नई दिल्ली : भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपील की है कि देश के सभी शिक्षण संस्थानों को नवाचार के माध्यम से किस तरह कृषि क्षेत्र की समस्याओं का समाधान किया जाए. इस पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने देश के किसानों को बिचौलियों के चंगुल से मुक्त करने की बात भी कही है.
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आज अटल नवाचार उपलब्धि संस्थान रैंकिंग (ARIIA2020) की घोषणा के अवसर पर ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने शिक्षा मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, फूड प्रोसेसिंग, आईसीएआर और एआईसीटीई सभी को मिल कर एक दिशा में काम करने की अपील की.
उन्होंने कहा कि वो अपने नवाचार से ऐसी तकनीक विकसित करने पर जोर दें जिससे किसानों तक सही समय पर सूचना पहुंचे और वह जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों को ज्यादा समय तक ठीक रख सकें. उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि हमारी मूल संस्कृति है और आज भी देश की 52 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है, इसलिए हमारी सभी तकनीक और शोध को कृषि केंद्रित भी होना चाहिए.
तमाम तकनीकी विकास और शोध के बावजूद भी ग्रामीण भारत में किसान आज भी परेशान ही रहता है. यदि किसानों तक सही समय पर उचित सूचना पहुंचे और उन्हें तकनीक की मदद मिले तो खेती में होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव और लॉकडाउन के दौरान किसानों के योगदान की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज देश का किसान आक्रोश में है और लोग खेती छोड़ रहे हैं, क्योंकि उन्हें कृषि से लाभ नहीं मिल रहा है. देश का किसान कड़ी मेहनत करने को हमेशा तैयार रहता है और इस महामारी के दौर में भी किसी एक क्षेत्र ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है तो वह कृषि है. तमाम दिक्कतों के बावजूद कृषि उत्पादन बढ़ा है.
वैंकैया नायडू ने शिक्षण संस्थानों से अपील करते हुए कहा कि वह छात्रों को इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें पर्याप्त सुविधाएं दें. इसमें कोई संदेह नहीं कि देश में खाद्य सुरक्षा है, लेकिन अब हमें विश्व के लिए खाद्य सामग्री का उत्पाद करने पर ध्यान देना है.
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प्रधानमंत्री मोदी का भी कहना है कि मेक इन इंडिया और मेक फॉर इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड के बारे में भी सोचना है. इसी को ध्यान में रखते हुए आज हमें कृषि पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि यह हमारी मूल संस्कृति है.