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शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्रप्रमुखों की मेजबानी करेगा भारत

भारत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक होगी. एससीओ के महासचिव व्लादिमीर नोरोव ने इस आशय की जानकारी दी है. बैठक का प्रमुख मुद्दा व्यापार और वाणिज्य के लिए रोड मैप तैयार करना होगा.

व्लादिमीर नोरोव
व्लादिमीर नोरोव
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Published : Jan 13, 2020, 7:44 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 11:52 PM IST

नई दिल्ली : भारत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) राष्ट्राध्यक्षों की बैठक होगी. एससीओ महासचिव व्लादिमीर नोरोव ने इस आशय की जानकारी दी है. बैठक का प्रमुख मुद्दा व्यापार और वाणिज्य के लिए रोड मैप तैयार करना होगा.

व्लादिमीर नोरोव ने सोमवार को यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एससीओ के राष्ट्रप्रमुखों की मेजबानी करने के लिए भारत के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत के इस फैसले से एससीओ के सभी सदस्य खुश हैं.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रप्रमुखों से मिलने के पहले, सदस्य देशों के वाणिज्य और व्यापार मंत्री नई दिल्ली में मिलेंगे और व्यापार और वाणिज्य रोड मैप तैयार करेंगे.

गौरतलब है कि वर्ष 2017 में भारत और पाकिस्तान एससीओ के सदस्य बने थे. भारत को एससीओ का सदस्य बनाने में रूस ने मदद किया था, जबकि पाकिस्तान का समर्थन चीन ने किया था.

व्लादिमीर नोरोव का बयान.

इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (ICWA) में अपने संबोधन से पहले, एससीओ महासचिव ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की. इस दौरान विदेश मंत्री ने पयर्टन को बढ़ावा देने में एससीओ के प्रयासों की सराहना की.

ये भी पढ़ें- ताशकंद में SCO की बैठक में भाग लेने पहुंचे रक्षा मंत्री

जून 2019 में एससीओ शिखर सम्मेलन एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम बन गया, क्योंकि पीएम मोदी और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान दोनों ने पहली बार इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था.

भारत ने विश्केक में पाकिस्तान के पीएम से उसकी मिट्टी से पनपने वाले आतंक को खत्म करने के लिए कहा था. इसी वक्त से पाकिस्तान सरकार ने यह निर्णय लिया कि भारत जिस भी कार्यक्रम में हिस्सा लेगा, उसने वह हिस्सा नहीं लेगा.

इस वजह से यह देखना दिलचस्प होगा कि नई दिल्ली में होने वाली एससीओ की बैठक में पाकिस्तान शामिल होता है कि नहीं.

नई दिल्ली : भारत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) राष्ट्राध्यक्षों की बैठक होगी. एससीओ महासचिव व्लादिमीर नोरोव ने इस आशय की जानकारी दी है. बैठक का प्रमुख मुद्दा व्यापार और वाणिज्य के लिए रोड मैप तैयार करना होगा.

व्लादिमीर नोरोव ने सोमवार को यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एससीओ के राष्ट्रप्रमुखों की मेजबानी करने के लिए भारत के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत के इस फैसले से एससीओ के सभी सदस्य खुश हैं.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रप्रमुखों से मिलने के पहले, सदस्य देशों के वाणिज्य और व्यापार मंत्री नई दिल्ली में मिलेंगे और व्यापार और वाणिज्य रोड मैप तैयार करेंगे.

गौरतलब है कि वर्ष 2017 में भारत और पाकिस्तान एससीओ के सदस्य बने थे. भारत को एससीओ का सदस्य बनाने में रूस ने मदद किया था, जबकि पाकिस्तान का समर्थन चीन ने किया था.

व्लादिमीर नोरोव का बयान.

इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (ICWA) में अपने संबोधन से पहले, एससीओ महासचिव ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की. इस दौरान विदेश मंत्री ने पयर्टन को बढ़ावा देने में एससीओ के प्रयासों की सराहना की.

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जून 2019 में एससीओ शिखर सम्मेलन एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम बन गया, क्योंकि पीएम मोदी और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान दोनों ने पहली बार इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था.

भारत ने विश्केक में पाकिस्तान के पीएम से उसकी मिट्टी से पनपने वाले आतंक को खत्म करने के लिए कहा था. इसी वक्त से पाकिस्तान सरकार ने यह निर्णय लिया कि भारत जिस भी कार्यक्रम में हिस्सा लेगा, उसने वह हिस्सा नहीं लेगा.

इस वजह से यह देखना दिलचस्प होगा कि नई दिल्ली में होने वाली एससीओ की बैठक में पाकिस्तान शामिल होता है कि नहीं.

Intro:New Delhi: Taking a step further in its multi-lateral engagement, India is all set to hold Shanghai Cooperation Organisation's head of government meet this year. The announcement was made by SCO's Secretary General Vladimir Norov.


Body:Speaking to press after delivering address at the Indian Council of World Affairs on "The Future Trajectory of the SCO and India's Role", Vladimir Norov welcomed New Delhi's decision to host head of government's meet in India. Claiming that all SCO members were glad with India's decision.

The Shanghai Cooperation Organisation's Secretary General also stressed that before the head of governments' meet, commerce and trade ministers of the member nations will meet in New Delhi. They will chalk out a trade and commerce road map.

Vladimir Norov also believes that so far the SCO has largely been focused on the security matters. He claimed that after India became its member, the SCO became a trans-continental organisation in which nearly half of the population exists.


Conclusion:Prior to his address at the ICWA, the SCO Secretary General met External Affairs Minister Dr. S Jaishankar. EAM held a robust dialogue with the SCO General Secretary on India's cooperation. He even appreciated SCO's efforts in promoting tourism among member states.

India and Pakistan became member of the Shanghai Cooperation Organisation in 2017. India's membership in the group was pushed by Moscow while Pakistan's entry was backed its all weather ally Pakistan.

The SCO summit in June 2019 became an important event as both PM Modi and Pakistan PM Imran Khan were at the same podium for the first time. India snubbed Pakistan PM in Bishkek by asking to eradicate terror emanating from its soil.

Since then Pakistani leadership has avoided taking part in any of the events where India was also invited. So, it remains important to see whether Pakistan also avoids the SCO heads of government meet.
Last Updated : Jan 13, 2020, 11:52 PM IST
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