हिमाचल प्रदेश पहुंची कारगिल विजय की मशाल यात्रा, मुख्यमंत्री जयराम ने किया स्वागत - मनोज पांडे
करिगल विजय दिवस की 20वीं सालगिरह सरकार बड़े स्तर पर मनाने जा रही है. इस मौके पर भारतीय थल सेना ने पहली बार एक विक्ट्री फ्लेम दिल्ली से चेन्नई के लिए रवाना किया है. बीस साल में ये पहली बार होगा कि दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से विजय मशाल द्रास सेक्टर तक जाएगी.
शिमला: करगिल विजय दिवस के 20 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से चलकर करगिल जा रही मशाल यात्रा आज हिमाचल प्रदेश के मंडी पहुंची. यहां सूबे के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यात्रा दल का स्वागत किया. 2 घंटे मंडी में रुकने के बाद सेना का दल 'विजय ज्योति' मनाली रोहतांग होते हुए करगिल द्रास सेक्टर के लिए रवाना हुआ.
इस मौके पर सीएम जयराम ने सरहदों पर देश की रक्षा कर रहे जवानों के पराक्रम की प्रशंसा की. सीएम ने कहा कि वीरों की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता. सैनिकों ने वीरता का परिचय देते हुए कारिगल में विजय प्राप्त की थी. इसमें वीरभूमि हिमाचल के जवानों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
बता दें कि करिगल विजय दिवस की 20वीं सालगिरह सरकार बड़े स्तर पर मनाने जा रही है. इस मौके पर भारतीय थलसेना ने पहली बार एक विक्ट्री फ्लेम दिल्ली से द्रास के लिए रवाना किया है. बीस साल में ये पहली बार होगा कि दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से विजय मशाल द्रास तक जाएगी.
ये मशाल सड़क मार्ग से होते हुए करगिल द्रास तक पहुंचेगी. इस विजय यात्रा का मकसद युवाओं को करगिल की लड़ाई से वाकिफ करवाना है. सेना के फोकस में वो युवा हैं, जो करगिल युद्ध के दौरान या तो पैदा ही हुए थे या बहुत छोटे थे.
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ऐसे युवा जो कि अभी कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं, उन तक करगिल कहानी सेना के जवानों के जरिए पहुंचाई जाए. इसीलिए दिल्ली से करगिल के बीच के रूट में कई एसे बड़े विश्वविद्यालय से होते हुए ये मशाल गुजरेगी.
14 जुलाई को दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सेना प्रमुख और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में मशाल यात्रा को रवाना किया था. अब ये यात्रा 26 जुलाई यानी करगिल युद्ध के बीस साल बाद द्रास सेक्टर पहुंचेगी.
यात्रा का रूट मंडी जिला के अलावा 20 जुलाई को कुल्लू डिग्री कॉलेज से होते हुए 21 जुलाई को इंस्टिट्यूट ऑफ माउंटेनरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स पहुंचेगी. उसके बाद मशाल को लेकर सेना की टीम 23 जुलाई को कारू और 24 जुलाई को लेह के हॉल ऑफ फेम पर होगी. उसके ठीक दो दिन के बाद ये मशाल अपने गंतव्य द्रास के वॉर मेमोरियल पहुंचेगी.
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