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चमोली में आए जलजले की 3D सैटेलाइट इमेज बता रही कितना खौफनाक था 'वो' मंजर

उत्तराखंड आपदा के चौथे दिन अमेरिकी एजेंसी ने चमोली हादसे की लाइव तस्वीरें खीचीं हैं. सैटेलाइट कंपनी प्लैनेट लैब्स के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से हादसे की 3D तस्वीरें शेयर की गई हैं.

3D सैटेलाइट इमेज
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Published : Feb 10, 2021, 5:30 PM IST

देहरादून : चमोली में आई भीषण आपदा को आज चौथा दिन है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवानों की रिसर्च और रेस्क्यू का काम युद्धस्तर पर जारी है, तो वहीं शोधकर्ताओं द्वारा लगातार इस घटना के पीछे के कारणों का सटीक आकलन किया जा रहा है. सैटेलाइट इमेज लेने वाली प्लैनेट लैब्स ने चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद की तस्वीर साझा की है. इनमें नजर आ रहा है कि कैसे पहाड़ का बर्फीला सफेद हिस्सा गिरते ही उसकी जगह गहरे रंग की जमीन दिखाई देने लगी.

ग्लेशियर एवलॉन्च का सैटेलाइट वीडियो.

हादसे के वक्त घटनास्थल के ऊपर से गुजर रही प्लैनेट लैब्स के सैटेलाइट ने हादसे की लाइव तस्वीरें खींची है, जिसे कंपनी ने ट्विटर पर शेयर किया है. इसके साथ ही इस संस्था ने घटना की 3D इमेज भी बनाई है.

पढ़ें- उत्तराखंड आपदा : चमोली में फिर बिगड़ा मौसम, शाम तक बर्फबारी की आशंका

चमोली के सुदूर रैणी गांव के ऊपर पहाड़ियों पर आए जलजले के पीछे क्या वजह थी, इसको लेकर लगातार शोध संस्थान अपने-अपने स्तर से जांच कर रहे हैं, जिसमें वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन ने अपनी एक जांच टीम घटनास्थल पर भेजी है. वहीं, उत्तराखंड सरकार की तरफ से भी जल्द ही इस संबंध में एक कमेटी गठित की जाएगी.

देहरादून : चमोली में आई भीषण आपदा को आज चौथा दिन है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवानों की रिसर्च और रेस्क्यू का काम युद्धस्तर पर जारी है, तो वहीं शोधकर्ताओं द्वारा लगातार इस घटना के पीछे के कारणों का सटीक आकलन किया जा रहा है. सैटेलाइट इमेज लेने वाली प्लैनेट लैब्स ने चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद की तस्वीर साझा की है. इनमें नजर आ रहा है कि कैसे पहाड़ का बर्फीला सफेद हिस्सा गिरते ही उसकी जगह गहरे रंग की जमीन दिखाई देने लगी.

ग्लेशियर एवलॉन्च का सैटेलाइट वीडियो.

हादसे के वक्त घटनास्थल के ऊपर से गुजर रही प्लैनेट लैब्स के सैटेलाइट ने हादसे की लाइव तस्वीरें खींची है, जिसे कंपनी ने ट्विटर पर शेयर किया है. इसके साथ ही इस संस्था ने घटना की 3D इमेज भी बनाई है.

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चमोली के सुदूर रैणी गांव के ऊपर पहाड़ियों पर आए जलजले के पीछे क्या वजह थी, इसको लेकर लगातार शोध संस्थान अपने-अपने स्तर से जांच कर रहे हैं, जिसमें वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन ने अपनी एक जांच टीम घटनास्थल पर भेजी है. वहीं, उत्तराखंड सरकार की तरफ से भी जल्द ही इस संबंध में एक कमेटी गठित की जाएगी.

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