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पश्चिम बंगाल विधान सभा में मॉब लिंचिंग बिल पारित, अधिकतम सजा फांसी

पश्चिम बंगाल सरकार ने आज लिंचिंग की घटनाओं की रोकथाम के लिए आज बंगाल विधान सभा में विधेयक पारित किया. इस विधेयक पर विपक्षी पार्टी माकपा और कांग्रेस ने इस विधेयक का समर्थन किया जबकि बीजेपी ने इस विधेयक न तो समर्थन किया न तो विरोध. जानें क्या है पुरा मामला...

ममता बनर्जी ( फाइल फोटो)
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Published : Aug 31, 2019, 12:11 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 10:34 PM IST

कोलकाताः पश्चिम बंगाल विधानसभा ने भीड़ द्वारा हमला करने और लिंचिंग करने की घटनाओं की रोकथाम के लिए आज एक विधेयक पारित किया. इन्हें अपराध की श्रेणी में डाला गया है.

पश्चिम बंगाल के सदन में (लिंचिंग रोकथाम) विधेयक पेश किया गया. इस विधेयक पर विपक्षी पार्टी माकपा और कांग्रेस ने इस विधेयक का समर्थन किया.

मुख्य विपक्षी पार्टी के रुप में हाल ही में उभरी भाजपा ने इस विधेयक का न तो समर्थन किया और न ही विरोध किया है क्योंकि बीजेपी को लगता है कि इस कानून का उपयोग राजनीतिक तौर पर फायदा उठाने के लिए किया जा सकता है.

इस विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्य़मंत्री ममता बनर्जी ने सदन में कहा कि लिंचिंग एक सामाजिक बुराई है और हम सभी को उसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने लिंचिंग के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

बनर्जी ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार को भी लिंचिंग के विरोध में कानून लाना चाहिए. साथ ही कहा कि इसलिए हम इस सामाजिक बुराई के खिलाफ संघर्ष के लिए अपने राज्य में यह कानून ला रहे हैं.

इस विधेयक का उद्देश लिंचिंग की चपेट में आने वाले व्यक्तियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना और लिंचिंग की घटनाएं रोकना है. इस विधेयक में लिचिंग जैसे अपराध करने वालों के खिलाफ कार्यवाई का प्रस्ताव है.

पढ़ेंः मोदी की 'राह' पर ममता, टी-स्टाल पर अपने हाथों से चाय बनाई और पिलाई भी

इस कानून के तहत मारपीट और पीड़ित को घायल करने के जुर्म में तीन साल की जेल से लेकर आजीवन करावास तक के प्रावधान है.

विधेयक में यह भी कहा गया है कि यदि किसी मारपीट में पीड़ित व्यक्ति की मौत हो जाती है तो मौत के जिम्मेदार व्यक्तियों को मृत्युदंड या आजीवन कारावास और पांच लाख तक जुर्माना हो सकता है.

कोलकाताः पश्चिम बंगाल विधानसभा ने भीड़ द्वारा हमला करने और लिंचिंग करने की घटनाओं की रोकथाम के लिए आज एक विधेयक पारित किया. इन्हें अपराध की श्रेणी में डाला गया है.

पश्चिम बंगाल के सदन में (लिंचिंग रोकथाम) विधेयक पेश किया गया. इस विधेयक पर विपक्षी पार्टी माकपा और कांग्रेस ने इस विधेयक का समर्थन किया.

मुख्य विपक्षी पार्टी के रुप में हाल ही में उभरी भाजपा ने इस विधेयक का न तो समर्थन किया और न ही विरोध किया है क्योंकि बीजेपी को लगता है कि इस कानून का उपयोग राजनीतिक तौर पर फायदा उठाने के लिए किया जा सकता है.

इस विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्य़मंत्री ममता बनर्जी ने सदन में कहा कि लिंचिंग एक सामाजिक बुराई है और हम सभी को उसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने लिंचिंग के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

बनर्जी ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार को भी लिंचिंग के विरोध में कानून लाना चाहिए. साथ ही कहा कि इसलिए हम इस सामाजिक बुराई के खिलाफ संघर्ष के लिए अपने राज्य में यह कानून ला रहे हैं.

इस विधेयक का उद्देश लिंचिंग की चपेट में आने वाले व्यक्तियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना और लिंचिंग की घटनाएं रोकना है. इस विधेयक में लिचिंग जैसे अपराध करने वालों के खिलाफ कार्यवाई का प्रस्ताव है.

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इस कानून के तहत मारपीट और पीड़ित को घायल करने के जुर्म में तीन साल की जेल से लेकर आजीवन करावास तक के प्रावधान है.

विधेयक में यह भी कहा गया है कि यदि किसी मारपीट में पीड़ित व्यक्ति की मौत हो जाती है तो मौत के जिम्मेदार व्यक्तियों को मृत्युदंड या आजीवन कारावास और पांच लाख तक जुर्माना हो सकता है.

ZCZC
PRI GEN NAT
.KOLKATA CAL7
WB-LYNCHING BILL
WB Assembly passes bill against lynching
         Kolkata, Aug 30 (PTI) The West Bengal assembly Friday
passed a bill to check incidents of mob assaults and lynching
and criminalised such actions.
         The West Bengal (Prevention of Lynching) Bill, 2019
was tabled in the House on Friday and supported by the
opposition Congress and CPI(M).
         The BJP, which has emerged as the main
opposition party, neither supported nor opposed the bill as it
felt that the legislation may be used for settling political
scores.
         "Lynching is a social evil and all of us have to come
together to fight against this evil. The Supreme Court has
given direction to take action against lynching. " Banerjee
said while speaking on Bill in the House.
         "The central government should have brought a law
against it. But as it is yet to do so we are we are bringing
this law in our state to fight against this social evil. We
need to raise awareness against the incident of lynchings,"
she added.
         The Bill aims to protect the constitutional rights of
vulnerable persons and prevent incidents of lynching. It also
proposes action against those involved in perpetrating the
crime.
         The legislation also pitches for a jail term, which
may vary from three years to life for those involved in
assaulting and injuring a victim.
         In case of death of the victim, persons responsible
for the incident would be punished with rigorous life
imprisonment and fine up to Rs 5 lakh, the bill said. PTI PNT
KK
KK
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NNNN
Last Updated : Sep 28, 2019, 10:34 PM IST
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