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कोरोनिल को इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर दिया गया ग्रीन सिग्नल : आयुष मंत्रालय - patanjalis immunity booster

इन दिनों कोविड-19 की दवा कोरोनिल को लेकर बाबा रामदेव सुर्खियों में है. इसके साथ ही उन्हें इस कोरोनिल दवा के लिए आयुष मंत्रालय से इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर ग्रीन सिग्नल मिल गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Union Minister of Ayush Shripad Nayak
केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक
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Published : Jul 1, 2020, 10:41 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पतंजलि कोरोनिल की बिक्री सिर्फ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली औषधि के तौर पर कर सकती है.

कुछ दिन पहले योगगुरु रामदेव की कंपनी ने इसे कोविड-19 की दवा के तौर पर पेश किया था और अब इसे बीमारी के प्रभाव को कम करने वाला उत्पाद कह रही है.

पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने कहा कि उसके और केंद्रीय मंत्रालय के बीच कोई कोई असहमति नहीं है. मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कंपनी से तब तक आयुर्वेदिक औषधि की बिक्री नहीं करने को कहा था जब तक वह इस मामले पर गौर न कर ले.

केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नायक ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोनिल नाम की दवा राज्य सरकार ने इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर ही ग्रीन सिग्नल दिया था. उसके आधार बनाकर मंत्रालय ने सारे कागजात की स्क्रूटिनी की उसके बाद ही इम्युनिटी बूस्टर को लाइसेंस दिया गया. इस दवा को मात्र इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर ग्रीन सिग्नल दिया गया है.

पढ़ें- रामदेव बोले- कोरोनिल किट को मिली हरी झंडी, ड्रग माफिया ने किया दुष्प्रचार

उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय ने कई और चीजें भी बताई गई है जो इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर लोगों को लेने से कोरोना के बचाव में सहायक हो रही हैं. इसी तरह से इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर ही कोरोनिल को बेचने की अनुमति दी गई है. आयुष मंत्रालय इस दवा की अनुशंसा कर रहा है.

नई दिल्ली: केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पतंजलि कोरोनिल की बिक्री सिर्फ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली औषधि के तौर पर कर सकती है.

कुछ दिन पहले योगगुरु रामदेव की कंपनी ने इसे कोविड-19 की दवा के तौर पर पेश किया था और अब इसे बीमारी के प्रभाव को कम करने वाला उत्पाद कह रही है.

पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने कहा कि उसके और केंद्रीय मंत्रालय के बीच कोई कोई असहमति नहीं है. मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कंपनी से तब तक आयुर्वेदिक औषधि की बिक्री नहीं करने को कहा था जब तक वह इस मामले पर गौर न कर ले.

केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नायक ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोनिल नाम की दवा राज्य सरकार ने इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर ही ग्रीन सिग्नल दिया था. उसके आधार बनाकर मंत्रालय ने सारे कागजात की स्क्रूटिनी की उसके बाद ही इम्युनिटी बूस्टर को लाइसेंस दिया गया. इस दवा को मात्र इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर ग्रीन सिग्नल दिया गया है.

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उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय ने कई और चीजें भी बताई गई है जो इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर लोगों को लेने से कोरोना के बचाव में सहायक हो रही हैं. इसी तरह से इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर ही कोरोनिल को बेचने की अनुमति दी गई है. आयुष मंत्रालय इस दवा की अनुशंसा कर रहा है.

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