नई दिल्ली : कड़कड़डूमा कोर्ट ने आज दिल्ली दंगों के मामले में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उमर खालिद की पेशी के बाद ये आदेश जारी किया.
सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदिप पेस ने कहा कि उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है. दिल्ली में हुए दंगों के दौरान वह दिल्ली में नहीं था. दिल्ली दंगों के दौरान उसने केवल एक जगह अमरावती में भाषण दिया था. उमर खालिद की ओर से कहा गया कि वो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सदस्य नहीं है.
उमर खालिद ने कहा कि उसके भाषणों का गलत मतलब निकाला गया. खालिद के वकील ने कहा कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि उसने दिल्ली दंगाईयों को धन मुहैया कराया. खालिद ने कहा कि उसके खिलाफ यूएपीए के तहत लगाए गए आरोप गलत हैं.
बयान देने के लिए लोगों को धमका रही है पुलिस
वकील त्रिदिप पेस ने कहा कि उमर खालिद की जान को खतरा है. उस पर हमले किए जा चुके हैं. यह सभी लोग जानते हैं कि पुलिस बयान देने के लिए लोगों को धमका रही है. उमर खालिद को भी धमकाया गया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि दस दिनों की हिरासत की कोई जरुरत नहीं है.
उमर खालिद के खिलाफ केवल घृणा फैलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि उमर खालिद जांच में सहयोग कर रहा है. उसे जब भी पूछताछ के लिए बुलाया जाता है वो आ जाता है. उसे भागने की भी कोई आशंका नहीं है. उसे गिरफ्तार करने की जरुरत नहीं थी.
11 लाख पेजों के दस्तावेज के बारे में पूछताछ करनी है
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद की दस दिनों की हिरासत की मांग की. दिल्ली पुलिस ने कहा कि उमर खालिद से करीब 11 लाख पेजों के दस्तावेजों के बारे में पूछताछ करनी है. बता दें कि उमर खालिद को कल यानि 13 सितंबर को करीब दस घंटे की पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने रात 11 बजे गिरफ्तार किया था.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी महीने में हुए दंगों के मामले में दर्ज एफआईआर में उमर खालिद का नाम है. स्पेशल सेल के मुताबिक उमर खालिद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत आगमन के पहले अन्य आरोपियों के साथ दिल्ली में दंगों की साजिश रची थी.
उमर खालिद के साथ और कौन-कौन हैं आरोपी
दिल्ली हिंसा में साजिश रचने के मामले में जिन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत आरोप दर्ज किया गया है उनमें शरजील इमाम, पिंजरा तोड़ संगठन की कार्यकर्ता देवांगन कलीता, नताशा नरवाल, जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र आसिफ इकबाल तान्हा, गुलफिशा फातिमा, पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां, सफूरा जरगर, मीरान हैदर, शिफा उर रहमान, ताहिर हुसैन, खालिद सैफी और उमर खालिद के नाम शामिल हैं. बता दें कि दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे.