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ट्रंप प्रशासन ने कोरोना वैक्सीन के लिए पीफाइजर के साथ की डील

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Published : Jul 23, 2020, 6:12 PM IST

ट्रंप प्रशासन ने कोविड-19 वैक्सीन के लिए पीफाइजर फार्मास्युटिकल कंपनी के साथ एक बड़ी डील की है. दिसंबर में डिलीवरी के लिए कोविड-19 वैक्सीन के 100 मिलियन खुराक के लिए अमेरिका ने 2 बिलियन डॉलर की डील की है. पढें पूरी खबर...

कोविड वैक्सीन के लिए डील
कोविड वैक्सीन के लिए डील

वॉशिंगटन: अमेरिका के ट्रम्प प्रशासन ने कोविड-19 वैक्सीन के लिए फार्मास्युटिकल कंपनी पीफाइजर (Pfizer) के साथ एक बड़ी डील की है. दिसंबर में डिलीवरी के लिए कोविड-19 वैक्सीन के 100 मिलियन खुराक के लिए अमेरिका ने 2 बिलियन डॉलर की डील की है. ये घोषणा स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव एलेक्स अज़ार ने की.

एलेक्स अज़ार ने बताया कि समझौते के तहत अमेरिका आगे और 500 मिलियन डोज खरीद सकता है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन का सुरक्षित और प्रभावी होना जरूरी है, साथ ही उसे फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से भी मंजूरी मिली होनी चाहिए.

पीफाइजर इंक और बायोएनटेक एसई (BioNTech SE) ने अलग से घोषणा की कि यह समझौता एचएचएस और रक्षा विभाग के साथ है जिसे कंपनियां संयुक्त रूप से विकसित कर रही हैं.

समझौता राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऑपरेशन वार स्पीड वैक्सीन कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके तहत एक साथ कई कोविड-19 के टीके विकसित किए जा रहे हैं. कार्यक्रम का लक्ष्य जनवरी 2021 तक एक सुरक्षित और प्रभावी कोविड-19 वैक्सीन की 300 मिलियन खुराक वितरित करना है.

ट्रंप ने ब्रीफिंग के दौरान इस समझौते को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा, 'हमें लगता है कि हमारे पास एक विजेता है. हमें यह भी लगता है कि हमारे पीछे दूसरी कंपनियां हैं, जो वैक्सीन में बहुत अच्छा कर रही हैं.'

पीफाइजर और बायोएनटेक ने संयुक्त बयान में कहा कि अमेरिकी सरकार पहले चरण की वैक्सीन के लिए 1.95 बिलियन डॉलर का भुगतान करेगी. कंपनियों ने कहा कि अमेरिका के लोगों को मुफ्त में वैक्सीन मिलेगी.

पीफाइजर कंपनी वैक्सीन के परीक्षण के पहले चरण को पूरा करने वाली है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कौन से चार संभावित उम्मीदवारों पर अंतिम परीक्षण करना है.

यह भी पढ़ें- दुनिया में कोरोना : 6.18 लाख से ज्यादा पहुंचा मौतों का आंकड़ा

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी द्वारा की गई एक टैली के अनुसार, अन्य देश भी कोविड-19 की वैक्सीन विकसित करने में लगे हुए हैं. इस महामारी से 617,000 से अधिक लोग मारे गए हैं.

जॉन्स हॉपकिंस के अनुसार, लगभग 4 मिलियन अमेरिकियों को नए कोरोनो वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और करीब 1,42,000 लोगों की मौत हो चुकी है.

ब्रिटेन ने सोमवार को घोषणा की कि उसने पीफाइजर और अन्य कंपनियों द्वारा तैयार किए गए 90 मिलियन कोविड वैक्सीन के लिए बातचीत की है. इस पर प्रचारकों ने आशंका जताई है कि विकसित देश वैक्सीन की जमाखोरी कर सकते हैं.

चीन में भी कई वैक्सीन उम्मीदवार हैं जिनपर अंतिम परीक्षण होना बाकी है.

ट्रंप ने बीजिंग पर आरोप लगाया कि उसने वायरस संक्रमण को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया और उसे दुनियाभर में फैलने दिया. उन्होंने कहा कि फिर भी अगर वह पहले विश्वसनीय वैक्सीन के साथ बाजार में आते हैं तो वह चीन के साथ काम करने को तैयार होंगे.

ट्रंप ने कहा कि हम किसी के साथ भी काम करने को तैयार हैं जो हमें एक अच्छा परिणाम दे सकता है. हम वैक्सीन के बहुत करीब हैं. उन्हें लगता है कि बहुत अच्छे परिणाम आने वाले हैं.

पांच अग्रणी वैक्सीन कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि वे अपने परीक्षण में कोई शॉर्टकट नहीं लेंगे ताकि लोगों को उनके वैक्सीन पर पूरी तरह से भरोसा हो. इसके अलावा सिर्फ एफडीए ही इसपर राय नहीं देगा बल्कि ब्रिटेन और यूरोप के नियामक अधिकारी भी अपनी राय देंगे.

वॉशिंगटन: अमेरिका के ट्रम्प प्रशासन ने कोविड-19 वैक्सीन के लिए फार्मास्युटिकल कंपनी पीफाइजर (Pfizer) के साथ एक बड़ी डील की है. दिसंबर में डिलीवरी के लिए कोविड-19 वैक्सीन के 100 मिलियन खुराक के लिए अमेरिका ने 2 बिलियन डॉलर की डील की है. ये घोषणा स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव एलेक्स अज़ार ने की.

एलेक्स अज़ार ने बताया कि समझौते के तहत अमेरिका आगे और 500 मिलियन डोज खरीद सकता है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन का सुरक्षित और प्रभावी होना जरूरी है, साथ ही उसे फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से भी मंजूरी मिली होनी चाहिए.

पीफाइजर इंक और बायोएनटेक एसई (BioNTech SE) ने अलग से घोषणा की कि यह समझौता एचएचएस और रक्षा विभाग के साथ है जिसे कंपनियां संयुक्त रूप से विकसित कर रही हैं.

समझौता राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऑपरेशन वार स्पीड वैक्सीन कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके तहत एक साथ कई कोविड-19 के टीके विकसित किए जा रहे हैं. कार्यक्रम का लक्ष्य जनवरी 2021 तक एक सुरक्षित और प्रभावी कोविड-19 वैक्सीन की 300 मिलियन खुराक वितरित करना है.

ट्रंप ने ब्रीफिंग के दौरान इस समझौते को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा, 'हमें लगता है कि हमारे पास एक विजेता है. हमें यह भी लगता है कि हमारे पीछे दूसरी कंपनियां हैं, जो वैक्सीन में बहुत अच्छा कर रही हैं.'

पीफाइजर और बायोएनटेक ने संयुक्त बयान में कहा कि अमेरिकी सरकार पहले चरण की वैक्सीन के लिए 1.95 बिलियन डॉलर का भुगतान करेगी. कंपनियों ने कहा कि अमेरिका के लोगों को मुफ्त में वैक्सीन मिलेगी.

पीफाइजर कंपनी वैक्सीन के परीक्षण के पहले चरण को पूरा करने वाली है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कौन से चार संभावित उम्मीदवारों पर अंतिम परीक्षण करना है.

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जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी द्वारा की गई एक टैली के अनुसार, अन्य देश भी कोविड-19 की वैक्सीन विकसित करने में लगे हुए हैं. इस महामारी से 617,000 से अधिक लोग मारे गए हैं.

जॉन्स हॉपकिंस के अनुसार, लगभग 4 मिलियन अमेरिकियों को नए कोरोनो वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और करीब 1,42,000 लोगों की मौत हो चुकी है.

ब्रिटेन ने सोमवार को घोषणा की कि उसने पीफाइजर और अन्य कंपनियों द्वारा तैयार किए गए 90 मिलियन कोविड वैक्सीन के लिए बातचीत की है. इस पर प्रचारकों ने आशंका जताई है कि विकसित देश वैक्सीन की जमाखोरी कर सकते हैं.

चीन में भी कई वैक्सीन उम्मीदवार हैं जिनपर अंतिम परीक्षण होना बाकी है.

ट्रंप ने बीजिंग पर आरोप लगाया कि उसने वायरस संक्रमण को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया और उसे दुनियाभर में फैलने दिया. उन्होंने कहा कि फिर भी अगर वह पहले विश्वसनीय वैक्सीन के साथ बाजार में आते हैं तो वह चीन के साथ काम करने को तैयार होंगे.

ट्रंप ने कहा कि हम किसी के साथ भी काम करने को तैयार हैं जो हमें एक अच्छा परिणाम दे सकता है. हम वैक्सीन के बहुत करीब हैं. उन्हें लगता है कि बहुत अच्छे परिणाम आने वाले हैं.

पांच अग्रणी वैक्सीन कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि वे अपने परीक्षण में कोई शॉर्टकट नहीं लेंगे ताकि लोगों को उनके वैक्सीन पर पूरी तरह से भरोसा हो. इसके अलावा सिर्फ एफडीए ही इसपर राय नहीं देगा बल्कि ब्रिटेन और यूरोप के नियामक अधिकारी भी अपनी राय देंगे.

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