नई दिल्ली: गृह मंत्रालय द्वारा टुकड़े-टुकड़े गिरोह के बारे में कोई जानकारी न देने पर उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने कहा है कि आधिकारिक तौर कोई टुकड़े टुकडे गिरोह नहीं हो, लेकिन यह उन लोगों संदर्भित करता है. जो भारत को बांटने की बात करते हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रकाश सिंह कहा कि इसके अस्तित्व में जाने से बेहतर है कि हम इसके महत्व पर गौर करें. उन्होंने कहा कि लोगों का एक वर्ग विशेषकर कुछ विश्वविद्यालय भारत को बांटने की बात करते हैं.
बता दें कि प्रकाश सिंह ने पहले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक के रूप में सेवा दे चुके हैं. उसके बाद वह असम पुलिस में महानिदेशक के पद पर भी रहे.
सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग से कोई भी टुकड़े टुकड़े गिरोह को पंजीकृत नहीं है, लेकिन एक समूह है जो कुछ यूनिवर्सिटी में मिलता है और यह भारत को बांटने की बात करता है. उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के समूहों के लोग गृह मंत्रालय के नकार देने का फायदा नहीं उठा सकते.
गौरतलब है कि साकेत गोखले की एक आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने इस तरह के टुकड़े टुकड़े गैंग के होने से इंकार किया है.
मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा है उसके पास किसी भी टुकड़े टुकड़े गैंग होने की कोई सूचना नहीं है.
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दिलचस्प बात यह है कि गोखले ने यह आरटीआई उस समय दायर की जब गृहमंत्री अमित शाह ने 26 दिसंबर को अपनी एक रैली में कहा था कि टुकड़े टुकड़े गैंग को सबक सिखाने की जरूरत है.
यहां यह स्पष्ट करना जरुरी है कि 'टुकड़े टुकड़े गैंग' का इस्तेमाल पहली बार फरवरी 2016 में जेएनयू छात्र संघ के पूर्वाध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार करने के समय किया गया था. कुमार पर आरोप था कि उन्होंने भारत को बांटने के नारे लगाए थे.