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उत्तराखंड : रांसी स्टेडियम में बना टर्फ विकेट, निखरेगी खिलाड़ियों की प्रतिभा

एशिया का दूसरा सबसे ऊंचा स्टेडियम यानि रांसी स्टेडियम पौड़ी में स्थित है. इस स्टेडियम में टर्फ विकेट बनाई गई है. टर्फ विकेट बनने से अब पहाड़ के क्रिकेटरों की प्रतिभा निखरकर सामने आएगी और उन्हें अपने आपको साबित करने का मौका मिलेगा.

टर्फ विकेट
टर्फ विकेट
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Published : Jun 27, 2020, 9:39 PM IST

देहरादून : एशिया के दूसरे सबसे ऊंचे स्टेडियम यानि रांसी स्टेडियम में टर्फ विकेट बन गया है. अब यहां के खिलाड़ियों की असली प्रतिभा निखरकर सामने आएगी. टर्फ विकेट पहाड़ के क्रिकेटरों को जूनियर और रणजी ट्रॉफी के ट्रायल में भी बहुत मददगार साबित होगा.

बता दें कि अभी तक यहां के क्रिकेटर मिट्टी के विकेट पर अभ्यास करके ट्रायल देने और मैच खेलने बाहर जाते थे. बाहर जाकर वो खुद को टर्फ विकेटों पर असहज पाते थे. पौड़ी के रांसी स्टेडियम में अब टर्फ विकेट के बनने के बाद खिलाड़ियों की राह काफी आसान दिख रही है.

रांसी स्टेडियम में बना टर्फ विकेट

टर्फ विकेट...

क्रिकेट कोच का कहना है कि गढ़वाल मंडल में देहरादून के अलावा पहली बार पौड़ी में इस तरह की पिच का निर्माण किया गया है. इसका श्रेय उप जिलाधिकारी पौड़ी को जाता है. दरअसल उप जिलाधिकारी अंशुल सिंह भी क्रिकेट प्रेमी हैं. उनके अनुसार क्रिकेटरों के लिए मैदान पर बेहतर सुविधा होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि पौड़ी के बच्चों की क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी और उनके भविष्य को देखते हुए उन्होंने इस पिच का निर्माण करवाया है. इस निर्माण से आने वाले समय में नए क्रिकेटरों की फौज तैयार होगी.

अब ट्रायल देने में दिक्कत नहीं...

क्रिकेट कोच विकास बिष्ट ने बताया कि पौड़ी के खिलाड़ी लंबे समय से मिट्टी और मैट में ही प्रशिक्षण लेते आ रहे थे. इससे आगे ट्रायल देने पर उन्हें बहुत सी दिक्कतें होती थीं. अब टर्फ विकेट बनने के बाद इन सभी खिलाड़ियों की राह आसान हो जाएगी. इस पिच पर प्रैक्टिस करने से ट्रायल के दौरान खिलाड़ी अपना बेहतर प्रदर्शन दिखा पाएंगे.

वहीं खिलाड़ी आयुष ने बताया कि पिछले पांच सालों से वह क्रिकेट की प्रैक्टिस कर रहे हैं. ऐसे में कुछ समस्याएं उन्हें ट्रायल के दौरान आती थीं, लेकिन टर्फ विकेट के निर्माण के बाद इसपर खेलने से उन्हें आने वाले समय में काफी फायदा भी होगा.

राजस्थान से मंगवाई पिच के लिए मिट्टी

रांसी मैदान में पिच बनाने वाले कुलवीर ने बताया कि टर्फ विकेट यानी क्रिकेट पिच से यहां के युवा खिलाड़ियों को काफी लाभ होगा. इसके निर्माण के लिए जिस मिट्टी का प्रयोग किया गया है, वह राजस्थान से मंगवाई गई है. रणजी ट्रॉफी से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी इसी तरह की पिच पर क्रिकेट खेला जाता है. पहली बार पहाड़ी क्षेत्र में इस तरह की पिच बनने के बाद क्रिकेट खिलाड़ियों में काफी जोश भी दिखाई दे रहा है.

पढ़ें :- 'गंदी राजनीति से आईओए को नुकसान पहुंच रहा'

IPL में पहुंच सकेंगे खिलाड़ी...

उप जिलाधिकारी अंशुल सिंह ने बताया कि पौड़ी में बहुत से युवा खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्हें खेलने के लिए अच्छी पिच की आवश्यकता थी. रांसी मैदान में टर्फ विकेट पर अभ्यास करके युवा जब भी आगे ट्रायल देने जाएंगे तो उन्हें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी.

