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माल्या को बड़ा झटका, प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका खारिज

लंदन की अदालत में विजय माल्या की अपील खारिज हो गई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत सरकार माल्या के प्रत्यर्पण में जल्द ही कामयाब होगी. पढ़ें क्या है पूरा मामला...

विजय माल्या (फाइल फोटो)
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Published : Apr 8, 2019, 5:04 PM IST

Updated : Apr 8, 2019, 5:45 PM IST

हैदराबाद (डेस्क): भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत में केस चल रहा है. एक बार फिर माल्या को अदालत से झटका लगा है. लंदन की हाईकोर्ट के जज ने ये आदेश पारित किया है.

जानकारी के मुताबिक माल्या ने कोर्ट से भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ अपील करने की अनुमति मांगी थी. अदालत ने अपील की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

extradition of mallya etvbharat
माल्या के प्रत्यर्पण पर केस की सूचना

माल्या के खिलाफ 9 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है. इसी सिलसिले में वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने माल्या को भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर सहमति दे दी है.

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर ब्रिटेन के गृह सचिव साजिद जावीद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं. कोर्ट ने गत फरवरी में माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश पारित किया था. इस आदेश के तहत माल्या के खिलाफ भारत की अदालतों में कार्यवाही की जाएगी.

माल्या की अपील खारिज होने पर न्यायपालिका के प्रवक्ता ने कहा 'अपील की अनुमति के लिए दिया गया आवेदन जस्टिस विलियम डेविस ने 5 अप्रैल को खारिज कर दिया.'

प्रवक्ता ने बताया 'मौखिक विचार के लिए अप्लाई करने को याचिकाकर्ता (माल्या) के पास पांच कार्यदिवस की मोहलत है. अगर एक रिन्यूअल आवेदन दिया जाता है, तो इसे हाईकोर्ट जज के समक्ष लिस्ट कर सुनवाई की जाएगी.'

प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या की अपील का आवेदन एकल जज के पास भेजा गया. उन्हें आवेदन के साथ पेश किए गए दस्तावेजों के आधार पर फैसला लेना था. ऐसे में जबकि, जज डेविस ने आवेदन खारिज कर दिया है, उनके पास रिन्यूअल का विकल्प है.

रिन्यूअल की प्रक्रिया के बाद एक संक्षिप्त सुनवाई की जाएगी. इस दौरान माल्या की लीगल टीम और क्राउन प्रॉजीक्यूशन सर्विस (CPS) अपनी दलीलें पेश करेंगे.

दोनों पक्ष अपने दावों की रिन्यूअल के लिए पक्ष रखेंगे. इस दौरान जज पूरी सुनवाई करने पर फैसला करेंगे. बता दें कि CPS लंदन की अदालत में भारत सरकार के लिए जिरह करेंगे.

बता दें कि विजय माल्या (63) किंगफिशर एयरलाइन के मालिक रह चुके हैं. वे मार्च, 2016 से ही लंदन में रह रहे हैं. अप्रैल, 2017 में स्कॉटलैंड यार्ड ने माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण वारंट जारी किया था. वे इस समय से ही जमानत पर हैं.

लगभग एक साल तक चला प्रत्यर्पण का ट्रायल दिसंबर, 2018 में पूरा हुआ. ट्रायल पूरा होने के बाद जज एम्मा अर्बटनॉट ने कहा था कि 'रंगीला'(flashy) अरबपति को भारतीय अदालतों में जवाब देना ('case to answer') होगा.

ये भी पढ़ें : बैंकों ने मेरी देनदारी से ज्यादा पैसे वसूले, PM मोदी के इंटरव्यू के बाद माल्या ने किया दावा

इससे पहले विजय माल्या ने ट्वीट कर कहा था 'भारत में मेरी छवी पोस्टर बॉय की तरह बना दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि जितना पैसा मैंने बैंकों से कर्ज लिया था, सरकार उससे ज्यादा वसूल चुकी है'

(भाषा इनपुट)

mallya tweets on repayment
विजय माल्या का ट्वीट

हैदराबाद (डेस्क): भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत में केस चल रहा है. एक बार फिर माल्या को अदालत से झटका लगा है. लंदन की हाईकोर्ट के जज ने ये आदेश पारित किया है.

