उन्नाव: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई. शुक्रवार रात पीड़िता का शव उसके गांव लाया गया. परिवार के लोगों ने सीएम योगी के आने तक अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. हालांकि, बाद में गांव वाले पीड़िता को दफनाने के लिए राजी हो गए और दोपहर दो से तीन बजे के बीच पीड़िता को दफनाया गया.
कमिश्नर मुकेश मेश्राम सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर उन्नाव पहुंचकर पीड़िता के परिजनों से मिले. परिजनों की इच्छा से पीड़िता के शव को उन्हीं के खेत में दफनाया गया. इसी खेत में उनके पूर्वजों की भी समाधियां बनी हुई हैं.
सीएम योगी को बुलाने की मांग
इससे पहले पीड़िता के परिवार वालों ने कहा कि उन्हें सीएम से अपनी बात कहनी है. परिवार के लोगों को कोर्ट से न्याय की उम्मीद नहीं है. उनका कहना है कि सरकार उनके परिवार को नौकरी भी दे.
पीड़िता की बहन ने बताया कि उन्हें इंसाफ चाहिए, लेकिन कोर्ट से उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं है. क्योंकि कोर्ट पैसे वालों के लिए है और उनके पास इतना पैसा नहीं है.
इसी बीच एक कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने उन्नाव कांड को लेकर कहा कि सरकार बलात्कार की घटनाओं को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और इस पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार जल्द से जल्द इस कांड के दोषियों को सजा दिलाने का पूरा प्रयास करेगी.
'उन्नाव कांड के दोषियों को मिलेगी जल्द सजा'
आरोपियों को जल्दी से जल्दी और कड़ी से कड़ी से सजा मिल सके, इसके लिए मुख्यमंत्री ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की भी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि इस अपराध में जो भी अपराधी लिप्त थे, वह सारे के सारे गिरफ्तार हुए हैं. परिवार को जो भी सुरक्षा की जरूरत होगी सरकार देगी.
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प्रदेश सरकार की यह कोशिश थी कि पीड़िता को उचित इलाज मिल सके, इसके लिए एयर बस में लिफ्ट करके उन्हें ले जाया गया था लेकिन यह दुखद है कि उनकी मृत्यु हो गई.