श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आज आतंकियों ने पीडीपी नेता परवेज अहमद के घर पर अंधाधुंध फायरिंग की. इस हमले में पीडीपी नेता के पीएसओ कांस्टेबल मंजूर अहमद घायल हो गए थे, जिनकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई.
कश्मीर जोन पुलिस ने कहा, आतंकवादियों द्वारा की गई अंधाधुंध गोलीबारी में श्रीनगर के नाटीपोरा में एक पीडीपी नेता के पीएसओ कांस्टेबल मंजूर अहमद घायल हो गए. उन्हें अस्पताल भेजा गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. पुलिस ने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर सर्च अभियान चलाया जा रहा है.
दरअसल, मंजूर अहमद को पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता परवेज अहमद के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) के रूप में तैनात किया गया था. सोमवार को श्रीनगर के नटिपोरा में पीडीपी नेता के घर पर एक आतंकवादी हमला हुआ, इस दौरान हो रही फायरिंग में पीएसओ कांस्टेबल मंजूर अहमद बुरी तरह घायल हो गये, इस बीच उन्हें इलाज के लिए तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
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पुलिस ने सिपाही की पहचान बडगाम जिले के नगाम इलाके के मंजूर अहमद याटू के रूप में की है.
कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट कर कहा, श्रीनगर के नाटीपोरा में आतंकवादियों द्वारा की गई अंधाधुंध गोलीबारी में एक पीडीपी नेता के निजी सुरक्षा अधिकारी मंजूर अहमद घायल हो गए.
पीडीपी नेता ने ईटीवी भारत को बताया कि पीरन पहने दो आतंकवादी उनके आवासीय परिसर में घुसते ही फायरिंग करने लगे, इस फायरिंग में एक पीएसओ बुरी तरह घायल हो गये. उन्होंने कहा कि यह एक चमत्कार है कि मैं सुरक्षित हूं, लेकिन दुर्भाग्य से पीएसओ ने अपनी जान गंवा दी.
पीडीपी नेता ने अपनी जान खतरे में डालने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन को दोषी ठहराया, उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा पांच महीने पहले वापस ले ली गई थी. मेरी सुरक्षा के लिए मेरे पास पांच पुलिस कांस्टेबल तैनात थे, लेकिन पांच महीने पहले तीन पीएसओ वापस ले लिए गए. सरकार को मुझे और अन्य राजनेताओं को पार्टी संबद्धता के बावजूद सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए.
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हमले की सूचना मिलते ही पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां घटनास्थल पर पहुंच गई. पुलिस इस बीच हमलावर, नेता के परिसर में कैसे घुसे इस बात की भी जांच कर रही है.
पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद- 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर घाटी में राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा वापस ले ली थी.