धार : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए देशभर में लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन का असर कृषि, व्यापार के साथ-साथ देश में बहने वाली नदियों पर भी देखा जा रहा है.
बात की जाए मध्य प्रदेश की तो प्रदेश में नर्मदा नदी का जल लॉकडाउन की वजह से पहले से ज्यादा शुद्ध और निर्मल हो चुका है. जिसके चलते नर्मदा नदी का पानी सीधे पीने योग्य हो गया है. नर्मदा का पाना कितना साफ हो गया है अब इसके लिए किसी उपकरण की जरुरत नहीं है, कल-कल बहती मां नर्मदा के साफ-सुथरे पानी को देखकर खुद ही ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि मां नर्मदा का पानी वाकई में साफ हो गया है.
20 सालों से नर्मदा नदी में स्नान करने वाले धार के सुधीर शर्मा बताते कि वह रोजाना पिछले 20 सालों से नर्मदा नदी में स्नान कर रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से मां नर्मदा नदी में जिस तरह का परिवर्तन आया है वह परिवर्तन उन्होंने पहले कभी नहीं देखा. नर्मदा नदी का पानी पहले से कई गुना अधिक शुद्ध और निर्मल हो चुका है, जिसका कारण वह लॉकडाउन को बता रहे हैं.
लॉकडाउन की वजह से नर्मदा नदी में लोग स्नान नहीं कर पा रहे हैं. वहीं उद्योगों से जो नर्मदा नदी में प्रदूषण होता था वह भी बंद हो गया है. जिस वजह से नर्मदा के स्वरूप में एक अलग ही परिवर्तन आया है और वह पहले से शुद्ध और निर्मल हो चुकी है.
लॉकडाउन के कारण शुद्ध हुई मां नर्मदा में अब कण-कण नग्न आंखों से दिखाई देने लगा है. वहीं जलीय जीव भी अब साफ-साफ नदी में तैरते दिखते हैं.
नर्मदा में दिखती है भारत के नक्शे की आकृति
मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के कई जिलों से होकर बहती है. धार जिले में नर्मदा नदी खलघाट से होकर बड़वानी की ओर बहती हैं. धार जिले के खलघाट में नर्मदा नदी पर बने पुल से खड़े होकर जब मां नर्मदा के दर्शन करते हैं तो नर्मदा नदी में भारत के नक्शे जैसी आकृति दिखाई देती है.
लॉकडाउन की वजह से नर्मदा नदी के जल में जो निर्मलता और स्वच्छता आई है उससे नर्मदा नदी के बीचों-बीच प्राकृतिक रूप से बनने वाली भारत के नक्शे की आकृति ज्यादा साफ दिखाई देने लगी है. शायद अगर लॉकडाउन नहीं होता, तो नर्मदा के ऐसा मनोरम दृश्य न होता.