वाराणसी : कहा जाता है कि उर्दू भाषा सभ्यता और संस्कृति की भाषा है. उर्दू एक मधुर और आकर्षक भाषा है. इसके अलावा उर्दू में कविता कहने की एक अनूठी शैली है, जिसके कारण उर्दू भाषा सार्वजनिक स्तर पर लोकप्रियता हासिल कर रही है. इसका एक उदाहरण हिंदू विश्वविद्यालय के ऑन्कोलॉजी विभाग के कैंसर विशेषज्ञ डॉ तरुण कुमार बत्रा हैं.
बत्रा ने उर्दू पढ़ना, लिखना और बोलना न केवल सीखा है, बल्कि उर्दू भाषा में डिप्लोमा भी किया है.
डॉ बत्रा का कहना है उन्हें बचपन से ही उर्दू भाषा बहुत प्रभावित थे, जब वह नौ साल के थे, तो उन्हें उर्दू सीखने का जुनून उठा, लेकिन व्यस्त कार्यक्रम के कारण उर्दू सीखने की उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई.
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धीरे-धीरे, जब वह अपने लक्ष्य पाने में सफल हो गए और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक कैंसर चिकित्सक के रूप में काम करने लगे, तो उन्होंने विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग का सहारा लिया और अपनी वर्षों पुरानी इच्छा पूरी की और उर्दू भाषा में डिप्लोमा भी प्राप्त किया.