नई दिल्ली : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और यूपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. यूपीएससी ने नोटिस जारी का जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि वह परीक्षा में और देरी नहीं कर सकते.
बता दें कि यूपीएससी परीक्षार्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने की मांग की गई थी. याचिका में देश में तेजी से कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों और कई प्रदेशों में बाढ़ की भयंकर स्थिति की वजह से होने वाली परेशानियों से संबंधित कारण दिए गए थे.
परीक्षा जो चार अक्टूबर को आयोजित होने वाली है, उसे 31 मई की प्रारंभिक तारीख से पहले ही स्थगित कर दिया गया है.
यूपीएससी का कहना है कि अगर इस साल परीक्षा में देरी हुई तो 27 जून 2021 को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित करना होगा.
इसके अलावा यह तर्क दिया गया है कि सिविल सेवाओं के लिए आने वाले छात्र वयस्क हैं, उम्मीद की जा सकती है कि वे जिम्मेदारी से व्यवहार करेंगे.
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आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा की व्यवस्था के लिए लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च किये हैं और हलफनामे के अनुसार, इस वर्ष सफलतापूर्वक रक्षा और नौसेना परीक्षा आयोजित की गयी है.
कोविड महामारी के मद्देनजर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे जेईई, एनईईटी आदि को स्थगित करने के लिए कई दलीलें सर्वोच्चय अदालत में दी गईं, लेकिन सभी को अदालत ने मना कर दिया. अदालत के पिछले आदेशों के अनुसार, ऐसा लगता है कि परीक्षा स्थगित नहीं होगी.