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आधे घंटे चली मगरमच्छ से लड़ाई में बिहार के दो बहादुरों की जीत

बिहार के बेतिया में दो बहादुर भाइयों ने जो किया, उसकी चर्चा आज चारों ओर हो रही है. दोनों ने मिलकर एक मगरमच्छ को धूल चटा दी. पढ़ें, बहादुरी की पूरी दास्तां...

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Published : Sep 2, 2020, 6:40 PM IST

two brave brothers defeated  crocodile
मगरमच्छ से भिड़े दो भाई

बेतिया : बिहार के बेतिया से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में सोचते ही आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. यहां नदी में भैंस को नहलाने गए 12 साल के बच्चे को मगरमच्छ ने दबोचा लिया. यह सब देख 14 वर्षीय सगे भाई ने भी नदी में छलांग लगा दी. फिर जो कुछ हुआ, वह इन दोनों की बहादुरी बयां कर रहा है.

जिले के योगपट्टी के चौमुखा गांव में दो सगे भाइयों ने मगरमच्छ को हरा कर जिंदगी की जंग जीत ली. सगे भाई नीरज और धीरज की बहादुरी की चर्चा पूरे गांव में हो रही है. दरअसल, छोटा भाई नीरज नदी में अपनी भैंस को नहला रहा था. इसी बीच मगरमच्छ ने उसपर हमला कर दिया. मगरमच्छ के मुंह में अपने छोटे भाई का पैर देख बड़ा भाई धीरज आनन-फानन में नदी में कूद गया.

आधे घंटे तक मगरमच्छ से चली दो भाइयों की लड़ाई

आधे घंटे तक चली लड़ाई
मगरमच्छ के मुंह में अपना पैर देख नीरज उसके सिर पर वार करता रहा. इधर, पूंछ पकड़कर नीरज ने मगरमच्छ को शिथिल करने का प्रयास किया. दोनों ने आधे घंटे तक मगरमच्छ से लड़ाई की. इस दौरान मगरमच्छ पूरी तरह शिथिल पड़ गया. अपने आप को चौतरफा घिरा देख मगरमच्छ ने नीरज के पैर को छोड़ दिया और भाग खड़ा हुआ.

बुरी तरह जख्मी हुआ नीरज
मगरमच्छ के हमले से नीरज बुरी तरह जख्मी हो गया है. उसके पैर में मगरमच्छ के दातों के गहरे घाव हैं. प्राथमिक उपचार के बाद नीरज को बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है.

दिलेर भाई
नीरज और धीरज अपनी बहादुरी के बारे में बताते हैं. दोनों कहते हैं कि हमने मगरमच्छ को हरा दिया. छोटा भाई नीरज घायल होने के बावजूद, मगरमच्छ से लड़ता रहा. जहां मौत सामने खड़ी देख लोग गश खाकर गिर जाते हैं. वहां बहादुर भाइयों ने इसका डटकर मुकाबला किया.

इलाज के लिए नहीं पैसे- मां
मां रामकली ने बताया कि उनके बच्चे बहुत बहादुर हैं. मगरमच्छ को हराकर, वह जिंदगी की जंग जीत गए हैं, लेकिन उनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. आर्थिक रूप से कमजोर रामकली ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. नीरज को संक्रमण का खतरा भी है.

पढ़ें - शाबाश! कुसुम ने मोबाइल लुटेरों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, नहीं मानी हार

वन्य जीवों का कहर
बिहार का पश्चिमी चंपारण जिला वन्य जीवों के लिए जाना जाता है. बिहार का एकमात्र टाइगर रिजर्व इसी जिले में है. बड़े वन क्षेत्र में हर रोज ऐसी घटनाएं सामने आती हैं. बुधवार को जहां दो भाइयों ने मगरमच्छ को हरा दिया. वहीं, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो के वन कक्ष संख्या एम-26 से सटे रिहायशी क्षेत्र में एक अजगर का आतंक देखने को मिला. भेडीयारी बंगाली कॉलोनी में अजगर ने एक बकरी को निगल लिया. इसके बाद इलाके में दहशत का माहौल बन गया.

