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सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार खटिक बने लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर - टीकमगढ़ सांसद

भाजपा सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार खटिक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है. वह नए चुने गए सांसदों को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाएंगे. जानें वीरेंद्र कुमार के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें.

बीजेपी सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार खटिक (फोटो सौ. IANS)
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Published : Jun 11, 2019, 1:52 PM IST

नई दिल्ली: 17वीं लोकसभा के गठन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. मंगलवार को सरकार ने टीकमगढ़ से बीजेपी सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार खटिक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है. नए चुने गए सांसदों को वह सदन की सदस्यता की शपथ दिलाएंगे.

बता दें, डॉ. वीरेंद्र कुमार सातवीं बार सांसद चुने गए हैं. वह दलित समुदाय से आते हैं और लो प्रोफाइल नेता के तौर पर उनकी पहचान रही है. चार बार वह सागर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए, जबकि तीन बार उन्हें टीकमगढ़ से चुनावी समर में सफलता मिली है.

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली पहली सरकार में वह अल्पसंख्यक मंत्रालय एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री थे.

पढ़ें: राम मंदिर पर शिवसेना बोली, हमारे लिए मोदी ही सुप्रीम कोर्ट

प्रोटेम स्पीकर को लोकसभा के नियमित स्पीकर के चुनाव से पहले कामकाज को अंजाम देने के लिए नियुक्त किया जाता है.

प्रोटेम स्पीकर सदन के सबसे सीनियर सदस्य को बनाया जाता है. प्रोटेम स्पीकर ही सदन में नए चुनकर आए सदस्यों को शपथ दिलाते हैं. नए स्पीकर के चुनाव के बाद प्रोटेम स्पीकर का काम समाप्त हो जाता है.

मूल रूप से सागर के रहने वाले वीरेंद्र कुमार अर्थशास्त्र से एमए हैं और बाल मजदूरी पर पीएचडी कर चुके हैं. इमरजेंसी के दौरान राजनीति में आए वीरेंद्र कुमार लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में काम करते रहे. भाजपा में सक्रिय होने के बाद वो पार्टी के अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी बनाए गए. पहली बार 1996 में सागर लोकसभा सीट से संसद पहुंचे वीरेंद्र कुमार पिछले कुछ चुनाव से टीकमगढ़ लोकसभा सीट से लड़ और जीत रहे हैं.

नई दिल्ली: 17वीं लोकसभा के गठन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. मंगलवार को सरकार ने टीकमगढ़ से बीजेपी सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार खटिक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है. नए चुने गए सांसदों को वह सदन की सदस्यता की शपथ दिलाएंगे.

बता दें, डॉ. वीरेंद्र कुमार सातवीं बार सांसद चुने गए हैं. वह दलित समुदाय से आते हैं और लो प्रोफाइल नेता के तौर पर उनकी पहचान रही है. चार बार वह सागर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए, जबकि तीन बार उन्हें टीकमगढ़ से चुनावी समर में सफलता मिली है.

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली पहली सरकार में वह अल्पसंख्यक मंत्रालय एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री थे.

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प्रोटेम स्पीकर को लोकसभा के नियमित स्पीकर के चुनाव से पहले कामकाज को अंजाम देने के लिए नियुक्त किया जाता है.

प्रोटेम स्पीकर सदन के सबसे सीनियर सदस्य को बनाया जाता है. प्रोटेम स्पीकर ही सदन में नए चुनकर आए सदस्यों को शपथ दिलाते हैं. नए स्पीकर के चुनाव के बाद प्रोटेम स्पीकर का काम समाप्त हो जाता है.

मूल रूप से सागर के रहने वाले वीरेंद्र कुमार अर्थशास्त्र से एमए हैं और बाल मजदूरी पर पीएचडी कर चुके हैं. इमरजेंसी के दौरान राजनीति में आए वीरेंद्र कुमार लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में काम करते रहे. भाजपा में सक्रिय होने के बाद वो पार्टी के अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी बनाए गए. पहली बार 1996 में सागर लोकसभा सीट से संसद पहुंचे वीरेंद्र कुमार पिछले कुछ चुनाव से टीकमगढ़ लोकसभा सीट से लड़ और जीत रहे हैं.

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