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चंद्रयान-2: जानें मिशन से जुड़ी खासियत

इसरो दोपहर 2.43 बजे चंद्रयान-2 मिशन प्रक्षेपित करेगा. इसरो बताया कि लॉन्च की रिहर्सल पूरी हो चुकी है. इसका प्रदर्शन समान्य है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 22, 2019, 2:27 PM IST

Updated : Jul 22, 2019, 2:32 PM IST

नई दिल्लीः चंद्रयान-2 मिशन के प्रक्षेपण की रविवार शाम 6.43 बजे शुरू की गई उल्टी गिनती सोमवार को बिना किसी अवरोध के जारी है. रॉकेट दोपहर 2.43 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी. चंद्रयान-2 परियोजना 978 करोड़ रुपये की है. उल्टी गिनती के दौरान रॉकेट और अंतरिक्ष यान तंत्र की जांच की जाएगी और उसमें ईधन भरा जाएगा.

यह मिशन कैसा होगा, इसकी विशेषताएं क्या होंगी, इसे जानने के लिए ईटीवी भारत ने नेहरू तारामंडल के सदस्यों से बातचीत की. आईये जानते हैं कैसा होगा यह मिशन.

नेहरू तारामंडल के सदस्यों ने बताया कि इस मिशन के जरिए इसरो को जानकारी मिलेगी कि चांद पर पानी है या नहीं.

नेहरू तारामंडल के सदस्यों से बातचीत

एक अन्य सदस्य ने बताया कि चंद्रयान-2 पहले प्रक्षेपित किए चंद्रयान-1 से बहुत अलग है. उन्होंने बताया कि रोवर, लैंडर और ऑरबिटर हैं. लैंडर चांद पर उतरेगा. रोवर के जरिए चांद पर चला जा सकेगा और वहां से सैम्पल कलेक्ट करेंगे. इसके साथ ही ऑरबिटर के जरिए पृथ्वी पर सैम्पल कलेक्ट होगा. इसके साथ ही ऑरबिटर चांद पर मैपिंग करेगा और वहां वीडियो तैयार करेगा.

इसरो के अनुसार, दूसरे चरण/इंजन में अनसिमिट्रिकल डाइमिथाइलहाइड्राजाइन (यूडीएमएच) और नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड (एन2ओ4) के साथ ईंधन भरने की प्रक्रिया हो चुकी है.

पढ़ें-MissionMoon: उड़ान भरते ही भारत रच देगा इतिहास, कुछ घंटों में रवाना होगा चंद्रयान-2

चंद्रयान-2 के साथ जीएसएलवी-एमके तृतीय को पहले 15 जुलाई को तड़के 2.51 बजे प्रक्षेपित किया जाना था. हालांकि प्रक्षेपण से एक घंटा पहले एक तकनीकी खामी के पाए जाने के बाद प्रक्षेपक्ष स्थगित कर दिया गया था.

नई दिल्लीः चंद्रयान-2 मिशन के प्रक्षेपण की रविवार शाम 6.43 बजे शुरू की गई उल्टी गिनती सोमवार को बिना किसी अवरोध के जारी है. रॉकेट दोपहर 2.43 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी. चंद्रयान-2 परियोजना 978 करोड़ रुपये की है. उल्टी गिनती के दौरान रॉकेट और अंतरिक्ष यान तंत्र की जांच की जाएगी और उसमें ईधन भरा जाएगा.

यह मिशन कैसा होगा, इसकी विशेषताएं क्या होंगी, इसे जानने के लिए ईटीवी भारत ने नेहरू तारामंडल के सदस्यों से बातचीत की. आईये जानते हैं कैसा होगा यह मिशन.

नेहरू तारामंडल के सदस्यों ने बताया कि इस मिशन के जरिए इसरो को जानकारी मिलेगी कि चांद पर पानी है या नहीं.

नेहरू तारामंडल के सदस्यों से बातचीत

एक अन्य सदस्य ने बताया कि चंद्रयान-2 पहले प्रक्षेपित किए चंद्रयान-1 से बहुत अलग है. उन्होंने बताया कि रोवर, लैंडर और ऑरबिटर हैं. लैंडर चांद पर उतरेगा. रोवर के जरिए चांद पर चला जा सकेगा और वहां से सैम्पल कलेक्ट करेंगे. इसके साथ ही ऑरबिटर के जरिए पृथ्वी पर सैम्पल कलेक्ट होगा. इसके साथ ही ऑरबिटर चांद पर मैपिंग करेगा और वहां वीडियो तैयार करेगा.

इसरो के अनुसार, दूसरे चरण/इंजन में अनसिमिट्रिकल डाइमिथाइलहाइड्राजाइन (यूडीएमएच) और नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड (एन2ओ4) के साथ ईंधन भरने की प्रक्रिया हो चुकी है.

पढ़ें-MissionMoon: उड़ान भरते ही भारत रच देगा इतिहास, कुछ घंटों में रवाना होगा चंद्रयान-2

चंद्रयान-2 के साथ जीएसएलवी-एमके तृतीय को पहले 15 जुलाई को तड़के 2.51 बजे प्रक्षेपित किया जाना था. हालांकि प्रक्षेपण से एक घंटा पहले एक तकनीकी खामी के पाए जाने के बाद प्रक्षेपक्ष स्थगित कर दिया गया था.

Intro:नई दिल्लीः आज भारत की स्पेस एजेंसी इसरो दोपहर 2.35 मिनट पर चंद्रयान 2 मिशन को पृथ्वी से चंद्रमा में भेजने का कार्य करेगी. यह मिशन कैसा होगा, इसकी विशेषताएं क्या होंगी, इसे जानने के लिए हमने बात की नेहरू तारामंडल के सदस्यों से.
आईये जानते हैं कैसा होगा यह मिशन.

देखें वीडियो...


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Conclusion:
Last Updated : Jul 22, 2019, 2:32 PM IST
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