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देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से सुधर रहे हालात : सरकार - भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सोमवार की शाम कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लॉकडाउन जैसे कदम ने भारत को सकारात्मक स्थिति में ला दिया है. उन्होंने कहा, 'अगर हम कुछ कोरोना वायरस प्रभावित देशों के साथ अपनी स्थिति की तुलना करते हैं, तो हम बेहतर स्थिति में हैं. और यह एक अच्छी प्रतिक्रिया और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण हुआ है.' पढे़ं खबर विस्तार से...

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लव अग्रवाल
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Published : Mar 30, 2020, 10:33 PM IST

नई दिल्ली : स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की मानें तो केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन जैसे कदम ने भारत को सकारात्मक स्थिति में ला दिया है.

मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, 'सोशल लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग हमें काफी मदद कर रही है. हम एक संक्रामक बीमारी से लड़ रहे हैं और सकारात्मक अवस्था में हैं.'

उन्होंने कहा, 'अगर हम कुछ कोरोना वायरस प्रभावित देशों के साथ अपनी स्थिति की तुलना करते हैं, तो हम बेहतर स्थिति में हैं. और यह एक अच्छी प्रतिक्रिया और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण संभव हुआ है.'

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देश में कोरोना संक्रमित मामलों की वृद्धि दर.

इस सवाल पर कि क्या 14 अप्रैल के बाद तालाबंदी जारी रहेगी, अग्रवाल ने कहा कि यह उस समय की स्थिति पर निर्भर करता है.

दिलचस्प यह है कि केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सोमवार को इन खबरों का खंडन किया था कि 21 दिनों के बाद भी तालाबंदी जारी रहेगी.

अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस मामलों वाले सार्वजनिक स्थानों को कीटाणुरहित करने के लिए निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा, 'जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं.'

पढे़ं : देश में फिलहाल स्थानीय ट्रांसमिशन, कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं : स्वास्थ्य मंत्रालय

इस बीच, सरकार ने उन प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे को नियंत्रण में ला दिया है, जो लॉकडाउन के बीच अपने गृहनगर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे.

गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव, पुनिया सलिला श्रीवास्तव ने कहा, 'हम लॉकडाउन के कार्यान्वयन के लिए 24×7 काम कर रहे हैं. प्रवासी श्रमिकों का मुद्दा भी नियंत्रण में है.'

दूसरी तरफ भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा है कि इस समय देश में पर्याप्त संख्या में परीक्षण केंद्र हैं.

आईसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर. रतन गंगाखेडकर ने कहा, 'हमारे पास 115 आईसीएमआर परीक्षण प्रयोगशालाएं और 47 निजी प्रयोगशालाएं हैं. जिनमें से केवल 30 प्रतिशत का उपयोग किया गया है.'

नई दिल्ली : स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की मानें तो केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन जैसे कदम ने भारत को सकारात्मक स्थिति में ला दिया है.

मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, 'सोशल लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग हमें काफी मदद कर रही है. हम एक संक्रामक बीमारी से लड़ रहे हैं और सकारात्मक अवस्था में हैं.'

उन्होंने कहा, 'अगर हम कुछ कोरोना वायरस प्रभावित देशों के साथ अपनी स्थिति की तुलना करते हैं, तो हम बेहतर स्थिति में हैं. और यह एक अच्छी प्रतिक्रिया और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण संभव हुआ है.'

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देश में कोरोना संक्रमित मामलों की वृद्धि दर.

इस सवाल पर कि क्या 14 अप्रैल के बाद तालाबंदी जारी रहेगी, अग्रवाल ने कहा कि यह उस समय की स्थिति पर निर्भर करता है.

दिलचस्प यह है कि केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सोमवार को इन खबरों का खंडन किया था कि 21 दिनों के बाद भी तालाबंदी जारी रहेगी.

अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस मामलों वाले सार्वजनिक स्थानों को कीटाणुरहित करने के लिए निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा, 'जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं.'

पढे़ं : देश में फिलहाल स्थानीय ट्रांसमिशन, कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं : स्वास्थ्य मंत्रालय

इस बीच, सरकार ने उन प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे को नियंत्रण में ला दिया है, जो लॉकडाउन के बीच अपने गृहनगर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे.

गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव, पुनिया सलिला श्रीवास्तव ने कहा, 'हम लॉकडाउन के कार्यान्वयन के लिए 24×7 काम कर रहे हैं. प्रवासी श्रमिकों का मुद्दा भी नियंत्रण में है.'

दूसरी तरफ भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा है कि इस समय देश में पर्याप्त संख्या में परीक्षण केंद्र हैं.

आईसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर. रतन गंगाखेडकर ने कहा, 'हमारे पास 115 आईसीएमआर परीक्षण प्रयोगशालाएं और 47 निजी प्रयोगशालाएं हैं. जिनमें से केवल 30 प्रतिशत का उपयोग किया गया है.'

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