नई दिल्ली: गैंगवार से लेकर जबरन उगाही तक की वारदातों में दिल्ली में यमुना पार गैंगस्टर अब्दुल नासिर का नाम सबसे पहले लिया जाता है. उसने अब राजनीति में कदम रख दिया है. दिल्ली पुलिस जहां MCOCA के मामले में उसकी तलाश कर रही है, वहीं राज्यमंत्री रामदास अठावले ने एक कार्यक्रम में उसे रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया में शामिल कर दिल्ली का यूथ प्रेजिडेंट बना दिया है.
नासिर पर हत्या, लूट एवं जबरन उगाही के दर्जन भर से ज्यादा मामले हैं. बीती 9 जुलाई को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नासिर के खिलाफ MCOCA के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक की मंजूरी के बाद ये एफआईआर दर्ज की गई, क्योंकि नासिर संगठित तौर पर अपने गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर जबरन उगाही करता है.
उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस, क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल की टीम लगातार नासिर की तलाश में दबिश दे रही है, लेकिन फिलहाल वो पकड़ा नहीं गया है.
बना दिया गया यूथ प्रेजिडेंट
MCOCA के तहत वांटेड चल रहे अब्दुल नासिर ने सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया से अपना नाता जोड़ लिया है. 18 जुलाई को आयोजित एक कार्यक्रम में खुद रामदास अठावले ने नासिर को दिल्ली का यूथ प्रेसिडेंट बनाया और माला पहनाकर उसका स्वागत किया. पुलिस के अनुसार नासिर पर हत्या, लूट, हत्या प्रयास और जबरन उगाही सहित कई मामले दर्ज हैं. ऐसे में वो नेता बनकर पुलिस से बचने की कोशिश कर रहा है.
पढें-मॉब लिंचिंग एक महामारी बन गई है : स्वरा भास्कर
'बड़ी गैंगवार में शामिल है नासिर'
पूर्वी दिल्ली की सबसे बड़ी गैंगवार नासिर खान और छेनू पहलवान के बीच चल रही है. इसमें अब तक 20 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी हैं. वर्ष 2015 में कड़कड़डूमा अदालत में पेशी के दौरान छेनू पहलवान पर नासिर ने नाबालिगों से जानलेवा हमला करवाया था. इसमें छेनू गोलियां लगने के बावजूद बच गया था, जबकि एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी.
तीन महीने पहले जेल से आया बाहर
पुलिस के अनुसार छेनू पहलवान और नासिर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में डाल रखा था. दोनों तिहाड़ जेल में बंद थे, लेकिन बीते अप्रैल माह में नासिर पैरोल पर बाहर आ गया था. बाहर आने के बाद से वो उत्तर पूर्वी जिला के कई कारोबारियों को धमकी देकर उनसे जबरन उगाही कर रहा है. उसके खिलाफ कई थानों में लूट और जबरन उगाही के मामले दर्ज हैं.
क्या है MCOCA
महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में MCOCA (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट) बनाया था. इसका मकसद संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध खत्म करना है. साल 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू किया है.
आम तौर पर MCOCA तभी लागू किया जाता है, जब अपराध वित्तीय प्रकृत्ति का हो. इस कानून के तहत पुलिस को हिरासत में पूछताछ करने के लिए ज्यादा समय मिलता है.
गौरतलब है कि भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत पुलिस को हिरासत में पूछताछ के लिए तुलनात्मक रूप से कम समय मिलता है.