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दिल्ली सरकार ने लगाई दीपावली पर पटाखे जलाने पर रोक, विहिप को आपत्ति

विश्व हिन्दू परिषद ने दिल्ली सरकार के इस बार पटाखे जलाने पर पूर्णतः रोक लगाने के फैसले पर आपत्ति जताई है. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि पिछले पांच साल के आंकड़ों को यदि देखें तो कहीं भी यह प्रमाणित नहीं होता कि पटाखों के कारण ही प्रदूषण बढ़ता है.

vinod bansal
विनोद बंसल
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Published : Nov 6, 2020, 5:48 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने इस बार पटाखे जलाने पर पूर्णतः रोक लगाने की घोषणा की है. विश्व हिन्दू परिषद ने इस पर आपत्ति जताई है. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि पिछले पांच साल के आंकड़ों को यदि देखें तो कहीं भी यह प्रमाणित नहीं होता कि पटाखों के कारण ही प्रदूषण बढ़ता है लेकिन फिर भी सरकार हिन्दुओं के पर्व को हर्षोल्लास से मनाने में खलल डाल रही है. उन्होंने कहा है कि दीपावली आते ही कुछ लोगों को पटाखों के द्वारा प्रदूषण फैलने का काल्पनिक भय परेशान करने लगता है.

प्रदूषण के कारण कुछ और

विनोद बंसल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले कुछ सालों से लगातर इस पर निगरानी रखी है और एक बार पटाखों पर प्रतिबंध भी लगाया था. बाद में पटाखों के विक्रेताओं की संख्या को भी कम किया गया ताकि लोग पटाखे कम जलाएं. वर्ष 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने डिटेल्ड गाइड लाइन भी जारी की थी कि पटाखे सीमित जगहों पर ही समय सीमा के भीतर जलाए जाएंगे. हिन्दू समाज ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को सहर्ष स्वीकार किया और सख्ती से पालन किया लेकिन इसके बावजूद कुछ राज्य सरकारों को दीपावली आते ही कुछ अन्यथा विचार आने लगते हैं, जबकि यह सभी जानते हैं कि देश में प्रदूषण के कारण कुछ और हैं.

प्रदूषण के लिए दिवाली को दोषी नहीं ठहराया जा सकता

विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि सरकारें बजाय प्रदूषण के मूल कारणों पर काम करने के केवल त्योहारों पर लोगों को प्रतिबंधित कर रही हैं, जो उचित नहीं है. विहिप का कहना है कि दीपावली का त्योहार हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार है. सभी इसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहते हैं. राजधानी और आसपास के क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के कई प्रमुख कारण हैं. इसके लिए केवल दीपावली को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.

नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने इस बार पटाखे जलाने पर पूर्णतः रोक लगाने की घोषणा की है. विश्व हिन्दू परिषद ने इस पर आपत्ति जताई है. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि पिछले पांच साल के आंकड़ों को यदि देखें तो कहीं भी यह प्रमाणित नहीं होता कि पटाखों के कारण ही प्रदूषण बढ़ता है लेकिन फिर भी सरकार हिन्दुओं के पर्व को हर्षोल्लास से मनाने में खलल डाल रही है. उन्होंने कहा है कि दीपावली आते ही कुछ लोगों को पटाखों के द्वारा प्रदूषण फैलने का काल्पनिक भय परेशान करने लगता है.

प्रदूषण के कारण कुछ और

विनोद बंसल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले कुछ सालों से लगातर इस पर निगरानी रखी है और एक बार पटाखों पर प्रतिबंध भी लगाया था. बाद में पटाखों के विक्रेताओं की संख्या को भी कम किया गया ताकि लोग पटाखे कम जलाएं. वर्ष 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने डिटेल्ड गाइड लाइन भी जारी की थी कि पटाखे सीमित जगहों पर ही समय सीमा के भीतर जलाए जाएंगे. हिन्दू समाज ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को सहर्ष स्वीकार किया और सख्ती से पालन किया लेकिन इसके बावजूद कुछ राज्य सरकारों को दीपावली आते ही कुछ अन्यथा विचार आने लगते हैं, जबकि यह सभी जानते हैं कि देश में प्रदूषण के कारण कुछ और हैं.

प्रदूषण के लिए दिवाली को दोषी नहीं ठहराया जा सकता

विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि सरकारें बजाय प्रदूषण के मूल कारणों पर काम करने के केवल त्योहारों पर लोगों को प्रतिबंधित कर रही हैं, जो उचित नहीं है. विहिप का कहना है कि दीपावली का त्योहार हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार है. सभी इसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहते हैं. राजधानी और आसपास के क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के कई प्रमुख कारण हैं. इसके लिए केवल दीपावली को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.

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