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महाराष्ट्र : विहिप ने कहा, उद्धव सरकार का धर्म परिवर्तन हो गया है

महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल नहीं खोलने के उद्धव सरकार के फैसले पर विहिप के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने उद्धव सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार कुसंगति में पड़ गई है और लगता है उसका धर्म परिवर्तन हो गया है.

ईटीवी भारत से बात करते विजय शंकर तिवारी
ईटीवी भारत से बात करते विजय शंकर तिवारी
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Published : Oct 26, 2020, 5:07 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद अभी तक उद्धव सरकार ने धार्मिक स्थलों को खोलने की मंजूरी नहीं दी है. इस पर पहले विपक्ष और अब विश्व हिन्दू परिषद ने महाराष्ट्र सरकार पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाया है.

इस संबंध में विहिप के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने उद्धव सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार कुसंगति में पड़ गई है और लगता है उसका धर्म परिवर्तन हो गया है. जब सभी वर्जनाओं के साथ अन्य स्थल जैसे मॉल, लोकल बस, रेल इत्यादि खोले जा सकते हैं, तो मंदिरों को क्यों नहीं खोला जा सकता है?

बता दें कि, शनिवार को महाराष्ट्र में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उद्धव सरकार के खिलाफ जगह-जगह विरोध प्रदर्शन भी किए और मंदिरों को खोलने की मांग की, लेकिन दशहरा बीत जाने के बाद भी सरकार अपने निर्णय पर कायम है और धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है.

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता असलम शेख ने विश्व हिन्दू परिषद को नसीहत देते हुए कहा कि यदि विहिप कार्यकर्ता लोगों से प्लाज़्मा डोनेशन की अपील के लिए सड़कों पर उतरते, तो यह महाराष्ट्र की जनता के लिए ज्यादा बेहतर होता.

ईटीवी भारत से बात करते विजय शंकर तिवारी

अब विहिप ने असलम शेख के बयान पर पलटवार किया है. विहिप प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि विहिप को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, यह शिक्षा उन्हें कांग्रेस नेता या किसी मंत्री से लेने की आवश्यकता नहीं है. कोरोना महामारी के मुश्किल समय में विहिप और संघ के सम्बद्ध संगठनों द्वारा लगातार सेवा कार्य भी किए गए हैं. लॉकडाउन के दौरान भी विहिप कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर जरूरतमंदों की मदद कर रहे थे और अब भी कर रहे हैं.

बतौर विहिप प्रवक्ता, लोगों को जब भी मानसिक पीड़ा महसूस होती है, तो वह अपने धर्म स्थल जाते हैं और पूजा प्रार्थना में उन्हें शांति मिलती है. तमाम राज्यों में कोविड संबंधित सावधानियों के साथ मंदिरों को खोला गया है जिसमें गैर भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं, ऐसे में उद्धव ठाकरे सरकार का यह अड़ियल रवैया सही नहीं है.

पढ़ें - बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शिवसेना ने की 23 उम्मीदवारों की घोषणा

मंदिरों को खोलने के मुद्दे पर महाराष्ट्र में सरकार और राज्यपाल के बीच ठन चुकी है. इससे पहले राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने मुख्यमंत्री को इस बावत पत्र भी लिखा था. उधर 2000 से ज्यादा सामाजिक आंदोलनकर्ता और लेखकों ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर इस बात के लिए शुभकामनाएं दी कि वह मंदिरों को खोलने के मुद्दे पर किसी के दबाव में नहीं आए और अपने निर्णय पर कायम हैं.

विहिप ने महाराष्ट्र सरकार पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार को शासन प्रशासन को चुस्त दुरुस्त करना चाहिए, ताकि लोग कोरोना संक्रमण से बचने के लिए तमाम नियमों का पालन करें, लेकिन मंदिरों को बंद रखना सही नहीं है.

मुंबई : महाराष्ट्र में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद अभी तक उद्धव सरकार ने धार्मिक स्थलों को खोलने की मंजूरी नहीं दी है. इस पर पहले विपक्ष और अब विश्व हिन्दू परिषद ने महाराष्ट्र सरकार पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाया है.

इस संबंध में विहिप के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने उद्धव सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार कुसंगति में पड़ गई है और लगता है उसका धर्म परिवर्तन हो गया है. जब सभी वर्जनाओं के साथ अन्य स्थल जैसे मॉल, लोकल बस, रेल इत्यादि खोले जा सकते हैं, तो मंदिरों को क्यों नहीं खोला जा सकता है?

बता दें कि, शनिवार को महाराष्ट्र में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उद्धव सरकार के खिलाफ जगह-जगह विरोध प्रदर्शन भी किए और मंदिरों को खोलने की मांग की, लेकिन दशहरा बीत जाने के बाद भी सरकार अपने निर्णय पर कायम है और धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है.

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता असलम शेख ने विश्व हिन्दू परिषद को नसीहत देते हुए कहा कि यदि विहिप कार्यकर्ता लोगों से प्लाज़्मा डोनेशन की अपील के लिए सड़कों पर उतरते, तो यह महाराष्ट्र की जनता के लिए ज्यादा बेहतर होता.

ईटीवी भारत से बात करते विजय शंकर तिवारी

अब विहिप ने असलम शेख के बयान पर पलटवार किया है. विहिप प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि विहिप को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, यह शिक्षा उन्हें कांग्रेस नेता या किसी मंत्री से लेने की आवश्यकता नहीं है. कोरोना महामारी के मुश्किल समय में विहिप और संघ के सम्बद्ध संगठनों द्वारा लगातार सेवा कार्य भी किए गए हैं. लॉकडाउन के दौरान भी विहिप कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर जरूरतमंदों की मदद कर रहे थे और अब भी कर रहे हैं.

बतौर विहिप प्रवक्ता, लोगों को जब भी मानसिक पीड़ा महसूस होती है, तो वह अपने धर्म स्थल जाते हैं और पूजा प्रार्थना में उन्हें शांति मिलती है. तमाम राज्यों में कोविड संबंधित सावधानियों के साथ मंदिरों को खोला गया है जिसमें गैर भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं, ऐसे में उद्धव ठाकरे सरकार का यह अड़ियल रवैया सही नहीं है.

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मंदिरों को खोलने के मुद्दे पर महाराष्ट्र में सरकार और राज्यपाल के बीच ठन चुकी है. इससे पहले राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने मुख्यमंत्री को इस बावत पत्र भी लिखा था. उधर 2000 से ज्यादा सामाजिक आंदोलनकर्ता और लेखकों ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर इस बात के लिए शुभकामनाएं दी कि वह मंदिरों को खोलने के मुद्दे पर किसी के दबाव में नहीं आए और अपने निर्णय पर कायम हैं.

विहिप ने महाराष्ट्र सरकार पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार को शासन प्रशासन को चुस्त दुरुस्त करना चाहिए, ताकि लोग कोरोना संक्रमण से बचने के लिए तमाम नियमों का पालन करें, लेकिन मंदिरों को बंद रखना सही नहीं है.

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