वन कर्मियों ने किया सफल रेस्क्यू
मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने अजगर को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया है. वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र पदाधिकारी महेश प्रसाद ने बताया कि वन्य जीव कभी-कभी रास्ता भटक कर रिहायशी क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं. अजगर की लंबाई 12 फीट थी. उसे जटाशंकर वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया है. वहीं, बकरी मालिक ने मुआवजे की मांग की है.

बेतिया : बिहार के बेतिया से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में सोचते ही आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. यहां नदी में भैंस को नहलाने गए 12 साल के बच्चे को मगरमच्छ ने दबोचा लिया. यह सब देख 14 वर्षीय सगे भाई ने भी नदी में छलांग लगा दी. फिर जो कुछ हुआ, वह इन दोनों की बहादुरी बयां कर रहा है.

जिले के योगपट्टी के चौमुखा गांव में दो सगे भाइयों ने मगरमच्छ को हरा कर जिंदगी की जंग जीत ली. सगे भाई नीरज और धीरज की बहादुरी की चर्चा पूरे गांव में हो रही है. दरअसल, छोटा भाई नीरज नदी में अपनी भैंस को नहला रहा था. इसी बीच मगरमच्छ ने उसपर हमला कर दिया. मगरमच्छ के मुंह में अपने छोटे भाई का पैर देख बड़ा भाई धीरज आनन-फानन में नदी में कूद गया.

आधे घंटे तक मगरमच्छ से चली दो भाइयों की लड़ाई

आधे घंटे तक चली लड़ाई
मगरमच्छ के मुंह में अपना पैर देख नीरज उसके सिर पर वार करता रहा. इधर, पूंछ पकड़कर नीरज ने मगरमच्छ को शिथिल करने का प्रयास किया. दोनों ने आधे घंटे तक मगरमच्छ से लड़ाई की. इस दौरान मगरमच्छ पूरी तरह शिथिल पड़ गया. अपने आप को चौतरफा घिरा देख मगरमच्छ ने नीरज के पैर को छोड़ दिया और भाग खड़ा हुआ.

बुरी तरह जख्मी हुआ नीरज
मगरमच्छ के हमले से नीरज बुरी तरह जख्मी हो गया है. उसके पैर में मगरमच्छ के दातों के गहरे घाव हैं. प्राथमिक उपचार के बाद नीरज को बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है.

दिलेर भाई
नीरज और धीरज अपनी बहादुरी के बारे में बताते हैं. दोनों कहते हैं कि हमने मगरमच्छ को हरा दिया. छोटा भाई नीरज घायल होने के बावजूद, मगरमच्छ से लड़ता रहा. जहां मौत सामने खड़ी देख लोग गश खाकर गिर जाते हैं. वहां बहादुर भाइयों ने इसका डटकर मुकाबला किया.

इलाज के लिए नहीं पैसे- मां
मां रामकली ने बताया कि उनके बच्चे बहुत बहादुर हैं. मगरमच्छ को हराकर, वह जिंदगी की जंग जीत गए हैं, लेकिन उनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. आर्थिक रूप से कमजोर रामकली ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. नीरज को संक्रमण का खतरा भी है.

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वन्य जीवों का कहर
बिहार का पश्चिमी चंपारण जिला वन्य जीवों के लिए जाना जाता है. बिहार का एकमात्र टाइगर रिजर्व इसी जिले में है. बड़े वन क्षेत्र में हर रोज ऐसी घटनाएं सामने आती हैं. बुधवार को जहां दो भाइयों ने मगरमच्छ को हरा दिया. वहीं, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो के वन कक्ष संख्या एम-26 से सटे रिहायशी क्षेत्र में एक अजगर का आतंक देखने को मिला. भेडीयारी बंगाली कॉलोनी में अजगर ने एक बकरी को निगल लिया. इसके बाद इलाके में दहशत का माहौल बन गया.

वन कर्मियों ने किया सफल रेस्क्यू
मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने अजगर को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया है. वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र पदाधिकारी महेश प्रसाद ने बताया कि वन्य जीव कभी-कभी रास्ता भटक कर रिहायशी क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं. अजगर की लंबाई 12 फीट थी. उसे जटाशंकर वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया है. वहीं, बकरी मालिक ने मुआवजे की मांग की है.

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