नई दिल्लीः कश्मीर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना बयान बदल लिया है. उन्होंने कहा कि जब तक भारत और पाक नहीं चाहे, तबतक वह हस्तक्षेप नहीं करेंगे. इसके पहले ट्रंप ने मध्यस्थता की बात कही थी.
वाशिंगटन डीसी में मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कश्मीर विवाद को सुलझाना भारत और पाकिस्तान पर निर्भर था. वह हस्तक्षेप करने के लिए तैयार हैं, अगर दोनो देश सालों पुराने विवाद को सुलझाने में उनकी मदद मांगते हैं.
इस मामले पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की कही गई बातों को गलत समझा होगा. मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कभी ट्रंप से मध्यस्थता के लिए नहीं कहा होगा.'
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आपको बता दें अनिल त्रिगुणायत ने अमेरिका में भारतीय राजनयिक के रूप में कार्य किया है.
पूर्व राजदूत आगे कहते हैं कि कई बार ऐसा होता है कि जब हम विश्व नेताओं से कहते हैं कि वह पाक के ऊपर उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को बंद करने के लिए दबाव बनाए. तब उनको लगता है कि हम उनसे कश्मीर मुद्दे पर भी उनकी मदद मांग रहे हैं.
आज विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने ASEAN विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के समक्ष भारत के रुख को स्पष्ट कर दिया.
इसपर त्रिगुणायत कहते हैं कि 1972 के शिमला समझौते से भारत ने लगातार यही कहा है, जिसे लाहौर घोषणा में दोहराया भी गया था. हर बार पाकिस्तान ने भी स्वीकार किया है कि कश्मीर से संबधित सभी मसले सिर्फ भारत और पाक द्विपक्षीय तरीके से सुलझाएंगे.