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आरक्षण मामला : सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का राहुल पर विवादित बयान - dehradun news

आरक्षण मामले को लेकर राजनीति गरमा गई है. ऐसे में एक बार फिर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहुल गांधी पर विवादित बयान दिया है. जानें पूरा मामला...

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सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
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Published : Feb 10, 2020, 7:00 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 9:44 PM IST

देहरादून : प्रमोशन में आरक्षण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब प्रमोशन में आरक्षण का विवाद उत्तराखंड से चलकर दिल्ली संसद भवन तक पहुंच गया है. प्रकरण को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस जमकर उत्तराखंड सरकार और भाजपा पर हमला बोल रही है. संसद में राहुल गांधी द्वारा आरक्षण का मामला उठाए जाने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहुल गांधी को लेकर विवादित बयान दिया है.

आरक्षण मामले पर पूछे गए सवाल पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लगता है राहुल गांधी फिर नशा करके चले गए. उनको यह मालूम होना चाहिए कि 2012 में कांग्रेस की सरकार उत्तराखंड में थी और उससे पहले भाजपा की सरकार उत्तराखंड में थी, लेकिन 9 मई 2012 में उन्हीं की सरकार ने मंत्रिमंडल की एक उप समिति बनाकर निर्णय किया था. लिहाजा राहुल गांधी भविष्य की राजनीति करना चाहते हैं तो थोड़ा पीछे भी देख लें.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान

क्या है पूरा मामला?
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राज्य सरकारें नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है. साथ ही पदोन्नति में आरक्षण का दावा करने का कोई मूल अधिकार नहीं है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा, 'इस न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के मद्देनजर इसमें कोई शक नहीं है कि राज्य सरकारें आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है. ऐसा कोई मूल अधिकार नहीं है, जिसके तहत कोई व्यक्ति पदोन्नति में आरक्षण का दावा करे.' वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही देशभर में राजनीति गरमा गई है.

देहरादून : प्रमोशन में आरक्षण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब प्रमोशन में आरक्षण का विवाद उत्तराखंड से चलकर दिल्ली संसद भवन तक पहुंच गया है. प्रकरण को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस जमकर उत्तराखंड सरकार और भाजपा पर हमला बोल रही है. संसद में राहुल गांधी द्वारा आरक्षण का मामला उठाए जाने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहुल गांधी को लेकर विवादित बयान दिया है.

आरक्षण मामले पर पूछे गए सवाल पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लगता है राहुल गांधी फिर नशा करके चले गए. उनको यह मालूम होना चाहिए कि 2012 में कांग्रेस की सरकार उत्तराखंड में थी और उससे पहले भाजपा की सरकार उत्तराखंड में थी, लेकिन 9 मई 2012 में उन्हीं की सरकार ने मंत्रिमंडल की एक उप समिति बनाकर निर्णय किया था. लिहाजा राहुल गांधी भविष्य की राजनीति करना चाहते हैं तो थोड़ा पीछे भी देख लें.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान

क्या है पूरा मामला?
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राज्य सरकारें नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है. साथ ही पदोन्नति में आरक्षण का दावा करने का कोई मूल अधिकार नहीं है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा, 'इस न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के मद्देनजर इसमें कोई शक नहीं है कि राज्य सरकारें आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है. ऐसा कोई मूल अधिकार नहीं है, जिसके तहत कोई व्यक्ति पदोन्नति में आरक्षण का दावा करे.' वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही देशभर में राजनीति गरमा गई है.

Intro:एक्सक्लुसिव ....

आरक्षण में प्रमोशन का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब आरक्षण में प्रमोशन का विवाद उत्तराखंड से चलकर दिल्ली संसद भवन तक पहुंच गया है। यह नहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस जमकर उत्तराखंड सरकार और भाजपा पर हमला बोल रही है। तो वही संसद में राहुल गांधी द्वारा आरक्षण का मामला उठाए जाने पर उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहुल गांधी पर बड़ा विवादित बयान दिया है।


Body:वही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि लगता है राहुल गांधी आज फिर नशा करके संसद में चले गए। उनको यह मालूम होना चाहिए कि 2012 में कांग्रेस की सरकार उत्तराखंड में थी और उससे पहले भाजपा की सरकार उत्तराखंड में थी। लेकिन 9 मई 2012 में उन्हीं की सरकार ने मंत्रिमंडल की एक उप समिति बनाकर निर्णय लिया था। लिहाजा राहुल गांधी भविष्य की राजनीति करना चाहते हैं तो थोड़ा पीछे भी देख ले। 





Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 9:44 PM IST
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