लखनऊ/नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के कई नेता खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के निशाने पर थे. उत्तर प्रदेश आतंक विरोधी दस्ते (एटीएस) को केएलएफ के दो सदस्यों से पूछताछ में यह जानकारी मिली. 28 जून को दिल्ली पुलिस ने खालिस्तान आंदोलन के तीन समर्थकों को गिरफ्तार किया था.
सूत्रों ने बताया कि सोमवार को नई दिल्ली में उनसे पूछताछ की गई. खालिस्तान आंदोलन के समर्थकों ने बताया कि उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रशिक्षण शिविर भी स्थापित किया था. उन्होंने यह भी स्वीकारा कि उनके निशाने पर उत्तर प्रदेश के कई नेता थे.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पंजाब निवासी गुरतेज सिंह (41) और हरियाणा निवासी लवप्रीत सिंह (21) के रूप में की गई है. वह उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में हत्याओं को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे.
विशेष सेल के अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह दोनों प्रतिबंधित संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' के पाकिस्तान स्थित आईएसआई हैंडलर अब्दुल्ला और अवतार सिंह पन्नू के करीबी थे.
एक अन्य अधिकारी ने जानकारी दी कि गुरतेज को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवाओं को उकसाकर उनसे अराजक गतिविधियों को अंजाम दिलाने का काम सौंपा गया था. उसी ने लवप्रीत सहित पांच और लोगों को इस तरह के काम के लिए संगठन में शामिल किया था.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश एटीएस, ध्रुव कांत ठाकुर ने इस बात की पुष्टि की कि प्रदेश के कई नेता उनके निशाने पर थे. उन्होंने इस बारे में और कोई जानकारी नहीं दी.
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