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शिक्षिका प्रकरण : आर्थिक अपराध शाखा से जांच करा सकती है योगी सरकार - eow on anamika shukla

उत्तर प्रदेश के 25 स्कूलों में एक साथ काम करके महज 13 महीने में एक करोड़ रुपये वेतन हासिल करने के सनसनीखेज मामले में एक शिक्षिका गिरफ्तार हुई है. लेकिन राज्य सरकार को असल अपराधी की गिरफ्तारी पर शक बना हुआ है.

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सतीश द्विवेदी बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश
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Published : Jun 7, 2020, 10:41 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के 25 स्कूलों में एक साथ काम करके महज 13 महीने में एक करोड़ रुपये वेतन हासिल करने के सनसनीखेज मामले में हुई एक शिक्षिका की गिरफ्तारी के बाद भी असली गुनहगार को लेकर अनिश्चितता से घिरी है और वह इस प्रकरण की आर्थिक अपराध शाखा जैसी एजेंसी से जांच करा सकती है.

राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि उन्हें अभी यह नहीं मालूम है कि इस मामले में जो शिक्षिका पकड़ी गई है, वही असल अपराधी है या नहीं.

इस सवाल पर कि क्या आपको भी स्पष्ट नहीं है कि मुख्य अपराधी कौन है, द्विवेदी ने कहा 'हां बिल्कुल नहीं.'

उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तथा विभागीय संलिप्तता नजर आई तो आर्थिक अपराध शाखा जैसी बाहर की एजेंसियों के माध्यम से भी गहन जांच करवाएंगे.

द्विवेदी ने कहा अब क्या बताएं, अभी तो एक लड़की पकड़ में आई है और जांच पड़ताल जारी है. वास्तव में जो कागज दिख रहा है वह तो अनामिका शुक्ला का है.

उसी का दस्तावेज जगह-जगह इस्तेमाल हुआ है. अब वास्तव में वह कौन अनामिका शुक्ला है, वह तो पकड़ में आ नहीं रही है अभी तक.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहाकि यह भी हो सकता है कि वह कहीं अपने घर परिवार में हो. कहीं दूसरी नौकरी कर रही हो और उसका डॉक्यूमेंट इस्तेमाल किया गया हो.

जब तक असल अनामिका शुक्ला पकड़ में नहीं आती है तब तक पता नहीं चलेगा कि ये सब कौन हैं. अब यह पुलिस की छानबीन का मामला हो गया है.

पढ़ें-उत्तर प्रदेश : एक शिक्षिका कई स्कूलों से उठा रही वेतन, दिए गए जांच के आदेश

मंत्री ने कहा कि अभी जो कासगंज में पकड़ी गई है वह तो अपना नाम अनामिका सिंह बता रही है. हमको कोई पत्रकार बता रहा था कि बागपत के बड़ौत में जहां अनामिका शुक्ला की मूल पोस्टिंग मानी जा रही थी वहां किसी प्रिया जाटव का नाम आ रहा है.

ऐसा लग रहा है कि जिसका कागजात मेधावी रहा होगा, उसका जगह जगह इस्तेमाल करके लड़कियों ने नौकरी हासिल की है.

एक महिला के नाम पर कई लोग नौकरी करने के सवाल पर द्विवेदी ने कहा कि हां ऐसा ही लगता है.

कहीं पर प्रिया जाटव अनामिका शुक्ला बन गई और कहीं अनामिका सिंह अनामिका शुक्ला बन गई.

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 25 कस्तूरबा गांधी स्कूलों में एक ही शिक्षिका द्वारा नौकरी किए जाने और 13 महीने के अंदर एक करोड़ रुपए वेतन हासिल करने का मामला सामने आने के बाद शनिवार को कासगंज जिले में अनामिका सिंह नामक एक शिक्षिका को गिरफ्तार किया गया था.

