कोलकाता: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस और उसकी छात्र शाखा पर राज्य के महाविद्यालयों में उसे अपनी इकाइयां खोलने से रोकने के प्रयास के तहत आतंक का शासन फैलाने का आरोप लगाया.
हालांकि तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) ने अभाविप के आरोप से इनकार किया है. अभाविप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र इकाई है.
अभाविप के राष्ट्रीय महासचिव आशीष चौहान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'तृणमूल कांग्रेस छात्र शाखा हमें कॉलेजों में अपनी इकाइयां खोलने से रोकने की जी-तोड़ कोशिश कर रही है. लेकिन हमें विद्यार्थियों से भारी समर्थन मिल रहा है. फिलहाल करीब 500 कॉलेजों में हमारी इकाइयां हैं. आगामी दिनों में हम राज्य के और कॉलेजों में इकाइयां खोलेंगे.'
वैसे तो राज्य के कॉलेजों के ज्यादातर छात्रसंघों पर टीएमसीपी का नियंत्रण है लेकिन माकपा और कांग्रेस की छात्र इकाइयों का भी कुछ कॉलेजों के छात्र संघों पर वर्चस्व है.
चौहान ने कहा,'हम भी राज्य में आगामी छात्र संघ चुनाव लड़ेंगे.'
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अभाविप ने शनिवार को यहां केंद्रीय कार्य समिति की दो दिवसीय बैठक की थी. लोकसभा चुनाव में भाजपा की सफलता से उत्साहित अभाविप ने आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की योजना बनायी है.
भाजपा ने आम चुनाव में राज्य की 42 लोकसभा सीटों में 18 जीती थीं. वह सत्तारूढ़ तृणमूल से महज चार सीटें पीछे थी.
चौहान ने कहा, 'जिस तरह से हमारे सदस्यों पर हमला किया जा रहा है और उन्हें झूठे मामलों में गिरफ्तार किया जा रहा है, वह अप्रत्याशित है. हमारे खिलाफ जिस तरह की आतंकी तरीके अपनाये जा रहे हैं, वे लोकतंत्र में निंदनीय है.'
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इस पर टीएमसीपी के प्रदेश अध्यक्ष तृणाकूर भट्टाचार्य ने कहा, 'अभाविप के आरोप बेबुनियाद हैं. उनका राज्य में कोई आधार नहीं है. यही वजह है कि वे इस तरह की कहानियां गढ़ रहे हैं.'