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गणतंत्र दिवस 2020 : बीटिंग रिट्रीट में अब गूंजेगा 'वंदे मातरम'

बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम के आखिर में एक खास अंग्रेजी धुन 'अबाइड विथ मी' बजाई जाती है. लेकिन इस बार इसमें वंदे मातरम धुन को भी जोड़ा गया है. बीटिंग रिट्रीट समारोह सदियों पुराने उस सैन्य परंपरा का हिस्सा है, जिसमें सेना लड़ना बंद कर देती है, अपने अस्त्र रख देती है और मैदान-ए-जंग से अपने शिविरों में लौट आती है. जानें वंदे मातरम को जोड़ने की क्या है वजह.

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Published : Jan 25, 2020, 11:06 AM IST

Updated : Feb 18, 2020, 8:27 AM IST

नई दिल्ली : हर साल गणतंत्र दिवस पर शुरू होने वाला कार्यक्रम बीटिंग रीट्रीट के साथ संपन्न होता है. बीटिंग रिट्रीट में सैन्य धुन बजाई जाती है. इस बार इसमें कुछ खास होने वाला है.

दरअसल, बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम के आखिर में एक खास अंग्रेजी धुन 'अबाइड विथ मी' बजाई जाती है. लेकिन इस बार इसमें वंदे मातरम धुन को भी जोड़ा गया है.

महात्मा गांधी की पसंदीदा मानी जाने वाली धुन 'अबाइड विथ मी' एक ईसाई धुन है. पारंपरिक रूप से नई दिल्ली के विजय चौक पर गणतंत्र दिवस समारोह के समापन पर सैन्य बैंड के 45 मिनट लंबे कार्यक्रम का समापन इसी धुन से किया जाता है.

मोदी सरकार के आने के बाद इस कार्यक्रम में कई भारतीय शास्त्रीय वाद्य यंत्रों का पहली बार इस्तेमाल किया गया है. जैसे 2015 में पहली बार सितार, संतूर और तबले की धुन को जोड़ा गया. सरकार का कहना है कि वह अधिक से अधिक भारतीय धुनों को बढ़ावा देना चाहती है.

बीटिंग रिट्रीट पर रिपोर्ट

2018 में इस समारोह में 26 में से 25 धुनें ऐसी थीं, जिन्हें भारतीयों ने बनाया था और एक मात्र अंग्रेजी धुन जो सुनाई दी थी, वह थी 'अबाइड विथ मी.'

ये भी पढ़ें : गणतंत्र दिवस परेड में शामिल दस्तों का नेतृत्व करने वालों ने कहा 'जोश हाई' है

खास बात ये रही कि सिर्फ बीटिंग रिट्रीट ही नहीं बल्कि मोदी सरकार के रहते 2019 के गणतंत्र दिवस समारोह में भी कई बदलाव देखे जा चुके हैं. पहली बार स्वतंत्र भारत में ओरिजिनल मार्श्यल ट्यून- शंखनाद बजाई गई. ये धुन महार रेजिमेंट की यश गाथा कहती है.

बीटिंग रिट्रीट में बजाए जाने वाले धुनों का चयन सेना मुख्यालय के अंतर्गत आने वाला सेना का सेरिमोनियल एंड वेलफेयर निदेशालय करता है.

बीटिंग रिट्रीट समारोह सदियों पुराने उस सैन्य परंपरा का हिस्सा है, जिसमें सेना लड़ना बंद कर देती है, अपने अस्त्र रख देती है और मैदान-ए-जंग से अपने शिविरों में लौट आती है. इसके समापन पर ही अंग्रेजी धुन 'अबाइड विथ मी' को बजाया जाता है लेकिन अब से इस कार्यक्रम में वंदे मातरम को भी बजाया जाएगा.

नई दिल्ली : हर साल गणतंत्र दिवस पर शुरू होने वाला कार्यक्रम बीटिंग रीट्रीट के साथ संपन्न होता है. बीटिंग रिट्रीट में सैन्य धुन बजाई जाती है. इस बार इसमें कुछ खास होने वाला है.

दरअसल, बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम के आखिर में एक खास अंग्रेजी धुन 'अबाइड विथ मी' बजाई जाती है. लेकिन इस बार इसमें वंदे मातरम धुन को भी जोड़ा गया है.

महात्मा गांधी की पसंदीदा मानी जाने वाली धुन 'अबाइड विथ मी' एक ईसाई धुन है. पारंपरिक रूप से नई दिल्ली के विजय चौक पर गणतंत्र दिवस समारोह के समापन पर सैन्य बैंड के 45 मिनट लंबे कार्यक्रम का समापन इसी धुन से किया जाता है.

मोदी सरकार के आने के बाद इस कार्यक्रम में कई भारतीय शास्त्रीय वाद्य यंत्रों का पहली बार इस्तेमाल किया गया है. जैसे 2015 में पहली बार सितार, संतूर और तबले की धुन को जोड़ा गया. सरकार का कहना है कि वह अधिक से अधिक भारतीय धुनों को बढ़ावा देना चाहती है.

बीटिंग रिट्रीट पर रिपोर्ट

2018 में इस समारोह में 26 में से 25 धुनें ऐसी थीं, जिन्हें भारतीयों ने बनाया था और एक मात्र अंग्रेजी धुन जो सुनाई दी थी, वह थी 'अबाइड विथ मी.'

ये भी पढ़ें : गणतंत्र दिवस परेड में शामिल दस्तों का नेतृत्व करने वालों ने कहा 'जोश हाई' है

खास बात ये रही कि सिर्फ बीटिंग रिट्रीट ही नहीं बल्कि मोदी सरकार के रहते 2019 के गणतंत्र दिवस समारोह में भी कई बदलाव देखे जा चुके हैं. पहली बार स्वतंत्र भारत में ओरिजिनल मार्श्यल ट्यून- शंखनाद बजाई गई. ये धुन महार रेजिमेंट की यश गाथा कहती है.

बीटिंग रिट्रीट में बजाए जाने वाले धुनों का चयन सेना मुख्यालय के अंतर्गत आने वाला सेना का सेरिमोनियल एंड वेलफेयर निदेशालय करता है.

बीटिंग रिट्रीट समारोह सदियों पुराने उस सैन्य परंपरा का हिस्सा है, जिसमें सेना लड़ना बंद कर देती है, अपने अस्त्र रख देती है और मैदान-ए-जंग से अपने शिविरों में लौट आती है. इसके समापन पर ही अंग्रेजी धुन 'अबाइड विथ मी' को बजाया जाता है लेकिन अब से इस कार्यक्रम में वंदे मातरम को भी बजाया जाएगा.

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Last Updated : Feb 18, 2020, 8:27 AM IST
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