अनामिका गिरफ्तारी के डर से बीएसए कार्यालय अपना इस्तीफा देने आयी थी । उसी समय पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस के अनुसार आरोपी अनामिका ने पूछताछ में बताया कि वह जनपद फर्रुखाबाद के कायमगंज की रहने वाली है और एक लाख की रिश्वत की बदौलत उसे नौकरी प्राप्त हुई थी.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के 25 स्कूलों में एक साथ काम करके महज 13 महीने में एक करोड़ रुपये वेतन हासिल करने के सनसनीखेज मामले में हुई एक शिक्षिका की गिरफ्तारी के बाद भी असली गुनहगार को लेकर अनिश्चितता से घिरी है और वह इस प्रकरण की आर्थिक अपराध शाखा जैसी एजेंसी से जांच करा सकती है.

राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि उन्हें अभी यह नहीं मालूम है कि इस मामले में जो शिक्षिका पकड़ी गई है, वही असल अपराधी है या नहीं.

इस सवाल पर कि क्या आपको भी स्पष्ट नहीं है कि मुख्य अपराधी कौन है, द्विवेदी ने कहा 'हां बिल्कुल नहीं.'

उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तथा विभागीय संलिप्तता नजर आई तो आर्थिक अपराध शाखा जैसी बाहर की एजेंसियों के माध्यम से भी गहन जांच करवाएंगे.

द्विवेदी ने कहा अब क्या बताएं, अभी तो एक लड़की पकड़ में आई है और जांच पड़ताल जारी है. वास्तव में जो कागज दिख रहा है वह तो अनामिका शुक्ला का है.

उसी का दस्तावेज जगह-जगह इस्तेमाल हुआ है. अब वास्तव में वह कौन अनामिका शुक्ला है, वह तो पकड़ में आ नहीं रही है अभी तक.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहाकि यह भी हो सकता है कि वह कहीं अपने घर परिवार में हो. कहीं दूसरी नौकरी कर रही हो और उसका डॉक्यूमेंट इस्तेमाल किया गया हो.

जब तक असल अनामिका शुक्ला पकड़ में नहीं आती है तब तक पता नहीं चलेगा कि ये सब कौन हैं. अब यह पुलिस की छानबीन का मामला हो गया है.

पढ़ें-उत्तर प्रदेश : एक शिक्षिका कई स्कूलों से उठा रही वेतन, दिए गए जांच के आदेश

मंत्री ने कहा कि अभी जो कासगंज में पकड़ी गई है वह तो अपना नाम अनामिका सिंह बता रही है. हमको कोई पत्रकार बता रहा था कि बागपत के बड़ौत में जहां अनामिका शुक्ला की मूल पोस्टिंग मानी जा रही थी वहां किसी प्रिया जाटव का नाम आ रहा है.

ऐसा लग रहा है कि जिसका कागजात मेधावी रहा होगा, उसका जगह जगह इस्तेमाल करके लड़कियों ने नौकरी हासिल की है.

एक महिला के नाम पर कई लोग नौकरी करने के सवाल पर द्विवेदी ने कहा कि हां ऐसा ही लगता है.

कहीं पर प्रिया जाटव अनामिका शुक्ला बन गई और कहीं अनामिका सिंह अनामिका शुक्ला बन गई.

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 25 कस्तूरबा गांधी स्कूलों में एक ही शिक्षिका द्वारा नौकरी किए जाने और 13 महीने के अंदर एक करोड़ रुपए वेतन हासिल करने का मामला सामने आने के बाद शनिवार को कासगंज जिले में अनामिका सिंह नामक एक शिक्षिका को गिरफ्तार किया गया था.

अनामिका गिरफ्तारी के डर से बीएसए कार्यालय अपना इस्तीफा देने आयी थी । उसी समय पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस के अनुसार आरोपी अनामिका ने पूछताछ में बताया कि वह जनपद फर्रुखाबाद के कायमगंज की रहने वाली है और एक लाख की रिश्वत की बदौलत उसे नौकरी प्राप्त हुई थी.

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