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एक समूह है जो देश को बांटने की बात करता है : पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह - सुरक्षा विशेषज्ञ प्रकाश सिंह

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने गृह मंत्रालय द्वारा टुकड़े-टुकड़े गिरोह के होने से इंकार करने पर कहा है कि भले ही गृह मंत्रालय ने टुकड़े-टुकड़े गैंग के होने से इंकार कर दिया है लेकिन एक वर्ग है, जो भारत को बाटंने की बात करता है.

ईटीवी भारत से बात करते प्रकाश सिंह
ईटीवी भारत से बात करते प्रकाश सिंह
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Published : Jan 22, 2020, 12:08 AM IST

Updated : Feb 17, 2020, 10:52 PM IST

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय द्वारा टुकड़े-टुकड़े गिरोह के बारे में कोई जानकारी न देने पर उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने कहा है कि आधिकारिक तौर कोई टुकड़े टुकडे गिरोह नहीं हो, लेकिन यह उन लोगों संदर्भित करता है. जो भारत को बांटने की बात करते हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रकाश सिंह कहा कि इसके अस्तित्व में जाने से बेहतर है कि हम इसके महत्व पर गौर करें. उन्होंने कहा कि लोगों का एक वर्ग विशेषकर कुछ विश्वविद्यालय भारत को बांटने की बात करते हैं.

बता दें कि प्रकाश सिंह ने पहले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक के रूप में सेवा दे चुके हैं. उसके बाद वह असम पुलिस में महानिदेशक के पद पर भी रहे.

सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग से कोई भी टुकड़े टुकड़े गिरोह को पंजीकृत नहीं है, लेकिन एक समूह है जो कुछ यूनिवर्सिटी में मिलता है और यह भारत को बांटने की बात करता है. उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के समूहों के लोग गृह मंत्रालय के नकार देने का फायदा नहीं उठा सकते.

ईटीवी भारत से बात करते प्रकाश सिंह

गौरतलब है कि साकेत गोखले की एक आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने इस तरह के टुकड़े टुकड़े गैंग के होने से इंकार किया है.

मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा है उसके पास किसी भी टुकड़े टुकड़े गैंग होने की कोई सूचना नहीं है.

पढ़ें- JNU में छात्रों के बीच फिर हुई मारपीट, आइशी घोष ने ABVP पर लगाया आरोप

दिलचस्प बात यह है कि गोखले ने यह आरटीआई उस समय दायर की जब गृहमंत्री अमित शाह ने 26 दिसंबर को अपनी एक रैली में कहा था कि टुकड़े टुकड़े गैंग को सबक सिखाने की जरूरत है.

यहां यह स्पष्ट करना जरुरी है कि 'टुकड़े टुकड़े गैंग' का इस्तेमाल पहली बार फरवरी 2016 में जेएनयू छात्र संघ के पूर्वाध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार करने के समय किया गया था. कुमार पर आरोप था कि उन्होंने भारत को बांटने के नारे लगाए थे.

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय द्वारा टुकड़े-टुकड़े गिरोह के बारे में कोई जानकारी न देने पर उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने कहा है कि आधिकारिक तौर कोई टुकड़े टुकडे गिरोह नहीं हो, लेकिन यह उन लोगों संदर्भित करता है. जो भारत को बांटने की बात करते हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रकाश सिंह कहा कि इसके अस्तित्व में जाने से बेहतर है कि हम इसके महत्व पर गौर करें. उन्होंने कहा कि लोगों का एक वर्ग विशेषकर कुछ विश्वविद्यालय भारत को बांटने की बात करते हैं.

बता दें कि प्रकाश सिंह ने पहले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक के रूप में सेवा दे चुके हैं. उसके बाद वह असम पुलिस में महानिदेशक के पद पर भी रहे.

सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग से कोई भी टुकड़े टुकड़े गिरोह को पंजीकृत नहीं है, लेकिन एक समूह है जो कुछ यूनिवर्सिटी में मिलता है और यह भारत को बांटने की बात करता है. उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के समूहों के लोग गृह मंत्रालय के नकार देने का फायदा नहीं उठा सकते.

ईटीवी भारत से बात करते प्रकाश सिंह

गौरतलब है कि साकेत गोखले की एक आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने इस तरह के टुकड़े टुकड़े गैंग के होने से इंकार किया है.

मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा है उसके पास किसी भी टुकड़े टुकड़े गैंग होने की कोई सूचना नहीं है.

पढ़ें- JNU में छात्रों के बीच फिर हुई मारपीट, आइशी घोष ने ABVP पर लगाया आरोप

दिलचस्प बात यह है कि गोखले ने यह आरटीआई उस समय दायर की जब गृहमंत्री अमित शाह ने 26 दिसंबर को अपनी एक रैली में कहा था कि टुकड़े टुकड़े गैंग को सबक सिखाने की जरूरत है.

यहां यह स्पष्ट करना जरुरी है कि 'टुकड़े टुकड़े गैंग' का इस्तेमाल पहली बार फरवरी 2016 में जेएनयू छात्र संघ के पूर्वाध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार करने के समय किया गया था. कुमार पर आरोप था कि उन्होंने भारत को बांटने के नारे लगाए थे.

Intro:New Delhi: A day after Home Ministry has said that there is no information concerning "tukde-tukde gang", security expert Prakash Singh said, "Officialy there night not be any tukde tukde gang, but it refers to those who talks about disintegrating India."


Body:"Instead of going into the substance, we should look into its significance...It is meant to a section of people especially a few selected universities and its people who talks about disintegration of India," said Prakash Singh.

Singh had earlier served as Border Security Force (BSF) director general. He also served as the Director General of Assam Police.

Singh said that there might not be any tukde tukde gang registered with the election commission, "but they are a group of people who talks about disintegrating India."

They have been identified especially in some selected universities, he said.

Singh further said that such group of people can't also take advantage of Home Ministry's denial on the presence of such gang.


Conclusion:In an RTI reply to Saket Gokhale, Home Ministry ruled out the presence of such tukde tukde gang.

"Ministry of Home Affairs has no information concerning tukde tukde gang," said MAA in a reply in Monday.

Interestingly, Gokhale had filed the RTI application on December 26 after Home Minister Amit Shah had told in a rally that the "tukde tukde gang" needed to be taught a lesson.

It may be mentioned here that the term was first used around the time Kanhiya Kumar, former JNU president was arrested in February 2016, when it was alleged that slogans threatening the integrity of the country were raised.

On later stages the phrase was subsequently used by leaders of political parties mainly BJP.

end.

Last Updated : Feb 17, 2020, 10:52 PM IST
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