कड़े अनुशासन और कड़ी मेहनत की जरूरत होती है, लेकिन आखिरकार यह काम करता है.’’
भाजपा-आरएसएस विचार थोपती है
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा-आरएसएस पर अपने विचार दूसरों पर थोपने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘हम भारत पर विचार थोपने के कारोबार में नहीं हैं. हम इस देश के सभी पक्षों एवं समूहों को सुनना और उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं.’’
गांधी ने कहा कि पार्टी का घोषणापत्र तैयार करने से पहले उन्होंने और पार्टी के दूसरे नेताओं ने समाज के विभिन्न समूहों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया.
कांग्रेस बोलने की आजादी देती है
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस एक संगठन है, साथ ही वह कई विचार समूहों का समागम भी है. वह लोगों को बोलने की इजाजत देती है. वह संस्थाओं की स्वतंत्रता की अनुमति देती है. वह विचार थोपती नहीं है.’’
कांग्रेस मुक्त भारत की सोच सही नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जब मोदी ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ की बात करते हैं तो इसका मतलब यह होता है कि किसी को बोलने या सोचने की इजाजत नहीं होनी चाहिए.’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरे भारत में स्वत: मजबूत हो रही है, क्योंकि भाजपा-आरएसएस आवाज को जितना दबाने की कोशिश करते हैं भारत उतना ही आवाज उठाना, सोचना और प्रगति करना चाहता है.
गांधी ने कहा, ‘‘आरएसएस-भाजपा कहते हैं कि भारत के लिए सिर्फ एक व्यक्ति बोलेगा. यह असंभव है. कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर मैं पूरी विनम्रता के साथ कहता हूं कि कांग्रेस अलग अलग विचारों को इजाजत देने के साथ और मजबूत होती है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा करने का इरादा रखता हूं. मैं संवाद और मतभिन्नता की अनुमति दूंगा.’’
रोजगार सृजन पर रहेगा पूरा जोर
घोषणापत्र के संदर्भ में गांधी ने कहा कि इसमें रोजगार सृजन पर पूरा जोर होगा तथा बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा करने के लिए रणनीति तैयार की गई है.
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में संरक्षण के साथ व्यापक बदलाव पर भी जोर होगा.
स्वास्थ्य सेवाओं का मोदी सरकार कर रही निजीकरण
भाजपा पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सार्वभौमिक स्वास्थ्य क्षेत्र पर ध्यान देगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे घोषणापत्र में वादा है कि शिक्षा पर खर्च को बढ़ाया जाएगा और उच्च गुणवत्ता वाली सरकारी शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.’’
न्यूनतम आय योजना (न्याय) के अपने वादे का उल्लेख करते हुए गांधी ने दावा किया कि इससे भाजपा पस्त हो चुकी है.
उन्होंने कहा कि लाखों लोगों को सुनने के बाद ‘न्याय’ योजना को अंतिम रूप दिया गया है.
(इनपुट-भाषा)