जानकारी के मुताबिक माल्या ने कोर्ट से भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ अपील करने की अनुमति मांगी थी. अदालत ने अपील की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

extradition of mallya etvbharat
माल्या के प्रत्यर्पण पर केस की सूचना

माल्या के खिलाफ 9 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है. इसी सिलसिले में वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने माल्या को भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर सहमति दे दी है.

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर ब्रिटेन के गृह सचिव साजिद जावीद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं. कोर्ट ने गत फरवरी में माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश पारित किया था. इस आदेश के तहत माल्या के खिलाफ भारत की अदालतों में कार्यवाही की जाएगी.

माल्या की अपील खारिज होने पर न्यायपालिका के प्रवक्ता ने कहा 'अपील की अनुमति के लिए दिया गया आवेदन जस्टिस विलियम डेविस ने 5 अप्रैल को खारिज कर दिया.'

प्रवक्ता ने बताया 'मौखिक विचार के लिए अप्लाई करने को याचिकाकर्ता (माल्या) के पास पांच कार्यदिवस की मोहलत है. अगर एक रिन्यूअल आवेदन दिया जाता है, तो इसे हाईकोर्ट जज के समक्ष लिस्ट कर सुनवाई की जाएगी.'

प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या की अपील का आवेदन एकल जज के पास भेजा गया. उन्हें आवेदन के साथ पेश किए गए दस्तावेजों के आधार पर फैसला लेना था. ऐसे में जबकि, जज डेविस ने आवेदन खारिज कर दिया है, उनके पास रिन्यूअल का विकल्प है.

रिन्यूअल की प्रक्रिया के बाद एक संक्षिप्त सुनवाई की जाएगी. इस दौरान माल्या की लीगल टीम और क्राउन प्रॉजीक्यूशन सर्विस (CPS) अपनी दलीलें पेश करेंगे.

दोनों पक्ष अपने दावों की रिन्यूअल के लिए पक्ष रखेंगे. इस दौरान जज पूरी सुनवाई करने पर फैसला करेंगे. बता दें कि CPS लंदन की अदालत में भारत सरकार के लिए जिरह करेंगे.

बता दें कि विजय माल्या (63) किंगफिशर एयरलाइन के मालिक रह चुके हैं. वे मार्च, 2016 से ही लंदन में रह रहे हैं. अप्रैल, 2017 में स्कॉटलैंड यार्ड ने माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण वारंट जारी किया था. वे इस समय से ही जमानत पर हैं.

लगभग एक साल तक चला प्रत्यर्पण का ट्रायल दिसंबर, 2018 में पूरा हुआ. ट्रायल पूरा होने के बाद जज एम्मा अर्बटनॉट ने कहा था कि 'रंगीला'(flashy) अरबपति को भारतीय अदालतों में जवाब देना ('case to answer') होगा.

ये भी पढ़ें : बैंकों ने मेरी देनदारी से ज्यादा पैसे वसूले, PM मोदी के इंटरव्यू के बाद माल्या ने किया दावा

इससे पहले विजय माल्या ने ट्वीट कर कहा था 'भारत में मेरी छवी पोस्टर बॉय की तरह बना दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि जितना पैसा मैंने बैंकों से कर्ज लिया था, सरकार उससे ज्यादा वसूल चुकी है'

(भाषा इनपुट)

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विजय माल्या का ट्वीट
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Vijay Mallya denied permission to appeal against extradition by UK court. PTI AK ZH
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Last Updated : Apr 8, 2019, 5:45 PM IST
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