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विहिप ने की तबलिगी जमात और मरकज पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग

विश्व हिन्दू परिषद ने तबलिगी जमात और मरकज पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है.परिषद ने इसे इस्लामिक कट्टरपंथी व आतंक का पोषक बताते हुए इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की. विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महासचिव डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा है कि हम सभी भारतीयों का जीवन संकट में डालने वाले तबलीगी जमात के आर्थिक स्त्रोतों का पता लगाकर उसके बैंक खातों, कार्यालयों व कार्यकलापों पर अबिलम्ब विराम लगाया जाए. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Apr 5, 2020, 4:48 PM IST

विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन
विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन

नई दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद ने तबलिगी जमात और मरकज पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है. विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन ने आज व्यक्तव्य जारी करते हुए कहा कि तबलिगी जमात व उसके निजामुद्दीन मरकज की देशव्यापी करतूतों के कारण सम्पूर्ण भारत आज गंभीर संकट में है.

विश्व हिन्दू परिषद् ने इसे इस्लामिक कट्टरपंथी व आतंक का पोषक बताते हुए इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है. विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महासचिव डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा है कि हम सभी भारतीयों का जीवन संकट में डालने वाले तबलीगी जमात के आर्थिक स्त्रोतों का पता लगाकर उसके बैंक खातों, कार्यालयों व कार्यकलापों पर अबिलम्ब विराम लगाया जाए.

उन्होंने कहा कि आठ दिन के लॉकडाउन के कठिन परिश्रम के बाद पूरा देश राहत की सांस ले रहा था. कोरोना पीड़ितों की वृद्धि दर मात्र 2.8 रह गई थी. तभी 30 मार्च को मरकज निजामुद्दीन में एक भयंकर विस्फोट हुआ.

वहां से 2300 से अधिक तबलीगियों को निकाला गया, जिनमें से 500 कोरोना पीड़ित थे और 1800 को क्वारंटाइन करना पड़ा. नौ हजार से अधिक तबलीगी पूरे देश में कोरोना वायरस फैला रहे हैं. 31 तारीख को वृद्धि दर अचानक बढ़कर 43.02% हो गई.

उन्होंने कहा कि मस्जिदों मदरसों में छिपे हुए देशी-विदेशी संक्रमित मौलवियों की धरपकड़ होने लगी. इनके कारण सामुदायिक संक्रमण की संभावनाएं बढ़ गई. 14-15 मार्च को मुंबई में दो से तीन लाख तबलीगियों का इज्तेमा होना वाला था. विहिप के विरोध के कारण उसे रोक दिया गया. अगर वह हो जाता तो पहले से ही कोरोना में नंबर एक पर महाराष्ट्र के साथ पूरे देश की स्थिति क्या होती इसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती.

डॉ जैन ने कहा कि अपने इस घोर अपराध के लिए शर्मिंदगी महसूस करने की जगह इन संक्रमित मौलवियों को छुपाने के लिए पुलिस कर्मियों व स्वास्थ्य कर्मियों को देश की पचासियों बस्तियों में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. इनकी ही जान बचाने गए डॉक्टरों पर हमले किए गए.

उन्होंने कहा क्वॉरेंटाइन किए गए तबलीगी नर्सों के साथ अश्लील हरकतें करने लगे और डॉक्टरों पर थूकने लगे. नरेला के क्वॉरेंटाइन सेंटर में तो सेना के चिकित्सकों और सैनिकों को ही बुलाना पड़ा. केवल निजामुद्दीन में ही नहीं, देशभर में मौलवियों ने मुस्लिम समाज को भड़काने वाले भाषण भी दिए.

उन्होंने कहा कि बंगाल के एक मौलवी अब्बास सिद्दीकी ने तो नमाजियों को भड़काते हुए यहां तक कह दिया कि अल्लाह ऐसा वायरस भेजें. जिससे 50 करोड़ हिंदू खत्म हो जाए.

विहिप के संयुक्त महासचिव ने यह भी कहा कि कोरोना पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में से आधे से अधिक संख्या तबलीगी, मौलवी या उनसे संक्रमित लोगों की है. संपूर्ण देश तबलीगियों और उनसे प्रभावित कट्टरपंथियों के इस व्यवहार से बहुत आश्चर्यचकित है.

ऐसा लग रहा है कि कोरोना संक्रमण को हथियार के रूप में प्रयोग कर इनमें आत्मघाती बम बनने की होड़ लगी है. 1926 में निजामुद्दीन से प्रारंभ तबलीग, हरियाणा के मेवात में धर्मांतरण की सफलता से उत्साहित होकर, आज विश्व के 80 से अधिक देशों में कम से कम आठ करोड़ लोगों को अपनी कुत्सित मानसिकता से संक्रमित कर चुका है.

आज इसके निजामुद्दीन मुख्यालय से प्रशिक्षित होकर लाखों तबलीगी संपूर्ण विश्व में कट्टरता व आतंक फैला रहे हैं. विश्व के अधिकांश आतंकी संगठनों को प्रारंभ करने वाले भी तबलीग से जुड़े रहे हैं. अमेरिकी ट्रेड सेंटर के हत्यारों से लेकर गोधरा में 59 हिंदुओं को जिंदा जलाने वालों तक के संबंध मरकज से रहे हैं.

विहिप की मांग है :-

  1. भारत में तबलीगियों और इज्तिमा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए.
  2. निजामुद्दीन मरकज के भवन और इससे जुड़े बैंक खातों को अविलंब सील किया जाए.
  3. इन के आर्थिक स्रोतों का पता लगाकर इनको बंद कर देना चाहिए.

साथ की विहिप का सवाल है कि इज्तेमा में भाग लेने वाले विदेशियों की सूची विदेश व गृह मंत्रालय को देकर क्या मरकज ने इसकी स्वीकृति ली थी? टूरिस्ट वीजा पर जेहादी प्रशिक्षण व कट्टर इस्लाम का प्रचार करने वाले मौलवीयों पर निगरानी क्यों नहीं रखी गई? संबंधित दोषी अधिकारियों पर भी विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए.

नई दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद ने तबलिगी जमात और मरकज पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है. विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन ने आज व्यक्तव्य जारी करते हुए कहा कि तबलिगी जमात व उसके निजामुद्दीन मरकज की देशव्यापी करतूतों के कारण सम्पूर्ण भारत आज गंभीर संकट में है.

विश्व हिन्दू परिषद् ने इसे इस्लामिक कट्टरपंथी व आतंक का पोषक बताते हुए इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है. विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महासचिव डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा है कि हम सभी भारतीयों का जीवन संकट में डालने वाले तबलीगी जमात के आर्थिक स्त्रोतों का पता लगाकर उसके बैंक खातों, कार्यालयों व कार्यकलापों पर अबिलम्ब विराम लगाया जाए.

उन्होंने कहा कि आठ दिन के लॉकडाउन के कठिन परिश्रम के बाद पूरा देश राहत की सांस ले रहा था. कोरोना पीड़ितों की वृद्धि दर मात्र 2.8 रह गई थी. तभी 30 मार्च को मरकज निजामुद्दीन में एक भयंकर विस्फोट हुआ.

वहां से 2300 से अधिक तबलीगियों को निकाला गया, जिनमें से 500 कोरोना पीड़ित थे और 1800 को क्वारंटाइन करना पड़ा. नौ हजार से अधिक तबलीगी पूरे देश में कोरोना वायरस फैला रहे हैं. 31 तारीख को वृद्धि दर अचानक बढ़कर 43.02% हो गई.

उन्होंने कहा कि मस्जिदों मदरसों में छिपे हुए देशी-विदेशी संक्रमित मौलवियों की धरपकड़ होने लगी. इनके कारण सामुदायिक संक्रमण की संभावनाएं बढ़ गई. 14-15 मार्च को मुंबई में दो से तीन लाख तबलीगियों का इज्तेमा होना वाला था. विहिप के विरोध के कारण उसे रोक दिया गया. अगर वह हो जाता तो पहले से ही कोरोना में नंबर एक पर महाराष्ट्र के साथ पूरे देश की स्थिति क्या होती इसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती.

डॉ जैन ने कहा कि अपने इस घोर अपराध के लिए शर्मिंदगी महसूस करने की जगह इन संक्रमित मौलवियों को छुपाने के लिए पुलिस कर्मियों व स्वास्थ्य कर्मियों को देश की पचासियों बस्तियों में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. इनकी ही जान बचाने गए डॉक्टरों पर हमले किए गए.

उन्होंने कहा क्वॉरेंटाइन किए गए तबलीगी नर्सों के साथ अश्लील हरकतें करने लगे और डॉक्टरों पर थूकने लगे. नरेला के क्वॉरेंटाइन सेंटर में तो सेना के चिकित्सकों और सैनिकों को ही बुलाना पड़ा. केवल निजामुद्दीन में ही नहीं, देशभर में मौलवियों ने मुस्लिम समाज को भड़काने वाले भाषण भी दिए.

उन्होंने कहा कि बंगाल के एक मौलवी अब्बास सिद्दीकी ने तो नमाजियों को भड़काते हुए यहां तक कह दिया कि अल्लाह ऐसा वायरस भेजें. जिससे 50 करोड़ हिंदू खत्म हो जाए.

विहिप के संयुक्त महासचिव ने यह भी कहा कि कोरोना पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में से आधे से अधिक संख्या तबलीगी, मौलवी या उनसे संक्रमित लोगों की है. संपूर्ण देश तबलीगियों और उनसे प्रभावित कट्टरपंथियों के इस व्यवहार से बहुत आश्चर्यचकित है.

ऐसा लग रहा है कि कोरोना संक्रमण को हथियार के रूप में प्रयोग कर इनमें आत्मघाती बम बनने की होड़ लगी है. 1926 में निजामुद्दीन से प्रारंभ तबलीग, हरियाणा के मेवात में धर्मांतरण की सफलता से उत्साहित होकर, आज विश्व के 80 से अधिक देशों में कम से कम आठ करोड़ लोगों को अपनी कुत्सित मानसिकता से संक्रमित कर चुका है.

आज इसके निजामुद्दीन मुख्यालय से प्रशिक्षित होकर लाखों तबलीगी संपूर्ण विश्व में कट्टरता व आतंक फैला रहे हैं. विश्व के अधिकांश आतंकी संगठनों को प्रारंभ करने वाले भी तबलीग से जुड़े रहे हैं. अमेरिकी ट्रेड सेंटर के हत्यारों से लेकर गोधरा में 59 हिंदुओं को जिंदा जलाने वालों तक के संबंध मरकज से रहे हैं.

विहिप की मांग है :-

  1. भारत में तबलीगियों और इज्तिमा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए.
  2. निजामुद्दीन मरकज के भवन और इससे जुड़े बैंक खातों को अविलंब सील किया जाए.
  3. इन के आर्थिक स्रोतों का पता लगाकर इनको बंद कर देना चाहिए.

साथ की विहिप का सवाल है कि इज्तेमा में भाग लेने वाले विदेशियों की सूची विदेश व गृह मंत्रालय को देकर क्या मरकज ने इसकी स्वीकृति ली थी? टूरिस्ट वीजा पर जेहादी प्रशिक्षण व कट्टर इस्लाम का प्रचार करने वाले मौलवीयों पर निगरानी क्यों नहीं रखी गई? संबंधित दोषी अधिकारियों पर भी विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए.

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