उनका कहना है कि कुछ खिलाड़ियों को उन्होंने नजदीक से देखा है. उनके खेल, प्रदर्शन और जुनून को देखते हुए उन्हें पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में उत्तराखंड के लिए यह खिलाड़ी बेहतर साबित होंगे. उन्होंने कहा कि अगर इन खिलाड़ियों पर थोड़ा और ध्यान दिया जाए तो यह आईपीएल तक में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं.

देहरादून : एशिया के दूसरे सबसे ऊंचे स्टेडियम यानि रांसी स्टेडियम में टर्फ विकेट बन गया है. अब यहां के खिलाड़ियों की असली प्रतिभा निखरकर सामने आएगी. टर्फ विकेट पहाड़ के क्रिकेटरों को जूनियर और रणजी ट्रॉफी के ट्रायल में भी बहुत मददगार साबित होगा.

बता दें कि अभी तक यहां के क्रिकेटर मिट्टी के विकेट पर अभ्यास करके ट्रायल देने और मैच खेलने बाहर जाते थे. बाहर जाकर वो खुद को टर्फ विकेटों पर असहज पाते थे. पौड़ी के रांसी स्टेडियम में अब टर्फ विकेट के बनने के बाद खिलाड़ियों की राह काफी आसान दिख रही है.

रांसी स्टेडियम में बना टर्फ विकेट

टर्फ विकेट...

क्रिकेट कोच का कहना है कि गढ़वाल मंडल में देहरादून के अलावा पहली बार पौड़ी में इस तरह की पिच का निर्माण किया गया है. इसका श्रेय उप जिलाधिकारी पौड़ी को जाता है. दरअसल उप जिलाधिकारी अंशुल सिंह भी क्रिकेट प्रेमी हैं. उनके अनुसार क्रिकेटरों के लिए मैदान पर बेहतर सुविधा होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि पौड़ी के बच्चों की क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी और उनके भविष्य को देखते हुए उन्होंने इस पिच का निर्माण करवाया है. इस निर्माण से आने वाले समय में नए क्रिकेटरों की फौज तैयार होगी.

अब ट्रायल देने में दिक्कत नहीं...

क्रिकेट कोच विकास बिष्ट ने बताया कि पौड़ी के खिलाड़ी लंबे समय से मिट्टी और मैट में ही प्रशिक्षण लेते आ रहे थे. इससे आगे ट्रायल देने पर उन्हें बहुत सी दिक्कतें होती थीं. अब टर्फ विकेट बनने के बाद इन सभी खिलाड़ियों की राह आसान हो जाएगी. इस पिच पर प्रैक्टिस करने से ट्रायल के दौरान खिलाड़ी अपना बेहतर प्रदर्शन दिखा पाएंगे.

वहीं खिलाड़ी आयुष ने बताया कि पिछले पांच सालों से वह क्रिकेट की प्रैक्टिस कर रहे हैं. ऐसे में कुछ समस्याएं उन्हें ट्रायल के दौरान आती थीं, लेकिन टर्फ विकेट के निर्माण के बाद इसपर खेलने से उन्हें आने वाले समय में काफी फायदा भी होगा.

राजस्थान से मंगवाई पिच के लिए मिट्टी

रांसी मैदान में पिच बनाने वाले कुलवीर ने बताया कि टर्फ विकेट यानी क्रिकेट पिच से यहां के युवा खिलाड़ियों को काफी लाभ होगा. इसके निर्माण के लिए जिस मिट्टी का प्रयोग किया गया है, वह राजस्थान से मंगवाई गई है. रणजी ट्रॉफी से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी इसी तरह की पिच पर क्रिकेट खेला जाता है. पहली बार पहाड़ी क्षेत्र में इस तरह की पिच बनने के बाद क्रिकेट खिलाड़ियों में काफी जोश भी दिखाई दे रहा है.

पढ़ें :- 'गंदी राजनीति से आईओए को नुकसान पहुंच रहा'

IPL में पहुंच सकेंगे खिलाड़ी...

उप जिलाधिकारी अंशुल सिंह ने बताया कि पौड़ी में बहुत से युवा खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्हें खेलने के लिए अच्छी पिच की आवश्यकता थी. रांसी मैदान में टर्फ विकेट पर अभ्यास करके युवा जब भी आगे ट्रायल देने जाएंगे तो उन्हें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी.

उनका कहना है कि कुछ खिलाड़ियों को उन्होंने नजदीक से देखा है. उनके खेल, प्रदर्शन और जुनून को देखते हुए उन्हें पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में उत्तराखंड के लिए यह खिलाड़ी बेहतर साबित होंगे. उन्होंने कहा कि अगर इन खिलाड़ियों पर थोड़ा और ध्यान दिया जाए तो यह आईपीएल तक में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं.

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