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तीन तलाक याचिकाकर्ता इशरत जहां ने PM मोदी को बांधी राखी - तलाक याचिकाकर्ता इशरत जहां

रक्षाबंधन के मौके पर इशरत जहां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी बांधी. हालांकि, इशरत अपने साथ लाया हुआ रसगुल्ले का डब्बा मोदी को नहीं दे पाईं. बता दें, इशरत जहां तीन तलाक याचिकाकर्ता हैं. पढे़ं पूरी खबर...

PM मोदी को राखी बांधते हुए इशरत जहां
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Published : Aug 15, 2019, 11:50 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 3:36 AM IST

कोलकाता: तीन तलाक मामले की प्रमुख याचिकाकर्ताओं में से एक इशरत जहां ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी बांधी और इस तीन तलाक की कुप्रथा को अवैध बनाने के लिये मुस्लिम बहनों की तरफ से उन्हें शुक्रिया कहा.

जहान ने दिल्ली में प्रधानमंत्री को तिरंगी राखी बांधी और कहा कि यह अवसर पाकर वह खुश हैं. इस साल स्वतंत्रता दिवस के दिन ही रक्षा बंधन पड़ा है.

जहां ने बताया, 'मैंने अपनी सभी मुस्लिम बहनों की तरफ से प्रधानमंत्री को एक बार में तीन तलाक की कुप्रथा को अवैध बनाने के लिये शुक्रिया अदा किया. प्रधानमंत्री ने अपने जवाब में कहा कि यह हमारा अधिकार है और हमें यह मिलना चाहिए.'

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद द्वारा पारित मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 को कानून बनाने के लिये एक अगस्त को अपनी मंजूरी दे दी थी.

पढ़ें: PM मोदी की 'पाकिस्तानी बहन' ने बांधी राखी, दिया ये खास तोहफा

इसके तहत मौखिक, लिखित, एसएमएस या वाट्सएप अथवा किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक चैट के जरिये तीन तलाक दिये जाने को अवैध घोषित किया गया.

जहां ने हालांकि इस बात पर अफसोस जताया कि वह अपने साथ लेकर गईं 'रसगुल्ले' का डिब्बा प्रधानमंत्री को नहीं दे पाईं. उन्होंने कहा, 'सुरक्षा कारणों से, मैं उन्हें रसगुल्ला नहीं दे पाई जो मैं कोलकाता से लेकर आई थी. हालांकि मैं प्रधानमंत्री को राखी बांधने का अवसर मिलने से खुश हूं.'

बता दें, जहां उच्चतम न्यायालय में एक बार में तीन तलाक के खिलाफ पांच याचिकाकर्ताओं में से एक हैं. वह पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले की रहने वाली हैं और 14 साल के एक पुत्र एवं आठ साल की एक पुत्री की मां हैं.

कोलकाता: तीन तलाक मामले की प्रमुख याचिकाकर्ताओं में से एक इशरत जहां ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी बांधी और इस तीन तलाक की कुप्रथा को अवैध बनाने के लिये मुस्लिम बहनों की तरफ से उन्हें शुक्रिया कहा.

जहान ने दिल्ली में प्रधानमंत्री को तिरंगी राखी बांधी और कहा कि यह अवसर पाकर वह खुश हैं. इस साल स्वतंत्रता दिवस के दिन ही रक्षा बंधन पड़ा है.

जहां ने बताया, 'मैंने अपनी सभी मुस्लिम बहनों की तरफ से प्रधानमंत्री को एक बार में तीन तलाक की कुप्रथा को अवैध बनाने के लिये शुक्रिया अदा किया. प्रधानमंत्री ने अपने जवाब में कहा कि यह हमारा अधिकार है और हमें यह मिलना चाहिए.'

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद द्वारा पारित मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 को कानून बनाने के लिये एक अगस्त को अपनी मंजूरी दे दी थी.

पढ़ें: PM मोदी की 'पाकिस्तानी बहन' ने बांधी राखी, दिया ये खास तोहफा

इसके तहत मौखिक, लिखित, एसएमएस या वाट्सएप अथवा किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक चैट के जरिये तीन तलाक दिये जाने को अवैध घोषित किया गया.

जहां ने हालांकि इस बात पर अफसोस जताया कि वह अपने साथ लेकर गईं 'रसगुल्ले' का डिब्बा प्रधानमंत्री को नहीं दे पाईं. उन्होंने कहा, 'सुरक्षा कारणों से, मैं उन्हें रसगुल्ला नहीं दे पाई जो मैं कोलकाता से लेकर आई थी. हालांकि मैं प्रधानमंत्री को राखी बांधने का अवसर मिलने से खुश हूं.'

बता दें, जहां उच्चतम न्यायालय में एक बार में तीन तलाक के खिलाफ पांच याचिकाकर्ताओं में से एक हैं. वह पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले की रहने वाली हैं और 14 साल के एक पुत्र एवं आठ साल की एक पुत्री की मां हैं.

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PRI GEN NAT
.KOLKATA CAL9
WB-ISHRAT-PM
Triple talaq petitioner Ishrat Jahan ties rakhi to PM
Kolkata, Aug 15 (PTI) Ishrat Jahan, one of the key
petitioners in the triple talaq case, tied a rakhi on the
wrist of Prime Minister Narendra Modi on Thursday and thanked
him on behalf of muslim sisters for making the Islamic
practise illegal.
         Jahan, who tied a Tricolour rakhi on the PM's wrist in
Delhi, said she was "delighted" to have got the opportunity.
         Independence Day this year coincided with Raksha
bandhan.
         "I thanked the prime minister on behalf of all my
muslim sisters for his initiative to make the practice of
instant triple talaq illegal. The PM, in his reply, said it
was our right and we should be getting it," Jahan told PTI
over phone.
         President Ram Nath Kovind had on August 1 gave his
assent to Muslim Women (Protection of Rights on Marriage)
Bill, 2019 passed by Parliament,turning it into a law.
         The law makes it illegal to pronounce talaq three
times in spoken, written or through SMS or WhatsApp or any
other electronic chat in one sitting.
         Jahan, however, lamented that she could not hand over
the container of 'rosogolla' that she had taken for the PM.
         "Due to security reasons, I could not give him (Modi)
the rosogolla that I had brought from Kolkata. However, I am
delighted to have got this opportunity of tying rakhi on the
PM's wrist," she said.
         Mother to a 14-year-old daughter and 8-year-old son,
Jahan is one of the five petitioners in the Supreme Court
against instant triple talaq. She is a resident of Howrah
district of West Bengal.
She had moved the apex court after her husband divorced
her over phone from Dubai by uttering the word 'talaq' thrice
consecutively in 2014.
         The practice of instant triple talaq was struck down
by the supreme court on August 22, 2017. PTI RMS
SNS
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08151920
NNNN
Last Updated : Sep 27, 2019, 3:36 AM IST
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