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कश्मीर पर अपनी बात से क्यों पलटे ट्रंप, पूर्व राजनयिक ने बताई ये बात - राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

कश्मीर मामले पर विवादित बयान के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपना बयान बदल लिया है. अब ट्रंप कह रहे है कि अगर भारत और पाक चाहे, तभी वह हस्तक्षेप कर सकते हैं. इस मामले पर अमेंरिका के लिए पूर्व राजदूत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जानें उन्होंने क्या कहा...

पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत
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Published : Aug 2, 2019, 7:30 PM IST

Updated : Aug 2, 2019, 8:07 PM IST

नई दिल्लीः कश्मीर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना बयान बदल लिया है. उन्होंने कहा कि जब तक भारत और पाक नहीं चाहे, तबतक वह हस्तक्षेप नहीं करेंगे. इसके पहले ट्रंप ने मध्यस्थता की बात कही थी.

वाशिंगटन डीसी में मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कश्मीर विवाद को सुलझाना भारत और पाकिस्तान पर निर्भर था. वह हस्तक्षेप करने के लिए तैयार हैं, अगर दोनो देश सालों पुराने विवाद को सुलझाने में उनकी मदद मांगते हैं.

इस मामले पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की कही गई बातों को गलत समझा होगा. मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कभी ट्रंप से मध्यस्थता के लिए नहीं कहा होगा.'

अपना मत देते पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत

पढ़ें-माइक पोम्पियो से मिले विदेश मंत्री जयशंकर- बोले, कश्मीर भारत-पाक का मसला

आपको बता दें अनिल त्रिगुणायत ने अमेरिका में भारतीय राजनयिक के रूप में कार्य किया है.

पूर्व राजदूत आगे कहते हैं कि कई बार ऐसा होता है कि जब हम विश्व नेताओं से कहते हैं कि वह पाक के ऊपर उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को बंद करने के लिए दबाव बनाए. तब उनको लगता है कि हम उनसे कश्मीर मुद्दे पर भी उनकी मदद मांग रहे हैं.

आज विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने ASEAN विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के समक्ष भारत के रुख को स्पष्ट कर दिया.

इसपर त्रिगुणायत कहते हैं कि 1972 के शिमला समझौते से भारत ने लगातार यही कहा है, जिसे लाहौर घोषणा में दोहराया भी गया था. हर बार पाकिस्तान ने भी स्वीकार किया है कि कश्मीर से संबधित सभी मसले सिर्फ भारत और पाक द्विपक्षीय तरीके से सुलझाएंगे.

नई दिल्लीः कश्मीर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना बयान बदल लिया है. उन्होंने कहा कि जब तक भारत और पाक नहीं चाहे, तबतक वह हस्तक्षेप नहीं करेंगे. इसके पहले ट्रंप ने मध्यस्थता की बात कही थी.

वाशिंगटन डीसी में मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कश्मीर विवाद को सुलझाना भारत और पाकिस्तान पर निर्भर था. वह हस्तक्षेप करने के लिए तैयार हैं, अगर दोनो देश सालों पुराने विवाद को सुलझाने में उनकी मदद मांगते हैं.

इस मामले पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की कही गई बातों को गलत समझा होगा. मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कभी ट्रंप से मध्यस्थता के लिए नहीं कहा होगा.'

अपना मत देते पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत

पढ़ें-माइक पोम्पियो से मिले विदेश मंत्री जयशंकर- बोले, कश्मीर भारत-पाक का मसला

आपको बता दें अनिल त्रिगुणायत ने अमेरिका में भारतीय राजनयिक के रूप में कार्य किया है.

पूर्व राजदूत आगे कहते हैं कि कई बार ऐसा होता है कि जब हम विश्व नेताओं से कहते हैं कि वह पाक के ऊपर उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को बंद करने के लिए दबाव बनाए. तब उनको लगता है कि हम उनसे कश्मीर मुद्दे पर भी उनकी मदद मांग रहे हैं.

आज विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने ASEAN विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के समक्ष भारत के रुख को स्पष्ट कर दिया.

इसपर त्रिगुणायत कहते हैं कि 1972 के शिमला समझौते से भारत ने लगातार यही कहा है, जिसे लाहौर घोषणा में दोहराया भी गया था. हर बार पाकिस्तान ने भी स्वीकार किया है कि कश्मीर से संबधित सभी मसले सिर्फ भारत और पाक द्विपक्षीय तरीके से सुलझाएंगे.

Intro:Days after U.S. President Donald Trump stirred a massive controversy claiming that PM Modi has asked for his intervention on the Kashmir issue, he has changed his stance by dropping ball in India's court.


Body:While responding to a media query in Washington DC, President Trump said that it was up to India and Pakistan to resolve the Kashmir dispute. But he is ready to intervene if both India and Pakistan wanted him to help in resolving the decades old issue.

Talking exclusively to ETV Bharat, former ambassador Anil Trigunayat claimed, 'President Trump must have misread whatever PM Modi has said. And, I have no hesitation in saying that PM Modi would have never asked for his mediation.'

Anil Trigunayat who has also served as an Indian diplomat in the U.S. asserted, 'very often some of the world leaders tend to forget or make a differentiation between our need to impress upon Pakistan to contain state sponsor terrorism. And, when it is in the context of Kashmir they also think we are asking them talk on this issue as well.'




Conclusion:On External Affairs Minister Dr. Jaishankar making India's stand clear to the U.S. Secretary of State Mike Pompeo today during his bilateral engagement on the sidelines of the ASEAN Foreign Ministers' meet, the former diplomat said, 'this has been India's consistent positions in Simla Accord in 1972 which was reiterated in the Lahore declaration. And, every time it has been accepted by Pakistan that all the issues related to Kashmir will be resolved bilaterally.'
Last Updated : Aug 2, 2019, 8:07 PM IST
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